राजनांदगांव: कोरोना वायरस के संक्रमण से चिंता में पड़े स्वास्थ्य विभाग को बड़ी राहत मिली है. जांच के लिए भेजे गए 1000 सैंपल में 616 लोगों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है. वहीं दूसरी ओर कोविड-19 अस्पताल से 23 लोगों को डिस्चार्ज किया गया है. शनिवार को देर रात तक एक भी कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज नहीं मिले हैं.
दरअसल, कोरोना की जांच के लिए साढ़े 7 हजार से ज्यादा लोगों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे. इनमें अब तक 258 लोग ही संक्रमित पाए गए हैं, इससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि स्वास्थय विभाग की ओर से किए जा रहे प्रयास का अब असर भी दिखने लगा है. हालांकि अब भी विभाग को पॉजिटिव मरीज मिल रहे हैं.
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शहर में 15 वार्ड कंटेनमेंट जोन
लखोली में कोरोना वायरस का विस्फोट होने के बाद लगातार शहर के अलग-अलग इलाकों से स्वास्थ्य विभाग को संक्रमित मरीज मिले हैं. इसके कारण शहर में 15 वार्ड को कंटेनमेंट जोन में शामिल किया गया है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से रोजाना तकरीबन डेढ़ सौ सैंपल जांच के लिए एम्स भेज रहा है. लगातार सैंपलिंग भी की जा रही है, ताकि संक्रमण पर जल्द से जल्द लगाम लगाया जा सके. स्वास्थ्य अमले ने प्राइमरी कांटेक्ट में आने वाले लोगों के लगभग सैंपल भेज दिए हैं.
घर-घर में जांच
शहर में अब तक जिन इलाकों से संक्रमित मरीज सामने आए हैं, उन्हें कंटेनमेंट जोन घोषित करते हुए वहां रहने वाले लोगों के घरों में जाकर सर्वे किया गया है. स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल टीम के साथ घरों में दस्तक देकर लोगों से संक्रमण के लक्षणों को लेकर के सर्वे किया है. सीएमएचओ मिथिलेश चौधरी ने बताया कि 5693 घरों का सर्वे किया गया है, जहां पर 27591 सदस्यों से पूछताछ भी की गई है. उन्होंने बताया कि सर्वे के दौरान सर्दी खांसी और बुखार के भी मरीज मिले हैं. इन मरीजों का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया है.
ज्यादा सैंपलिंग की आवश्यकता
शहर में वायरस जिस तेजी से फैला है इसे पूरी तरीके से कंट्रोल करने के लिए ज्यादा से ज्यादा सैंपल लेने की आवश्यकता है. हालांकि विभाग ने अब तक 1000 लोगों की सैंपलिंग की है, जबकि शहर के 1 वार्ड की आबादी 4000 से अधिक है ऐसी स्थिति में ज्यादा से ज्यादा सैंपलिंग की आवश्यकता है.