हैदराबाद: अफगानिस्तान और दक्षिण अफ्रीका के बीच शारजाह में तीन मैचों की वनडे सीरीज खेली जा रही है. पहले दो मुकाबलों में अफगानिस्तान ने अफ्रीका को बुरी तरह हराकर वनडे सीरीज पर कब्जा कर लिया है. यह पहली बार है जब अफगानिस्तान ने दक्षिण अफ्रीका जैसी मजबूत टीम को हराया है.
सीरीज के पहले मैच में अफगानिस्तान ने अफ्रीका को 106 रन पर ऑलआउट कर 26 ओवर में मुकाबले को अपने नाम कर लिया. उसके बाद दूसरे मैच में एक बार अफगानिस्तान ने लाजवाब प्रदर्शन करते हुए 311 का स्कोर बनाया और अफ्रीका को 134 रन पर समेटते हुए 177 रनों से मैच को अपने नाम कर लिया.
High 🖐️s for @RashidKhan_19 after a sensational performance to help #AfghanAtalan secure a series win over Proteas. 🤩👏#AFGvSA | #GloriousNationVictoriousTeam pic.twitter.com/xRAz6CBBpE
— Afghanistan Cricket Board (@ACBofficials) September 20, 2024
अफगानिस्तान क्रिकेट टीम का नहीं कोई हॉम ग्राउंड
अफगानिस्तान क्रिकेट टीम लंबे समय से अपने देश में सुरक्षा चिंताओं के कारण अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेल पा रही है. क्योंकि इस देश में कोई भी दूसरी टीम जाने को तैयार नहीं है, जबकि काबुल में घरेलू मैच होते हैं और इस टूर्नामेंट में अफगानिस्तान के बड़े खिलाड़ी भी हिस्सा लेते हैं.
आईसीसी के सदस्य देश काबुल जाने से बचते हैं, जिसके कारण अफगानिस्तान क्रिकेट टीम कभी भारत तो कभी दुबई और शारजाह में अन्य टीमों की मेजबानी करती है.
𝐎𝐯𝐞𝐫𝐬: 𝟗
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𝐃𝐨𝐭𝐬: 𝟑𝟗
𝐑𝐮𝐧𝐬: 𝟏𝟗
𝐖𝐢𝐜𝐤𝐞𝐭𝐬: 𝟓
𝐄. 𝐑𝐚𝐭𝐞: 𝟐.𝟏𝟏 @rashidkhan_19, battling cramps in his left hamstring, delivered a masterclass bowling display to take his 4th 5-wicket haul and guide #AfghanAtalan to a 2-0 lead in the series. 👏🤩 pic.twitter.com/CbwvO7b8PX
भारत में अफगानिस्तान क्रिकेट टीम का होम ग्राउंड
सुरक्षा चिंताओं के कारण, अफगानिस्तान क्रिकेट टीम ने शुरुआत में संयुक्त अरब अमीरात के शारजाह में अभ्यास किया और वहां अपने मैच खेले. लेकिन जब भारत-अफगानिस्तान संबंधों में सुधार होने लगा, तो हामिद करजई सरकार ने अफगान खिलाड़ियों को क्रिकेट खेलने के लिए 2015 में भारत और अफगानिस्तान के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए.
जिसके तहत ग्रेटर नोएडा क्रिकेट स्टेडियम को अफगानिस्तान क्रिकेट टीम के घरेलू मैदान के रूप में प्रस्तुत किया गया था लेकिन यह उनका स्थायी घरेलू मैदान नहीं है. तब से, अफगानिस्तान क्रिकेट टीम भारत में अभ्यास करती है और अन्य देशों के साथ मैच भी खेलती है.
ICYMI: #AfghanAtalan went past South Africa by 177 runs in the 2nd match to go 2-0 up in the three-match ODI series.
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हालाँकि यह अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड का घरेलू मैदान था, इसने आखिरी बार मार्च 2020 में अफगानिस्तान और आयरलैंड के बीच एक अंतरराष्ट्रीय टेस्ट की मेजबानी की थी. लेकिन जल्द ही, 9 सितंबर को, अफगानिस्तान को न्यूजीलैंड के खिलाफ नोएडा स्टेडियम में एक टेस्ट मैच खेलना पड़ा लेकिन बारिश के कारण वह मैच रद्द करना पड़ा.
पाकिस्तान को छोड़ भारत से लिया साथ
अफगानिस्तान क्रिकेट टीम को शुरुआत में आगे बढ़ने के लिए दूसरे देशों पर निर्भर होना पड़ा. में पाकिस्तान ने अहम भूमिका निभाई है, लेकिन समय और राजनीतिक रिश्तों ने दोनों देशों के बीच तनाव की खाई इतनी बढ़ा दी है कि इसका असर क्रिकेट टीम पर भी पड़ा है और अफगानी खिलाड़ियों में भारत के लिए प्यार और स्रेह बढ़ने लगा.
अफगानिस्तान के लोग पाकिस्तानी खिलाड़ियों से ज्यादा भारतीय खिलाड़ियों को पसंद करते हैं और भारतीय लोग भी पाकिस्तान से ज्यादा अफगानिस्तान को पसंद करते हैं. जिसका सबसे बड़ा उदाहरण यह है कि अफगानिस्तान के कई खिलाड़ी आईपीएल में भी खेलते नजर आते हैं और अगर अफगानिस्तान का मैच पाकिस्तान के साथ होता है तो भारत के लोग अफगानिस्तान का समर्थन करते नजर आते हैं.
अजेय जड़ेजा की कोंचिंग में निखरी टीम
अफगानिस्तान क्रिकेट टीम के पहले कोच पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर कबीर खान थे, उनके बाद इंजमाम-उल-हक, राशिद लतीफ और उमर गुल जैसे बड़े खिलाड़ियों ने भी अफगानिस्तान क्रिकेट टीम को कोचिंग दी है. लेकिन उनके कोचिंग स्टाफ में कई पूर्व भारतीय खिलाड़ी रहे हैं. उसके बाद अजय जड़ेजा ने अफगानिस्तान कोचिंग का जिम्मा संभाला जिसके बाद टीम का वर्ल्ड कप 2023 में शानदार प्रदर्शन देखने को मिला.
विस्फोट ने अफगानिस्तान के रिश्तो को पूरा बदला
2017 में अफगानिस्तान में एक विस्फोट हुआ जिसने पाकिस्तान-अफगानिस्तान क्रिकेट रिश्ते को हमेशा के लिए बदल दिया. क्योंकि इस धमाके का आरोप पाकिस्तान पर लगा था और इसके बाद दोनों देशों के रिश्ते खत्म हो गए थे जिसका असर क्रिकेट पर भी पड़ा था.
तालिबान काल में भी भारत-अफगानिस्तान क्रिकेट पर कोई असर नहीं पड़ा
माना जा रहा था कि अफगानिस्तान में अशरफ गनी की सरकार खत्म होने के बाद भारत के अफगानिस्तान से रिश्ते पहले जैसे नहीं रहेंगे. लेकिन तालिबान के सत्ता में लौटने के बाद भी भारत ने अफगानिस्तान के साथ अच्छे संबंध बनाए रखे, जिसका असर क्रिकेट पर भी पड़ा और तालिबान ने भी कई मौकों पर अफगान क्रिकेट की मदद के लिए बीसीसीआई को धन्यवाद दिया.
बीसीसीआई करता है करोड़ों की मदद
गौरतलब है कि भारत ने अफगानिस्तान में क्रिकेट मैदान के निर्माण में करोड़ों रुपये का निवेश किया है और भारत हमेशा यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है कि अफगानिस्तान में क्रिकेट के विकास में किसी भी तरह की बाधा न आए. इसी वजह से बीसीसीआई ने अब अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड को नोएडा के अलावा कानपुर और देहरादून के स्टेडियम में भी क्रिकेट खेलने का ऑफर दिया है.
बता दें कि अफगानिस्तान क्रिकेट टीम में पिछले कुछ सालों में काफी सुधार हुआ है. अफगानिस्तान बोर्ड इसका श्रेय भारत की बीसीसीआई को देता है. जिसके चलते पाकिस्तान के कई खिलाड़ी अफगानिस्तान की आलोचना भी करते हैं कि हमने उन्हें क्रिकेट सिखाया और अब वे हमारे दुश्मन की तारीफ करते हैं.
वनडे विश्व कप 2023 में अफगानिस्तान क्रिकेट टीम का शानदार प्रदर्शन देखने को मिला है, जबकि टी20 विश्व कप 2024 में इस टीम ने सेमीफाइनल में पहुंचकर इतिहास रच दिया है. इसके साथ ही नई उभरती टीम ने भारत को छोड़कर आईसीसी के सभी सदस्य देशों को पछाड़ दिया है, जो टीम के लिए सफलता की गारंटी है.