रायपुर: हर किसी को अपने जीवन को संवारने का अधिकार है. कुछ ऐसे ही चाहत को लेकर दृष्टिबाधित दिव्यांग प्रकाश कुमार खेलवार आरंग से मुख्यमंत्री निवास पहुंचे हुए थे. लेकिन मुख्यमंत्री निवास के बाहर से ही उनके मदद की गुहार सुने बगैर उन्हें वापस भेजा दिया गया. उन्हें मायूस होकर लौटना पड़ा. गरीब परिवार से आने वाले प्रकाश कुमार खेलवार आरंग के रहने वाले हैं. ईटीवी भारत से बातचीत में प्रकाश कुमार खेलवार ने बताया " मुझे अपनी पढ़ाई के लिए अनुदान राशि की आवश्यकता है. इसलिए मैं मुख्यमंत्री से मुलाकात करने के लिए रायपुर आया था. लेकिन बाहर गेट में कहा जा रहा है कि यहां आवदेन जमा नहीं हो रहा. बाहर बैठे अधिकारियों का कहना है कि जिस चीज के लिए सहायता चाहिए. उन्हीं विभाग में आवेदन जमा करने की बात कही है."
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प्रकाश कुमार खेलवार ने बताया कि "वे स्पेशल डीएड की पढ़ाई कर रहा हूं. वे डिप्लोमा स्पेशल एजुकेशन फॉर द विजुअल हैंडीकैप यह दो साल का कोर्स है. जिसमें सिर्फ कालेज की फीस 90 हजार रुपए है और आने जाने में मुझे तकलीफ होती हैं, इसलिए मेरे साथ सहयोगी आता है. मुझे महीने का 6 हजार रुपए लगता है. मेरी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. इसलिए मुख्यमंत्री से मदद की गुहार लगाने के लिए मैं यहां पहुंचा हूं."
छोटा भाई मजदूरी कर परिवार चलाता है: प्रकाश खेलवार ने बताया " मैं गरीब परिवार से आता हूं, मेरे पिता का स्वर्गवास हो गया है और मेरी मां काम नहीं कर सकती. मेरा छोटा भाई है. मजदूरी करके परिवार चलाता है. दृष्टि बाधित होने के कारण मैं भी ज्यादा काम नहीं कर पाता. इसलिए मैं अपनी पढ़ाई के लिए मुख्यमंत्री से मदद की आशा रखता हूं. ताकि मेरी पढ़ाई पूरी हो सके और मेरी जिंदगी संवर सके.
ब्लाइंड बच्चों को पढ़ाना चाहता: प्रकाश ने बताया " मैं आकांक्षा रॉयल इंस्टिट्यूट फॉर द मेंटली हैंडिकैप्ड से पढ़ाई कर रहा हूं. ऐसे बच्चों को मैं ब्रेल लिपि के माध्यम से पढ़ाऊंगा ताकि उनका जीवन भी संवर सके."