रायपुर: कोरोना के कारण छत्तीसगढ़ में भी हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. राजधानी रायपुर कोरोना का हॉट स्पॉट बन गया है. यही नहीं रायपुर में वीआईपी गलियारों में भी अब कोरोना ने दस्तक दे दी है. प्रदेश के तमाम सरकारी विभागों का संचालन करने वाले मंत्रालय में भी लगातार कोरोना के मरीज मिल रहे हैं. इतना ही नहीं सीएम हाउस और राजभवन जैसे वीवीआइपी जगहों को भी कोरोना ने अपनी जद में ले लिया है. ऐसे में अब प्रदेश के तमाम कर्मचारी संगठन कोरोना से राहत के लिए सरकार से मांग कर रहे हैं.
शुरुआती दौर में छत्तीसगढ़ में कोरोना के आंकड़े सामान्य थे. लोगों को भी यकीन नहीं था कि कोरोना वायरस उनके गली मोहल्लों तक भी पहुंच पाएगा, लेकिन छत्तीसगढ़ में कोरोना ने न केवल आम लोगों को बल्कि वीवीआईपी गलियारों में भी अपनी धमक दे दी है. राजभवन, सीएम हाउस और स्वास्थ्य मंत्री के बंगले में भी कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं. इसके साथ ही प्रदेश के सबसे बड़े मुख्यालय जहां से प्रदेश के तमाम सरकारी मशीनरी का संचालन होता है ऐसे मंत्रालय और विभागाध्यक्ष कार्यालय भी कोरोना की चपेट में है.
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इधर, कर्मचारी संगठनों ने राज्य सरकार से अपनी समस्याओं को साझा किया है, साथ ही मांग की है कि कोरोना के लिए विशेष स्वास्थ्य बीमा पैकेज दिया जाए. छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष विजय झा ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार अपने कर्मचारियों को बिना सुरक्षा के कोरोना ड्यूटी पर भेज रही है. ड्यूटी करने वाले तमाम कर्मचारियों को सुरक्षा देना चाहिए. शिक्षकों को तो कंटेनमेंट जोन में भी भेजा जा रहा है. उन्हें गली मोहल्लों में जाकर पढ़ाने के आदेश दिए गए हैं. जिससे सभी को संक्रमण का खतरा है, इसे बंद करना चाहिए.
मंत्रालय से मिले 50 से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव
कोरोना इमरजेंसी के दौरान भी इन दफ्तरों में अधिकारी कर्मचारी काम करते रहे हैं. अब कोरोना ने बड़े पैमाने पर मंत्रालय ने भी अपनी पैठ बना ली है. इंद्रावती भवन के मछली पालन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, राजस्व विभाग, पशुपालन विभाग समेत अन्य कई विभागों से 50 से ज्यादा कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव मिल चुके हैं.
100 फीसदी कर्मचारी कर रहे काम
मंत्रालय कर्मचारी संघ और राजपत्रित अधिकारी संघ ने अब सरकार से मांग की है कि अधिकारियों कर्मचारियों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही ड्यूटी पर लगाया जाए. शुरुआत में कर्मचारियों को मंत्रालय में 40 फीसदी उपस्थिति पर ही ड्यूटी में लगाया जा रहा था, लेकिन बाद में 100 प्रतिशत कर्मचारियों को एक साथ ड्यूटी पर लगा दिया गया है.
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शिविर लगाकर कोरोना की जांच
हालात यह है कि नया रायपुर में दफ्तर होने के चलते बड़ी संख्या पर कर्मचारी एक साथ बसों में आते हैं. यहां किसी तरह से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी नहीं हो पा रहा है. बसों में भी कर्मचारियों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ यानी कि केवल 40 फीसदी कर्मचारियों को ही बसों में लाया जाना चाहिए. हालांकि मंत्रालय में संयुक्त कर्मचारी संघ की मांग पर सभी कर्मचारियों का शिविर लगाकर कोरोना जांच की जा रही है.
कोरोना के बढ़ते संक्रमण ने बढ़ाई चिंता
शुरुआती लॉकडाउन के समय से लेकर अबतक तमाम विभागों के अधिकारी कर्मचारी हर मोर्चे पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं. अब वहीं लोग कोरोना वायरस की जद में आ रहे हैं. दूसरे प्रदेशों से मजदूरों को लगातार वापस लाने और उन्हें अपने घर भिजवाने जैसे कामों का जिम्मा संभाल रहे श्रम विभाग के सचिव सोनमणि बोरा समेत बिलासपुर कलेक्टर, कई विभाग के संचालक, राजभवन के कर्मचारी, स्वास्थ्य मंत्री बंगले के कर्मचारी और राजधानी के ही करीब 6 थानों के कर्मचारियों को कोरोना अपनी चपेट में लिया है. जो चिंता का विषय है.