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रायपुर: सब्जी मंडियों की रौनक हुई फीकी, दाम गिरने के बाद भी नहीं मिला रहा बाजार

रायपुर में सब्जियों के रेट कम होने के बाद भी लोग कोरोना संक्रमण के डर से सब्जी मंडी नहीं पहुंच रहे है, बल्कि अपने घरों के आस-पास ही सब्जियां खरीदना पसंद कर रहे है.

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सब्जी मंडियों की रौनक हुई फीकी
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Published : Jun 11, 2020, 7:50 PM IST

रायपुर: देश अनलॉक जरूर हो गया है, और ज्यादातर सभी चीजें खोल दी गई है. लेकिन फिर भी पहले जैसी रौनक अब कहीं भी नजर नहीं आ रही है. ऐसे ही हाल सब्जी मंडियों के भी है. जहां बाजार लगने और सब्जियों के दाम गिरने के बावजूद लोग नजर नहीं आ रहे है.

मंडियों की रौनक हुई फीकी

भीड़-भाड़ वाला शास्त्री बाजार हुआ सूना

राजधानी रायपुर की बात करें तो यहां की हर सब्जी मंडी का लगभग यही हाल है. राजधानी की सबसे बड़ी थोक सब्जी मंडी में से एक शास्त्री बाजार में भी ऐसी ही स्थिति है. मंडी में कुछ ही थोक विक्रेता अपनी दुकानें खोलकर बैठे है, ज्यादातर सब्जी की दुकानें बंद पड़ी हुई है.

सब्जियों की आवक बढ़ने से दाम हुए कम

लॉकडाउन-5 में ज्यादातर सभी चीजें खुल गई है, ट्रांसपोर्ट भी पहले की तरह शुरू हो चुका है, जिससे सब्जियों की आवक अच्छी हो गई है, आवक ज्यादा होने से सब्जियों के दाम भी कंट्रोल होने लगे है, लेकिन लोग पहले की तरह सब्जी मंडी में नहीं पहुंच रहे है. कोरोना महामारी के डर के कारण अब लोग भीड़-भाड़ वाली मंडियों से बचने लगे है और अपने आस-पास की ही छोटी-मोटी दुकानों में सब्जियां खरीदना पसंद कर रहे है.जिससे भी मंडी में सब्जियों की डिमांड कम हुई है.

खुदरा बाजार में भी सब्जियों के रेट गिरे

थोक मार्केट में सब्जी बेचने वालों ने बताया कि अब सब्जियों की सप्लाई होने लगी है, जिसके कारण दाम में गिरावट देखी जा रही है. सब्जियों की आवक लगातार चालू है, जिसके वजह से सब्जियों के दाम कम हो रहे है.थोक मार्केट के साथ ही खुदरा बाजार में भी धीरे-धीरे सब्जियों के दाम कम हो गए है. इसमें भी लोकल सब्जियां के दाम ज्यादा गिरे है जबकि गोभी, परवल, अरबी के दाम बढ़े हुए है.थोक विक्रेताओं का कहना है कि पूरी तरह लॉकडाउन खुलने के बाद सब्जियों के दाम में फिर से तेजी आएगी, क्योंकि इस समय रेस्टोरेंट, होटल सभी बंद है उनके खुलने के बाद सब्जियां के दाम फिर से बढ़ेंगे.

'कीड़ों से ज्यादा इंसानों के लिए खतरनाक है पेस्टिसाइड, हर्बल कीटनाशक की जरूरत'

मंडी की बजाय आस-पास ही सब्जियों की खरीदारी बढ़ी

वहीं ग्राहकों के मुताबिक रायपुर में लगातार कोरोना संक्रमण बढ़ता ही जा रहा है इस वजह से लोग मंडियों में सब्जियां सस्ती होने के बाद भी नहीं जा रहे है. ज्यादातर लोग अपने आसपास ही सब्जी खरीदना पसंद कर रहे है,चाहे उन्हें इसके लिए ज्यादा पैसे भी देने पड़े तो वो देना पसंद कर रहे है, लेकिन सब्जी मंडी जाने से बच रहे है. लोगों भी मान रहे है कि कुछ सब्जियों को छोड़कर ज्यादातर सब्जियां सस्ती ही मिल रही है.

थोक और होलसेल में सब्जियों के दाम

थोक व्यापारियों ने बताया कि बाजार में कुंदरू 10 से 12 रुपए किलो, सफेद भाटा 10 रुपए किलो बिक रहा है जबकि भिंडी चिल्लर में 10 रुपए किलो बिक रही है. गोभी के दाम थोड़े बढ़े हुए है जो होलसेल रेट में 25 से 30 रुपए किलो बिक रहा है, काला भाटा 10 से 12 रुपए किलो, पत्ता गोभी 10 से 12 रुपए किलो बिक रही है, टमाटर कुछ महंगा हुआ है. टमाटर 400 से 450 रुपए थोक में रेट के हिसाब से बिक रहे हैं. वहीं लौकी भी 10 से 15 रुपए किलो पर बिक रहा है.

कीटनाशकों पर बैन : फैसला अच्छा, लेकिन बढ़ जाएगी फसलों की लागत

सब्जियां दाम(प्रति किलो)
कुंदरू 10 रुपए
सफेद भाटा 10 रुपए
भिंडी 10 रुपए
गोभी 25-30(थोक)
काला भाटा 10-12 रुपए
पत्ता गोभी 10-12 रुपए
टमाटर 18-20 रुपए
लौकी 10-15
हरी सब्जियां -

रायपुर: देश अनलॉक जरूर हो गया है, और ज्यादातर सभी चीजें खोल दी गई है. लेकिन फिर भी पहले जैसी रौनक अब कहीं भी नजर नहीं आ रही है. ऐसे ही हाल सब्जी मंडियों के भी है. जहां बाजार लगने और सब्जियों के दाम गिरने के बावजूद लोग नजर नहीं आ रहे है.

मंडियों की रौनक हुई फीकी

भीड़-भाड़ वाला शास्त्री बाजार हुआ सूना

राजधानी रायपुर की बात करें तो यहां की हर सब्जी मंडी का लगभग यही हाल है. राजधानी की सबसे बड़ी थोक सब्जी मंडी में से एक शास्त्री बाजार में भी ऐसी ही स्थिति है. मंडी में कुछ ही थोक विक्रेता अपनी दुकानें खोलकर बैठे है, ज्यादातर सब्जी की दुकानें बंद पड़ी हुई है.

सब्जियों की आवक बढ़ने से दाम हुए कम

लॉकडाउन-5 में ज्यादातर सभी चीजें खुल गई है, ट्रांसपोर्ट भी पहले की तरह शुरू हो चुका है, जिससे सब्जियों की आवक अच्छी हो गई है, आवक ज्यादा होने से सब्जियों के दाम भी कंट्रोल होने लगे है, लेकिन लोग पहले की तरह सब्जी मंडी में नहीं पहुंच रहे है. कोरोना महामारी के डर के कारण अब लोग भीड़-भाड़ वाली मंडियों से बचने लगे है और अपने आस-पास की ही छोटी-मोटी दुकानों में सब्जियां खरीदना पसंद कर रहे है.जिससे भी मंडी में सब्जियों की डिमांड कम हुई है.

खुदरा बाजार में भी सब्जियों के रेट गिरे

थोक मार्केट में सब्जी बेचने वालों ने बताया कि अब सब्जियों की सप्लाई होने लगी है, जिसके कारण दाम में गिरावट देखी जा रही है. सब्जियों की आवक लगातार चालू है, जिसके वजह से सब्जियों के दाम कम हो रहे है.थोक मार्केट के साथ ही खुदरा बाजार में भी धीरे-धीरे सब्जियों के दाम कम हो गए है. इसमें भी लोकल सब्जियां के दाम ज्यादा गिरे है जबकि गोभी, परवल, अरबी के दाम बढ़े हुए है.थोक विक्रेताओं का कहना है कि पूरी तरह लॉकडाउन खुलने के बाद सब्जियों के दाम में फिर से तेजी आएगी, क्योंकि इस समय रेस्टोरेंट, होटल सभी बंद है उनके खुलने के बाद सब्जियां के दाम फिर से बढ़ेंगे.

'कीड़ों से ज्यादा इंसानों के लिए खतरनाक है पेस्टिसाइड, हर्बल कीटनाशक की जरूरत'

मंडी की बजाय आस-पास ही सब्जियों की खरीदारी बढ़ी

वहीं ग्राहकों के मुताबिक रायपुर में लगातार कोरोना संक्रमण बढ़ता ही जा रहा है इस वजह से लोग मंडियों में सब्जियां सस्ती होने के बाद भी नहीं जा रहे है. ज्यादातर लोग अपने आसपास ही सब्जी खरीदना पसंद कर रहे है,चाहे उन्हें इसके लिए ज्यादा पैसे भी देने पड़े तो वो देना पसंद कर रहे है, लेकिन सब्जी मंडी जाने से बच रहे है. लोगों भी मान रहे है कि कुछ सब्जियों को छोड़कर ज्यादातर सब्जियां सस्ती ही मिल रही है.

थोक और होलसेल में सब्जियों के दाम

थोक व्यापारियों ने बताया कि बाजार में कुंदरू 10 से 12 रुपए किलो, सफेद भाटा 10 रुपए किलो बिक रहा है जबकि भिंडी चिल्लर में 10 रुपए किलो बिक रही है. गोभी के दाम थोड़े बढ़े हुए है जो होलसेल रेट में 25 से 30 रुपए किलो बिक रहा है, काला भाटा 10 से 12 रुपए किलो, पत्ता गोभी 10 से 12 रुपए किलो बिक रही है, टमाटर कुछ महंगा हुआ है. टमाटर 400 से 450 रुपए थोक में रेट के हिसाब से बिक रहे हैं. वहीं लौकी भी 10 से 15 रुपए किलो पर बिक रहा है.

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सब्जियां दाम(प्रति किलो)
कुंदरू 10 रुपए
सफेद भाटा 10 रुपए
भिंडी 10 रुपए
गोभी 25-30(थोक)
काला भाटा 10-12 रुपए
पत्ता गोभी 10-12 रुपए
टमाटर 18-20 रुपए
लौकी 10-15
हरी सब्जियां -
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