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Varada Ganesh Chaturthi 2022: वरदा गणेश चतुर्थी व्रत, जानिए पूजा विधि, मुहूर्त और महत्व

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Published : Jul 2, 2022, 12:53 PM IST

आषाढ़ के शुक्ल पक्ष में आने वाली चतुर्थी को वरदा विनायक चतुर्थी (Varada Vinayaka Chaturthi) के नाम से जाना जाता है. इस बार वरदा विनायक चतुर्थी व्रत 3 जुलाई को है.

Varada Ganesh Chaturthi 2022
वरदा गणेश चतुर्थी 2022

रायपुर: हिंदू धर्म के अनुसार शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता है. शुक्ल पक्ष में आने वाली चतुर्थी को वरदा विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है, इसे वरदा चतुर्थी भी कहते हैं. इस दिन प्रथम पूज्य गणपति की पूजा आराधना करने से घर में सुख-समृद्धि और शांति आती है. धन दौलत में भी वृद्धि होती है. इस बार आषाढ़ महीने की वरदा गणेश चतुर्थी व्रत 3 जुलाई रविवार को पड़ रहा है. घर की सुख शांति और संपन्नता के लिए वरदा गणेश चतुर्थी का व्रत लाभदायक होता है. (Varada Ganesh Chaturthi fasting know method of worship) है.

यह भी पढ़ें: Budhwar Ganesh Puja: बुधवार को गणेश पूजा करने से मिलते हैं ये लाभ

वरदा गणेश चतुर्थी व्रत की पूजन विधि: इस दिन सुबह उठकर स्नान के बाद लाल वस्त्र धारण करें. पूजा चौकी पर भगवान श्री गणेश की मूर्ति स्थापित करें. भगवान गणेश को सिंदूर का तिलक लगाएं. श्री गणेश को दूर्वा प्रिय है. इसलिए पूजा करते समय- ऊं गं गणपतयै नमः कहते हुए 21 दूर्वा दल अर्पित करें. श्री गणेश को मोदक बहुत ही प्रिय है. इसलिए इसका भोग लगाएं. विधि विधान से प्रथम पूज्य विघ्नहर्ता की पूजा अर्चना करें. इससे भगवान श्री गणेश का आशीर्वाद मिलेगा. वरदा चतुर्थी के दिन भगवान श्री गणेश की पूजा के बाद गरीबों को भोजन कराएं और अपनी इच्छा अनुसार दान जरूर दें. ऊं गणेशाय नमः मंत्र का जाप करने से आर्थिक और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से मुक्ति मिलती हैं.

वरदा गणेश चतुर्थी व्रत का मुहूर्त:

आषाढ़ शुक्ल चतुर्थी तिथि का आरंभ2 जुलाई को 3:17 PM बजे से
आषाढ़ शुक्ल चतुर्थी तिथि का समापन3 जुलाई को 05:07 PM तक
आषाढ़ शुक्ल विनायक चतुर्थी व्रत का प्रारंभ3 जुलाई को सुबह से
व्रत व पूजन का शुभ मुहूर्त3 जुलाई सुबह 11:02 से दोपहर बाद 01:49 तक

रायपुर: हिंदू धर्म के अनुसार शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता है. शुक्ल पक्ष में आने वाली चतुर्थी को वरदा विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है, इसे वरदा चतुर्थी भी कहते हैं. इस दिन प्रथम पूज्य गणपति की पूजा आराधना करने से घर में सुख-समृद्धि और शांति आती है. धन दौलत में भी वृद्धि होती है. इस बार आषाढ़ महीने की वरदा गणेश चतुर्थी व्रत 3 जुलाई रविवार को पड़ रहा है. घर की सुख शांति और संपन्नता के लिए वरदा गणेश चतुर्थी का व्रत लाभदायक होता है. (Varada Ganesh Chaturthi fasting know method of worship) है.

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वरदा गणेश चतुर्थी व्रत की पूजन विधि: इस दिन सुबह उठकर स्नान के बाद लाल वस्त्र धारण करें. पूजा चौकी पर भगवान श्री गणेश की मूर्ति स्थापित करें. भगवान गणेश को सिंदूर का तिलक लगाएं. श्री गणेश को दूर्वा प्रिय है. इसलिए पूजा करते समय- ऊं गं गणपतयै नमः कहते हुए 21 दूर्वा दल अर्पित करें. श्री गणेश को मोदक बहुत ही प्रिय है. इसलिए इसका भोग लगाएं. विधि विधान से प्रथम पूज्य विघ्नहर्ता की पूजा अर्चना करें. इससे भगवान श्री गणेश का आशीर्वाद मिलेगा. वरदा चतुर्थी के दिन भगवान श्री गणेश की पूजा के बाद गरीबों को भोजन कराएं और अपनी इच्छा अनुसार दान जरूर दें. ऊं गणेशाय नमः मंत्र का जाप करने से आर्थिक और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से मुक्ति मिलती हैं.

वरदा गणेश चतुर्थी व्रत का मुहूर्त:

आषाढ़ शुक्ल चतुर्थी तिथि का आरंभ2 जुलाई को 3:17 PM बजे से
आषाढ़ शुक्ल चतुर्थी तिथि का समापन3 जुलाई को 05:07 PM तक
आषाढ़ शुक्ल विनायक चतुर्थी व्रत का प्रारंभ3 जुलाई को सुबह से
व्रत व पूजन का शुभ मुहूर्त3 जुलाई सुबह 11:02 से दोपहर बाद 01:49 तक
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