रायपुर: गौधान न्याय योजना छत्तीसगढ़ सरकार की सबसे महत्वपूर्ण योजना है. इस स्कीम के तहत बघेल सरकार का दावा है कि वह ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती की ओर काम कर रही है. शनिवार को सीएम भूपेश बघेल ने गोधन न्याय योजना (GNY scheme) के तहत पशुपालकों और गौठान समितियों को बड़ी सौगात दी है. कुल 15 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम पशुपालकों के खाते में ट्रांसफर की गई है.
गोधन न्याय योजना की 73वीं किश्त का ट्रांसफर: गौधन न्याय योजना की रकम के ट्रांसफर के लिए सीएम आवास पर एक समारोह का आयोजन किया गया था. यहीं से रकम गोधन न्याय योजना के तहत ट्रांसफर की गई. यह गोधन न्याय योजना की 73वीं किश्त थी. ट्रांसफर की गई रकम में ग्रामीण पशुपालक किसानों को 5 करोड़ 60 लाख रूपए दिए गए. जबकि गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को 9 करोड़ 69 लाख रूपए की राशि जारी की गई.
"इस योजना को पूरे देश में सराहना मिली है. कई राज्य इस तरह की योजनाएं लागू कर रही है. इस योजना ने स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया है. जबकि किसानों की पशुपालन में रुचि बढ़ी है."- भूपेश बघेल, सीएम
क्या है गोधन न्याय योजना और कब हुई थी इसकी शुरुआत: गोधन न्याय योजना पशुपालकों के लिए तैयार की गई थी. इस योजना के तहत पशुपालकों, गौठानों और महिला स्व सहायता समूहों से गोबर की खरीदी की जाती है. बघेल सरकार ने इस योजना की शुरुआत जुलाई 2020 में की थी. जिसके तहत गौठानों में गाय का गोबर 2 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खरीदा जाता है. इसका उपयोग वर्मीकम्पोस्ट तैयार करने के लिए किया जाता है. जीएनवाई यानी की गोधन न्याय योजना के तहत लाभार्थियों को अब तक कुल 541.66 करोड़ रुपये दिए गए हैं. राज्य सरकार ने पिछले साल जुलाई में 4 रुपये प्रति किलोग्राम पर गोमूत्र खरीदना शुरू किया था.