रायपुर: एक ओर जहां बाघों की घटती समस्या से वन विभाग परेशान है, वहीं अब गणना के दौरान छत्तीसगढ़ में बाघों की कम संख्या ने वन विभाग में भूचाल ला दिया है. वन विभाग ये मानने को तैयार ही नहीं है कि बाघों की संख्या में एक साल के अंदर इतनी ज्यादा कमी आ सकती है. वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए दोबारा गणना की बात कही है.
अगस्त में देशभर में बाघों की संख्या को लेकर रिपोर्ट जारी की गई थी. इसमें बाघों की अनुमानित संख्या 19 बताई गई थी. बाघों की कम संख्या को देखते हुए छत्तीसगढ़ में एक बार फिर बाघों की गणना की जाएगी. बताया जा रहा है कि नक्सली मूवमेंट की वजह से इंद्रावती और उदंती टाइगर रिजर्व फॉरेस्ट के इलाकों को छोड़ दिया गया है. गणना करने वाली टीम नक्सली घुसपैठ वाले इलाकों में गई ही नहीं और जितने प्रमाण मिले उसके आधार पर रिपोर्ट बनाकर भेज दिया गया. बाघों की गिनती में ऐसी चूक की वजह से अनुमानित संख्या आधे से कम आई है.
बाघों की संख्या में कमी
इस साल अगस्त में देशभर में बाघों की संख्या को लेकर रिपोर्ट जारी की गई है. उसमें छत्तीसगढ़ में अनुमानित संख्या 19 बताई गई, जबकि पिछले साल ये संख्या 38 से 40 के आस-पास बताई गई थी. एक ही साल में बाघों की संख्या में इतनी ज्यादा कमी से वन विभाग में बवाल मच गया है.
बढ़ सकती है बाघों का संख्या
वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि पिछली सरकार अफसरों से काम नहीं ले पाई थी. अकबर ने कहा कि गणना के वक्त नक्सल क्षेत्रो में टीम नहीं गई थी. केवल कैमरे के आधार पर गणना हुई थी इसलिए नए सिरे के गणना की जरूरत है. वाइल्ड लाइफ विशेषज्ञ नितिन सिंघवी ने भी सरकार के फैसले का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि नक्सल बेल्ट पर अगर बाघों को लेकर सर्वे होता है तो बाघों को संख्या में इजाफा हो सकता है.