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SPECIAL: रसोई गैस की बढ़ती कीमतों ने मिडिल क्लास का बिगाड़ा बजट

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Published : Feb 18, 2021, 7:59 PM IST

देश में लगभग 3 महीने के भीतर रसोई गैस के दामों में 175 रुपये की बढ़ोतरी हुई है. इस बढ़ोतरी ने गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों की कमर तोड़ दी है. वर्तमान में प्रति गैस सिलेंडर की कीमत 840 रुपये 50 पैसा है.

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गैस सिलेंडर के बढ़ते दाम ने मिडिल क्लास का बिगाड़ा बजट

रायपुर: राजधानी रायपुर सहित पूरे देश में 3 महीने के भीतर रसोई गैस के दामों में 175 रुपए की बढ़ोतरी हुई है. इस बढ़ोतरी ने मिडिल क्लास के किचन का बजट बिगाड़ दिया है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोलियम पदार्थों के दामों में तेजी के कारण गैस सिलेंडर के दाम भी बढ़ाए गए हैं.

गैस सिलेंडर के बढ़ते दाम ने मिडिल क्लास का बिगाड़ा बजट

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के 29 लाख से ज्यादा कनेक्शन

3 महीने के भीतर गैस सिलेंडर के दाम बढ़ने से प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत गैस सिलेंडर की रिफिलिंग भी कम हो रही है. आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के 29 लाख से ज्यादा कनेक्शन हैं और महीने में रिफलिंग कराने वालों की संख्या महज 7 लाख है. आंकड़ों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि महंगाई ने स्थिति किस तरह बिगाड़ रखी है. वर्तमान में प्रति गैस सिलेंडर की कीमत 840 रुपये 50 पैसा है.

रसोई गैस के दाम में वृद्धि होने से महिलाएं परेशान

ईटीवी भारत ने 3 महीने के भीतर रसोई गैस के दाम में हुई वृद्धि को लेकर घरेलू महिलाओं से बात की है. उन्होंने बताया कि गैस सिलेंडर के दाम बढ़ने से किचन का बजट भी बिगड़ता जा रहा है. उन्होंने बताया कि अगर यहीं हालात रहे तो आने वाले समय में इन महिलाओं को दूसरा विकल्प सोचना होगा.

15 दिनों में 2 बार बढ़े गैस सिलेंडर के दाम, रसोई के बजट पर पड़ रहा असर

गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों का बिगड़ रहा बजट

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के कुछ हितग्राहियों से हमने बात की तो उनका भी कहना है कि 3 महीने के अंदर जिस तरीके से रसोई गैस के दाम में वृद्धि हुई है. उससे किचन का बजट तो बिगड़ा ही है. साथ ही इसका असर ज्यादातर गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों पर पड़ा है.

उज्जवला योजना के तहत मात्र 7 लाख गैस कनेक्शन की हो रही रिफिलिंग

प्रदेश में 29 लाख 6 हजार के लगभग उज्जवला गैस कनेक्शन है. इनमें से उज्जवला गैस कनेक्शन के तहत प्रति महीने केवल 7 लाख 18 हजार गैस रिफिलिंग हो रही है. गैस एजेंसी से मिले आंकड़े के मुताबिक, अप्रैल से दिसंबर 2020 तक इन 9 महीनों के दौरान कुल 64 लाख 7 हजार गैस की रिफलिंग की गई है.

हितग्राही और सामान्य उपभोक्ताओं को हो रही परेशानी

इस आंकड़े के आधार पर उज्जवला गैस कनेक्शन के तहत प्रति महीने 3 गुना कम गैस की रिफिलिंग हो रही है. इससे न सिर्फ बीपीएल परिवारों को परेशानी हो रही है बल्कि उनके घर में चूल्हा जला पाना बेहद मुश्किल होता जा रहा है. इसी तरह सामान्य गैस उपभोक्ता और उज्जवला गैस कनेक्शन धारी दोनों के लिए ही महंगा गैस सिलेंडर बजट से बाहर होता जा रहा है.

महंगाई का झटका : रसोई गैस सिलेंडर के दाम बढ़े, नई कीमतें आज से लागू

ग्रामीण इलाकों में गैस रिफिलिंग की संख्या अधिक

गैस एजेंसी के संचालक अब्दुल हमीद हयात ने बताया कि उज्जवला गैस योजना के तहत गैस रिफिलिंग कराने वालों की संख्या कम है. ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत हितग्राही गैस की रिफिलिंग करा रहे हैं. उन्होंने बताया कि 30 नवंबर को प्रति गैस सिलेंडर की कीमत 665 रुपए 50 पैसे थी, जो दिसंबर महीने में बढ़कर 765 रुपए 50 पैसे हो गई. 4 फरवरी से ये कीमत बढ़कर 790 रुपये 50 पैसे हो गई. वहीं फिर एक बार 15 फरवरी को ये कीमत बढ़कर 840 रुपये 50 पैसा हो गया. इस तरह से दिसंबर से लेकर अब तक प्रति गैस सिलेंडर के दाम 175 रुपए बढ़ गए हैं. उज्जवला योजना और आम उपभोक्ताओं के गैस सिलेंडर में सरकार की ओर से सब्सिडी के नाम पर महज 61 रुपए 24 पैसे ही दिए जा रहे हैं.

बहरहाल, गैस सिंलेडरों की बढ़ती कीमत ने गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों की कमर तोड़ दी है. सिलेंडर की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि से कई घरों के चुल्हे नहीं जल पा रहे हैं.

रायपुर: राजधानी रायपुर सहित पूरे देश में 3 महीने के भीतर रसोई गैस के दामों में 175 रुपए की बढ़ोतरी हुई है. इस बढ़ोतरी ने मिडिल क्लास के किचन का बजट बिगाड़ दिया है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोलियम पदार्थों के दामों में तेजी के कारण गैस सिलेंडर के दाम भी बढ़ाए गए हैं.

गैस सिलेंडर के बढ़ते दाम ने मिडिल क्लास का बिगाड़ा बजट

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के 29 लाख से ज्यादा कनेक्शन

3 महीने के भीतर गैस सिलेंडर के दाम बढ़ने से प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत गैस सिलेंडर की रिफिलिंग भी कम हो रही है. आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के 29 लाख से ज्यादा कनेक्शन हैं और महीने में रिफलिंग कराने वालों की संख्या महज 7 लाख है. आंकड़ों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि महंगाई ने स्थिति किस तरह बिगाड़ रखी है. वर्तमान में प्रति गैस सिलेंडर की कीमत 840 रुपये 50 पैसा है.

रसोई गैस के दाम में वृद्धि होने से महिलाएं परेशान

ईटीवी भारत ने 3 महीने के भीतर रसोई गैस के दाम में हुई वृद्धि को लेकर घरेलू महिलाओं से बात की है. उन्होंने बताया कि गैस सिलेंडर के दाम बढ़ने से किचन का बजट भी बिगड़ता जा रहा है. उन्होंने बताया कि अगर यहीं हालात रहे तो आने वाले समय में इन महिलाओं को दूसरा विकल्प सोचना होगा.

15 दिनों में 2 बार बढ़े गैस सिलेंडर के दाम, रसोई के बजट पर पड़ रहा असर

गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों का बिगड़ रहा बजट

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के कुछ हितग्राहियों से हमने बात की तो उनका भी कहना है कि 3 महीने के अंदर जिस तरीके से रसोई गैस के दाम में वृद्धि हुई है. उससे किचन का बजट तो बिगड़ा ही है. साथ ही इसका असर ज्यादातर गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों पर पड़ा है.

उज्जवला योजना के तहत मात्र 7 लाख गैस कनेक्शन की हो रही रिफिलिंग

प्रदेश में 29 लाख 6 हजार के लगभग उज्जवला गैस कनेक्शन है. इनमें से उज्जवला गैस कनेक्शन के तहत प्रति महीने केवल 7 लाख 18 हजार गैस रिफिलिंग हो रही है. गैस एजेंसी से मिले आंकड़े के मुताबिक, अप्रैल से दिसंबर 2020 तक इन 9 महीनों के दौरान कुल 64 लाख 7 हजार गैस की रिफलिंग की गई है.

हितग्राही और सामान्य उपभोक्ताओं को हो रही परेशानी

इस आंकड़े के आधार पर उज्जवला गैस कनेक्शन के तहत प्रति महीने 3 गुना कम गैस की रिफिलिंग हो रही है. इससे न सिर्फ बीपीएल परिवारों को परेशानी हो रही है बल्कि उनके घर में चूल्हा जला पाना बेहद मुश्किल होता जा रहा है. इसी तरह सामान्य गैस उपभोक्ता और उज्जवला गैस कनेक्शन धारी दोनों के लिए ही महंगा गैस सिलेंडर बजट से बाहर होता जा रहा है.

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ग्रामीण इलाकों में गैस रिफिलिंग की संख्या अधिक

गैस एजेंसी के संचालक अब्दुल हमीद हयात ने बताया कि उज्जवला गैस योजना के तहत गैस रिफिलिंग कराने वालों की संख्या कम है. ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत हितग्राही गैस की रिफिलिंग करा रहे हैं. उन्होंने बताया कि 30 नवंबर को प्रति गैस सिलेंडर की कीमत 665 रुपए 50 पैसे थी, जो दिसंबर महीने में बढ़कर 765 रुपए 50 पैसे हो गई. 4 फरवरी से ये कीमत बढ़कर 790 रुपये 50 पैसे हो गई. वहीं फिर एक बार 15 फरवरी को ये कीमत बढ़कर 840 रुपये 50 पैसा हो गया. इस तरह से दिसंबर से लेकर अब तक प्रति गैस सिलेंडर के दाम 175 रुपए बढ़ गए हैं. उज्जवला योजना और आम उपभोक्ताओं के गैस सिलेंडर में सरकार की ओर से सब्सिडी के नाम पर महज 61 रुपए 24 पैसे ही दिए जा रहे हैं.

बहरहाल, गैस सिंलेडरों की बढ़ती कीमत ने गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों की कमर तोड़ दी है. सिलेंडर की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि से कई घरों के चुल्हे नहीं जल पा रहे हैं.

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