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पोलावरम प्रोजेक्ट से सुकमा जिले में होने वाले नुकसान का जायजा लेने पहुंचेगी टीम

सीएम भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel ) के निर्देश पर जल संसाधन विभाग की एक टीम बनाई गई है. टीम सुकमा जाकर आंध्र प्रदेश में बन रहे पोलावरम बांध से छत्तीसगढ़ के वनांचल और ग्रामीण इलाकों में होने वाले नुकसान का जायजा लेगी. पोलावरम प्रोजेक्ट को लेकर ओडिशा में विरोध के सुर उठ चुके हैं. (Polavaram Dam Project )

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Published : Jun 18, 2021, 7:04 PM IST

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पोलावरम प्रोजेक्ट

रायपुर: आंध्र प्रदेश के पोलावरम प्रोजेक्ट से छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के कई गांव डूबान क्षेत्र में आएंगे. (polavaram dam ) इस संबंध में समीक्षा के लिए रायपुर से एक टीम मौके पर जाएगी. सीएम भूपेश बघेल के निर्देश पर जल संसाधन विभाग (Water Resources Department) की एक टीम बनाई गई है. टीम कोंटा जाकर मौके पर हालातों का जायजा लेगी. (Polavaram project in sukma ) दरअसल पोलावरम बांध परियोजना के चलते छत्तीसगढ़ और ओडिशा के भी कुछ गांव डुबान क्षेत्र में आ रहे हैं. इसको लेकर छत्तीसगढ़ के साथ ही ओडिशा में विरोध के सुर उठ चुके हैं. टीम देखेगी कि-

  • इस प्रोजेक्ट से इलाके में कितने लोग प्रभावित हो रहे हैं?
  • प्रभावितों को कैसे मदद पहुंचाई जा सकती है?
  • ग्रामीणों के पुनर्वास के लिए क्या किया जा सकता है?

क्या है पोलावरम प्रोजेक्ट ?

पोलावरम प्रोजेक्ट आंध्रप्रदेश में गोदावरी नदी पर बन रहा एक बहुउद्देश्यी बांध है. इससे 2 लाख हैक्टेयर से ज्यादा जमीन को सिंचित किया जाएगा. वहीं इससे करीब 900 मेगावाट बिजली भी पैदा की जाएगी. इसके अलावा, औद्यगिक ईकाइयों को पानी की आपूर्ति भी इससे होगी. इस बांध को 2014 में राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया गया था.

कोंटा समेत 9 गांव डूबेंगे

पोलावरम बांध के इतिहास पर नजर डालें तो यह आंध्र प्रदेश की इंदिरा सागर अंतर्राज्यीय परियोजना है. (Indira Sagar Interstate Project) 1978 के पहले परियोजना बनाई गई थी, गोदावरी नदी पर सालों से बांध निर्माण का काम चल रहा है. अगर बांध बन जाता है तो सुकमा जिले के कोंटा सहित 9 गांव डूब जाएंगे. इनमें बंजाममुड़ा, मेटागुंडा, पेदाकिसोली, आसीरगुंडा, इंजरम, फंदीगुंडा, ढोढरा, कोंटा, वेंकटपुरम के प्रभावित होने का अनुमान है. इन क्षेत्रों की जनसंख्या 18 हजार 510 है.

पोलावरम बांध बनने से 20 हजार लोगों का जीवन होगा अस्त व्यस्त: रेणु जोगी

पोलावरम का इतिहास (History of Polavaram)

  • यह आंध्र प्रदेश की इंदिरा सागर अंतर्राज्यीय परियोजना है.
  • 1978 के पूर्व परियोजना बनाई गई थी.
  • 1980 में गोदावरी ट्रिब्यूनल में निर्देश हुआ था कि एमपी व आंध्र के जल का बंटवारा होगा, बांध भी बनेगा.
  • गोदावरी नदी पर बांध बनना है.
  • यह कोंटा से 150 किलोमीटर की दूरी पर है.
  • 2010-11 में इसकी पुनरीक्षित लागत थी 16 हजार करोड़ रुपए.
  • इसके डूबान क्षेत्र में छत्तीसगढ़ की 2475 हेक्टेयर जमीन आ रही है.
  • डूबान क्षेत्र में सुकमा जिले की कोंटा तहसील और 9 गांव आ रहे हैं.
  • परियोजना से आंध्र की 2.91 लाख हेक्टेयर जमीन सिंचित होगी.
  • आंध्र से तेलंगाना अलग होने पर योजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित कर दिया गया
  • अब केंद्र सरकार इसका क्रियान्वयन करेगी.
  • बांध से 970 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा.
  • छत्तीसगढ़ को 1.5 टीएमसी पानी मिलेगा पर बिजली में एक यूनिट की भी हिस्सेदारी नहीं मिलेगी.
  • परियोजना की लागत 8 हजार करोड़ से अधिक हो चुकी है.

गोदावरी- कृष्‍णा को जोड़ा जाएगा

इस परियोजना में नदियों को आपस में जोड़ने की परियोजना (river interlinking project ) के अंतर्गत गोदावरी- कृष्‍णा को जोड़ने को कार्यान्‍वित किया जाएगा. इस परियोजना में कृष्‍णा नदी को गोदावरी नदी के अधिशेष जल के 80 टीएमसी भाग को अंतरित करने का उल्‍लेख है. जिसे जीडब्‍लूडीटी के निर्णय के अनुसार आन्‍ध्र प्रदेश द्वारा 45 टीएमसी और कर्नाटक और महाराष्‍ट्र राज्‍यों द्वारा 35 टीएमसी के अनुपात में आन्‍ध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्‍ट्र के बीच बांटा जाएगा.

पोलावरम बांध बना तो डूबेंगे छत्तीसगढ़ के कई गांव, मंत्री रविंद्र चौबे ने बताई ये अहम बातें

रेणु जोगी ने उठाया था पोलावरम बांध का मुद्दा

छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन अर्थात 23 दिसंबर को जेसीसीजे विधायक रेणु जोगी ने बस्तर के पोलावरम बांध के निर्माण का मामला सदन में उठाया. उन्होंने कहा कि आदिवासी जनजाति और कई गांव प्रभावित होंगे. इसी सदन में पहले संकल्प लाया गया था.

  • क्या केंद्र को पत्र लिखा गया है कि पोलवरम बांध से जनजाति प्रभावित होगी?
  • आंध्रप्रदेश में प्रभावितों को कितना मुआवजा दिया जा रहा है?
  • छत्तीसगढ़ के प्रभावितों को कितना मुआवजा दिया जा रहा है है?
  • इस बांध से बड़ा नुकसान छत्तीसगढ़ का होगा.

जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे (Water Resources Minister Ravindra Choubey ) ने बताया कि छत्तीसगढ़ के कई इलाके डुबान क्षेत्र में आ रहे हैं. पोलावरम को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मामला लगाया गया है. छत्तीसगढ़ के साथ साथ अन्य राज्यों ने भी केस किया हुआ है. पोलावरम बांध का निर्माण आसान नहीं है. जब तक सुप्रीम कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता.

रायपुर: आंध्र प्रदेश के पोलावरम प्रोजेक्ट से छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के कई गांव डूबान क्षेत्र में आएंगे. (polavaram dam ) इस संबंध में समीक्षा के लिए रायपुर से एक टीम मौके पर जाएगी. सीएम भूपेश बघेल के निर्देश पर जल संसाधन विभाग (Water Resources Department) की एक टीम बनाई गई है. टीम कोंटा जाकर मौके पर हालातों का जायजा लेगी. (Polavaram project in sukma ) दरअसल पोलावरम बांध परियोजना के चलते छत्तीसगढ़ और ओडिशा के भी कुछ गांव डुबान क्षेत्र में आ रहे हैं. इसको लेकर छत्तीसगढ़ के साथ ही ओडिशा में विरोध के सुर उठ चुके हैं. टीम देखेगी कि-

  • इस प्रोजेक्ट से इलाके में कितने लोग प्रभावित हो रहे हैं?
  • प्रभावितों को कैसे मदद पहुंचाई जा सकती है?
  • ग्रामीणों के पुनर्वास के लिए क्या किया जा सकता है?

क्या है पोलावरम प्रोजेक्ट ?

पोलावरम प्रोजेक्ट आंध्रप्रदेश में गोदावरी नदी पर बन रहा एक बहुउद्देश्यी बांध है. इससे 2 लाख हैक्टेयर से ज्यादा जमीन को सिंचित किया जाएगा. वहीं इससे करीब 900 मेगावाट बिजली भी पैदा की जाएगी. इसके अलावा, औद्यगिक ईकाइयों को पानी की आपूर्ति भी इससे होगी. इस बांध को 2014 में राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया गया था.

कोंटा समेत 9 गांव डूबेंगे

पोलावरम बांध के इतिहास पर नजर डालें तो यह आंध्र प्रदेश की इंदिरा सागर अंतर्राज्यीय परियोजना है. (Indira Sagar Interstate Project) 1978 के पहले परियोजना बनाई गई थी, गोदावरी नदी पर सालों से बांध निर्माण का काम चल रहा है. अगर बांध बन जाता है तो सुकमा जिले के कोंटा सहित 9 गांव डूब जाएंगे. इनमें बंजाममुड़ा, मेटागुंडा, पेदाकिसोली, आसीरगुंडा, इंजरम, फंदीगुंडा, ढोढरा, कोंटा, वेंकटपुरम के प्रभावित होने का अनुमान है. इन क्षेत्रों की जनसंख्या 18 हजार 510 है.

पोलावरम बांध बनने से 20 हजार लोगों का जीवन होगा अस्त व्यस्त: रेणु जोगी

पोलावरम का इतिहास (History of Polavaram)

  • यह आंध्र प्रदेश की इंदिरा सागर अंतर्राज्यीय परियोजना है.
  • 1978 के पूर्व परियोजना बनाई गई थी.
  • 1980 में गोदावरी ट्रिब्यूनल में निर्देश हुआ था कि एमपी व आंध्र के जल का बंटवारा होगा, बांध भी बनेगा.
  • गोदावरी नदी पर बांध बनना है.
  • यह कोंटा से 150 किलोमीटर की दूरी पर है.
  • 2010-11 में इसकी पुनरीक्षित लागत थी 16 हजार करोड़ रुपए.
  • इसके डूबान क्षेत्र में छत्तीसगढ़ की 2475 हेक्टेयर जमीन आ रही है.
  • डूबान क्षेत्र में सुकमा जिले की कोंटा तहसील और 9 गांव आ रहे हैं.
  • परियोजना से आंध्र की 2.91 लाख हेक्टेयर जमीन सिंचित होगी.
  • आंध्र से तेलंगाना अलग होने पर योजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित कर दिया गया
  • अब केंद्र सरकार इसका क्रियान्वयन करेगी.
  • बांध से 970 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा.
  • छत्तीसगढ़ को 1.5 टीएमसी पानी मिलेगा पर बिजली में एक यूनिट की भी हिस्सेदारी नहीं मिलेगी.
  • परियोजना की लागत 8 हजार करोड़ से अधिक हो चुकी है.

गोदावरी- कृष्‍णा को जोड़ा जाएगा

इस परियोजना में नदियों को आपस में जोड़ने की परियोजना (river interlinking project ) के अंतर्गत गोदावरी- कृष्‍णा को जोड़ने को कार्यान्‍वित किया जाएगा. इस परियोजना में कृष्‍णा नदी को गोदावरी नदी के अधिशेष जल के 80 टीएमसी भाग को अंतरित करने का उल्‍लेख है. जिसे जीडब्‍लूडीटी के निर्णय के अनुसार आन्‍ध्र प्रदेश द्वारा 45 टीएमसी और कर्नाटक और महाराष्‍ट्र राज्‍यों द्वारा 35 टीएमसी के अनुपात में आन्‍ध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्‍ट्र के बीच बांटा जाएगा.

पोलावरम बांध बना तो डूबेंगे छत्तीसगढ़ के कई गांव, मंत्री रविंद्र चौबे ने बताई ये अहम बातें

रेणु जोगी ने उठाया था पोलावरम बांध का मुद्दा

छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन अर्थात 23 दिसंबर को जेसीसीजे विधायक रेणु जोगी ने बस्तर के पोलावरम बांध के निर्माण का मामला सदन में उठाया. उन्होंने कहा कि आदिवासी जनजाति और कई गांव प्रभावित होंगे. इसी सदन में पहले संकल्प लाया गया था.

  • क्या केंद्र को पत्र लिखा गया है कि पोलवरम बांध से जनजाति प्रभावित होगी?
  • आंध्रप्रदेश में प्रभावितों को कितना मुआवजा दिया जा रहा है?
  • छत्तीसगढ़ के प्रभावितों को कितना मुआवजा दिया जा रहा है है?
  • इस बांध से बड़ा नुकसान छत्तीसगढ़ का होगा.

जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे (Water Resources Minister Ravindra Choubey ) ने बताया कि छत्तीसगढ़ के कई इलाके डुबान क्षेत्र में आ रहे हैं. पोलावरम को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मामला लगाया गया है. छत्तीसगढ़ के साथ साथ अन्य राज्यों ने भी केस किया हुआ है. पोलावरम बांध का निर्माण आसान नहीं है. जब तक सुप्रीम कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता.

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