रायपुर: जैविक खेती करने के कुछ ही तरीके आपने देखे होंगे. लेकिन रायपुर के राज्योत्सव में लगे एग्जीबिशन में आपको एक नहीं बल्कि चार से पांच तरीके दिखेंगे जिससे आप जैविक खेती के गुर सीख सकते हैं.
राज्योत्सव में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय की ओर से एग्जीबिशन लगाया गया है. जिसमें कृषि विश्वविद्यालय के स्टूडेंट रह चुके कुणाल साहू ने भी एग्जिबिशन लगाया है. इसमें ऑर्गेनिक फार्मिंग के बारे में बताया गया है. इससे खेती के लिए कम जगह होने के बावजूद भी किसान अच्छी इनकम कर सकते हैं. कुणाल साहू ने बताया कि जैविक खेती किसानों के लिए काफी फायदेमंद है और यह कोशिश कर रहे हैं कि इसे हर किसानों तक पहुंचाया जाए.
जैविक खेती के पांच तरीके
कुणाल साहू ने बताया कि केंचुआ खाद, केंचुआ पालन और तरल जैविक खाद आदि से किसान कम क्षेत्र में खेती करके भी ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं. कुणाल ने जैविक खेती के लिए मॉडल तैयार किया है, जिसमें एक ही नहीं पांच तरीके से खेती करने के बारे में बताया गया है. जो साल भर के लिए लगातार आय का साधन बनेंगे.
केंचुआ पालन
पालतू जानवर मुर्गी और मछली के लिए खाद्य सामग्री के रूप में भी केंचुए को हम उपयोग कर सकते हैं.
वर्मी कंपोस्ट
खेती के लिए वर्मी कंपोस्ट सबसे ज्यादा फायदेमंद है. इसके इस्तेमाल से मिट्टी भी भुरभुरी हो जाती है साथ ही मिट्टी की उर्वरक क्षमता भी बढ़ जाती है.
वर्मी वाश (तरल जैविक खाद)
फसल में बीमारियों की रोकथाम के लिए प्राकृतिक जैविक कीटनाशक के रूप में हम इसका उपयोग कर सकते हैं.
ओयस्टर मशरूम
यूं तो प्रोटीन के काफी सोर्स बाजार में मौजूद है. लेकिन प्रोटीन का सबसे अच्छा स्रोत और कई दवाइयों में उपयोग होने वाले मशरूम को ओयस्टर मशरूम कहा जाता है.
जैविक सब्जी और फल
जैविक सब्जियों की मांग शहरों में सबसे ज्यादा है. पौष्टिक होने के साथ ही ये सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद होती है.