रायपुर : देश में इन दिनों पंडित धीरेंद्र शास्त्री बागेश्वर धाम चर्चा में है. धीरेंद्र शास्त्री का दावा है कि वह लोगों के मन की बात जान लेते हैं और अर्जियां सुनकर समस्या का समाधान करते हैं. नागपुर में अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ने इसे चैलेंज किया. रायपुर में कथा करने पहुंचे बागेश्वर सरकार ने इस चैलेंज को स्वीकार कर नागपुर की समिति के लोगों को रायपुर आने कहा. रायपुर में बागेश्वर सरकार ने 20 जनवरी को दिव्य दरबार भी लगाया. इस दिव्य दरबार में भी बड़ी संख्या में लोग पहुंचे. इस पूरे मुद्दे पर ईटीवी भारत ने छत्तीसगढ़ अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर दिनेश मिश्रा से बातचीत की है.
सवाल- पण्डित धीरेंद्र शास्त्री ने आपकी संस्था को चुनौती दी, आप क्या कहना चाहेंगे ?
जवाब-नागपुर में अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति पण्डित धीरेंद्र शास्त्री को चैलेंज किया था. लेकिन कार्यक्रम के 2 दिन पहले वे नागपुर से चले गए थे. उनका कार्यक्रम रायपुर में चल रहा है. नागपुर में चैलेंज किया गया है तो रायपुर में बहुत सारी चीजें दोहराने का कोई मतलब नहीं था. ठंड के मौसम में रायपुर समेत देशभर के अलग-अलग हिस्सों में कथाएं और प्रवचन होता है. कथाओं में कोई ऑब्जेक्शन लेने की बात नहीं होती है. लेकिन कथाओं के बीच में अगर कोई बीमारी ठीक करने का दावा करे. किसी का भविष्य बताने का दावा करें. ऐसी बातें कहे कि वह चमत्कार से ठीक कर रहा है.आज के विज्ञान के समय में ऐसी बातों को अंधविश्वास ही कहा जा सकता है.
सवाल- पंडित धीरेंद्र शास्त्री रायपुर में दिव्य दरबार लगा रहे हैं, आप डॉक्टर हैं, वैज्ञानिक दृष्टि से क्या यह संभव है?
जवाब- वैज्ञानिक दृष्टि से देखा जाए तो ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं है, जो किसी का भविष्य बता सके. यह एक तरह की ट्रिक है.ऐसी ट्रिक का खुलासा कई बार किया जा चुका है. देश में कई तरह की समस्याएं हैं. अगर कोई व्यक्ति चमत्कारी है. उनके पास ऐसी कोई शक्ति है तो ऐसे लोगों को दिव्य शक्ति का इस्तेमाल देश के कल्याण में करना चाहिए. जब किसी राज्य या देश में बाढ़, भूकंप, महामारी की समस्या आती है तो उस समय दिव्य शक्ति की बात करने वाले गायब हो जाते हैं. बाद में परेशानियों से जूझ रही आम जनता के बीच दरबार लगाया जाता है. एक तरफ यह कहा जाता है कि सिर्फ कथा हो रही है, दूसरी तरफ कथा और प्रवचन के नाम पर दरबार लगाए जाते हैं. हमारा भारत देश आस्थावान देश है. कई बार गांव-गांव में बैनर पोस्टर पाम्पलेट बांटकर लोगों को बुलाया जाता है.
सवाल - क्या कोई व्यक्ति भूत प्रेत जैसी बाधा को ठीक कर सकता है?
जवाब- मैंने बहुत से वीडियो देखे हैं, जिसमें पंडित धीरेंद्र शास्त्री भूत प्रेत भगाने जैसी बात कर रहे हैं. भूत प्रेत भगाने जैसी कोई बात नहीं है. वास्तव में जो लोग मानसिक विकारों से ग्रसित होते हैं, यह माना जाता है कि उन्हें भूत ने पकड़ लिया है. ऐसे लोगों के लिए मानसिक चिकित्सालय खुले हुए हैं. देश में मानसिक चिकित्सकों की कमी है. मानसिक चिकित्सालय की भी कमी है. दवाई नहीं मिल पाती है. इसलिए लोग असंतुलित दिमाग से इधर उधर घूमते हैं और उन्हें जैसे कहा जाता है, वह वैसा करते हैं. हमारा यह मानना है कि जादू टोना का कोई अस्तित्व नहीं होता है. छत्तीसगढ़ में जादू टोना के नाम पर कई महिलाओं की हत्या होती है और उन्हें टोनही के आरोप में मारा जाता है. अगर ऐसा कोई व्यक्ति भरे मंच से यह कहता है कि तुम पर जादू टोना किया गया है तो उसके पड़ोसी पर जान का खतरा बढ़ जाता है.
सवाल- भूत प्रेत भगाने वाले तो प्रायः सभी धर्मो में मिल जाते हैं, उसे किस तरह से देखते हैं?
जवाब- हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं. लेकिन धर्म और आस्था के नाम पर आज बहुत सारे बाबा दिव्य दरबार लगाकर भूत प्रेत भगाने की बात करते हैं. कुछ साल पहले केरल में एक दुर्घटना हुई, जहां बहुत सारे लोगों को जंजीर में बांधकर रखा गया था. जलने के कारण उनकी मृत्यु हो गई थी. रायपुर के अभनपुर के पास भी एक दरबार है, दूसरे दरबार भी हैं, जो अलग-अलग धर्मों के भी हैं. कुछ लोग चंगाई सभा करते हैं. यह एक बाबा या धर्म की बात नहीं है. मैं लोगों से यह कहना चाहूंगा कि आप इन विषयों पर वैज्ञानिक दृष्टिकोण रखिए. आपकी जो समस्याएं हैं, उनका वैज्ञानिक ढंग से ही निपटारा सम्भव है. उड़न छू और चमत्कारी बातें सिर्फ बातें ही हैं.
सवाल-पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने यह चैलेंज किया है, नागपुर से टीम आ जाए , क्या आप प्रदेश अध्यक्ष की हैसियत से वहां जाएंगे?
जवाब- नागपुर की टीम से भी हमारी बात हो रही है. हमने कहा है कि हमने जो चैलेंज दिया है, वह ऐसे किसी भीड़ भाड़ में किसी सत्यता को परखना कठिन होता है. ऑपरेशन को ऑपरेशन थिएटर में किया जाता है. किसी मैदान में नहीं कर सकते हैं. किसी की परीक्षा होनी है तो परीक्षा हॉल में ही होती है. भीड़ भाड़ में लोगों की लगातार नारेबाजी में नहीं. अगर बातचीत होनी है तो फुलप्रूफ स्थान पर हो. जहां धोखाधड़ी की किसी प्रकार से गुंजाइश ना हो. कमरे में दोनों पक्षों के लोग रहें और पूरे कार्यक्रम की रिकॉर्डिंग हो, उससे सच बात पता चलेगी.
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सवाल- क्या आप भी अपनी ओर से कोई शिकायत करेंगे या चैलेंज देना चाहेंगे ?
जवाब- फुल प्रूफ तरीके से बातचीत होती है, उसमें हम तैयार हैं. अगर भीड़भाड़ वाली जगह पर बातें होती है तो उसका कोई अर्थ नहीं है. रायपुर में पुलिस में रिपोर्ट करने पर ज्यादा मतलब नजर नहीं आ रहा है. क्योंकि नागपुर में जो शिकायत की गई है, उसके खिलाफ एफआईआर लांच नहीं हुई है.नागपुर की टीम कोर्ट भी जा रही है. इसलिए अलग अलग प्रदेशों में अलग रिपोर्ट करने का कोई उचित मतलब नजर नहीं आ रहा है.