रायपुर: छत्तीसगढ़ में धान खरीदी को लेकर सियासी संग्राम मचा हुआ है. इसी बीच भाजपा नगरनार स्टील प्लांट के मुद्दे पर सरकार को घेर रही है. केंद्र सरकार नगरनार स्टील प्लांट के निजीकरण की तैयारी में है. छत्तीसगढ़ सरकार ने विधानसभा में संकल्प पारित किया कि अगर नगरनार स्लीट प्लांट केंद्र निजी हाथों में देता है तो राज्य सरकार खरीद लेगी. इसी को लेकर बीजेपी ने कांग्रेस सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि ये शेखचिल्ली की बातें हैं. बारदाना के लिए हाथ फैला रहे हैं और नगरनार स्टील प्लांट खरीदने के दावे कर रहे हैं.
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छत्तीसगढ़ BJP ने कहा कि सरकार के पास बारदाना नहीं है. धान रखने की जगह नहीं है. अब तक धान खरीदी हुई है, उसका भुगतान किसानों को नहीं हुआ है. बीते साल के धान खरीदी का भुगतान किसानों को नहीं हो पाया है. ऐसी स्थिति में सरकार नगरनार प्लांट को खरीदने का दावा विधानसभा में करती है. यह कांग्रेस की बड़ी-बड़ी बातें नहीं तो क्या हैं.
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सरकार की कथनी और करनी में अंतर: BJP
भाजपा के जिला अध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया है. छत्तीसगढ़ सरकार बारदाने खरीदने के लिए भी केंद्र सरकार के सामने हाथ फैला रही है. धान खरीदी के मामले में एक-एक दाना धान खरीदने के दावे करती है. मंच से छत्तीसगढ़ के लोगों से वादा करने के अलावा कुछ नहीं किया जा रहा है. अब सरकार हाथ खड़े कर दी है. दूसरी ओर नगरनार प्लांट को खरीदने जैसी बातें भी विधानसभा सदन में करती है.
भोली-भाली जनता को गुमराह करने की कोशिश: BJP
भाजपा ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ की सरकार भोली-भाली जनता को गुमराह कर रही है. प्रदेश के मुखिया और उनकी सरकार बयान जारी करके लोगों को उलझा रहे हैं. सरकार की कथनी और करनी में अंतर को जनता भी अब समझ चुकी है. कांग्रेस सरकार पिछले 2 साल से तमाम विकास कार्यों में ब्रेक लगा चुकी है. किसानों से 2500 रुपये प्रति क्विंटल में धान खरीदी करने की बात कही गई. अब किस्तों में भी भुगतान देने में सफल नहीं हो पाई है. किसानों को बीते साल का भुगतान भी नहीं किया जा सका है. ऐसे हालात में सरकार नगरनार प्लांट जैसे बड़े सेटअप को खरीदने का दावे करती है. ऐसे में लोग अब सरकार की मंशा को समझने लगे हैं.
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28 दिसंबर को विधानसभा में पारित हुआ संकल्प
बीते 28 दिसंबर को विधानसभा के शीतकालीन सत्र में प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नगरनार स्थित NMDC स्टील प्लांट को लेकर उसमें निवेश की इच्छा जाहिर की थी. छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार का कहना है कि अगर भारत सरकार इसके निजीकरण के बारे में सोचती है, तो हम उसे खरीदेंगे. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि हम इस प्लांट को किसी प्राइवेट सेक्टर के हाथों में नहीं जाने देंगे. अगर केंद्र सरकार इसके निजीकरण की योजना बनाती है, तो छत्तीसगढ़ सरकार इसे खरीदेगी. इधर सर्व आदिवासी समाज और एनएमडीसी यूनियन कर्मचारी संघ ने सरकार की घोषणा का स्वागत किया है.
किरण देव ने भी लगाए थे कांग्रेस पर आरोप
बस्तर सांसद दीपक बैज इस मुद्दे को कई बार लोकसभा में उठा चुके हैं. भाजपा नेताओं के लिए यह एक राजनीतिक मुद्दा बन गया है. भाजपा के प्रदेश महामंत्री किरण देव ने भी कहा था कि एनएमडीसी स्टील प्लांट में राज्य सरकार का निवेश करना केवल एक राजनीतिक स्टंट है. राज्य सरकार केवल बस्तरवासियों को उनका हितैषी बताने के लिए यह राजनीतिक स्टंट कर रही है. एक तरफ जहां प्रदेश के किसान अपने धान बेचने के लिए बारदाने की कमी से जूझ रहे हैं, सरकार के पास बारदाने तक खरीदने के लिए पैसे नहीं है, ऐसे में करोड़ों रुपए निवेश करने की बात मुख्यमंत्री कह रहे हैं.