ETV Bharat / state

छत्तीसगढ़ की वो योजना जिसने उड़ाई विपक्ष की नींद, देशभर में बनी आदर्श

भूपेश सरकार की ये महत्वाकांक्षी योजना एक तरफ तारीफें बटोर रही है तो वहीं, विरोधी खेमे की आंख की किरकिरी बनी हुई है. पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने जहां इस योजना पर सवाल खड़े किए तो वहीं नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने इस योजना की तुलना लालू यादव के चारा घोटाले से कर दी.

author img

By

Published : Oct 13, 2019, 11:43 PM IST

नरवा, गरवा, घुरवा अउ बारी

रायपुरः मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश की सत्ता संभालते ही नारा दिया- 'छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी नरवा, गरवा, घुरवा अउ बारी एला बचाना हे संगवारी'. राज्य सरकार का मानना है कि इस एक योजना के माध्यम से पानी के संचय के साथ ही किसानों को भी फायदा होगा वहीं पशुओं का उचित देखभाल सुनिश्चित होने के साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था में मजबूती आएगी और पोषण स्तर में सुधार आएगा.

नरवा, गरवा, घुरवा अउ बारी

विरोधियों की आंख की बनी किरकिरी
भूपेश सरकार की ये महत्वाकांक्षी योजना एक तरफ तारीफें बटोर रही है तो वहीं, विरोधी खेमे की आंख की किरकिरी बनी हुई है. पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने जहां इस योजना पर सवाल खड़े किए तो वहीं नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने इस योजना की तुलना लालू यादव के चारा घोटाले से कर दी. उन्होंने कहा कि ये योजना चारा घोटाले से भी बड़ा घोटाला है.
वहीं जेसीसीजे भी भूपेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना को कठघरे में खड़ा करती रही है, अजीत जोगी ने तंज कसते हुए कहा कि मोदी जी चांद पर उतर रहे हैं, हिंदुस्तान डिजिटल हो गया है तो दूसरी ओर सरकार अभी भी नरुवा गरुवा घुरवा बारी में लगी हुई है. वहीं अमित जोगी भी गौठान के निर्माण में भ्रष्ट्राचार के आरोप लगा चुके हैं.

अन्य राज्य मान रहे मॉडल
आलोचनाओं और सियासी बयानबाजियों के बावजूद भी इस योजना को एक आदर्श स्कीम के तौर पर देखा जा रहा है. राजस्थान और मध्यप्रदेश जैसे प्रदेशों से प्रतिनिधिमंडल छत्तीसगढ़ आकर इस योजना के बारे में जानना चाह रहे हैं.

पीएम ने की सराहना
पिछले दिनों दिल्ली में सीएम भूपेश बघेल से मुलाकात के दौरान पीएम मोदी भी छत्तीसगढ़ सरकार की इस योजना की सराहना कर चुके हैं. कुल मिला ये कहना गलत नहीं होगा कि कांग्रेस सरकार की ये योजना एक नई शुरुआत की ओर इशारा करती है.

जानिए क्या है ये योजना
नरवा- इसके तहत आवश्यकतानुसार नालों और नहरों में चेक डेम का निर्माण किया जा रहा है. ताकि बारिश का पानी का संरक्षण हो सके और वाटर रिचार्ज से गिरते भू-स्तर पर रोक लग सके. इससे खेती में आसानी होगी.
गरवा- इसके तहत गांवों में जो भी पशु धन है उन्हें एक ऐसा डे-केयर सेंटर उपलब्ध करवाना है जिसमें वे आसानी रह सके और उन्हें चारा, पानी उपलब्ध हो. उनके लिए गोठान निर्माण से लेकर आवश्यक संसाधन, जमीन आदि प्रदान किए जा रहे हैं.
घुरवा- यह एक गढ्डा होता है, जिसमें मवेशियों को गोबर एवं मलमूत्र का संग्रहण किया जाता है. जिससे कि गोबर गैस एवं खाद बनाई जा सके.
बाड़ी- यह घर से लगा एक बगीचा है, जिसमें पोषण के लिए फल-फूल उगाई जा सके.

रायपुरः मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश की सत्ता संभालते ही नारा दिया- 'छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी नरवा, गरवा, घुरवा अउ बारी एला बचाना हे संगवारी'. राज्य सरकार का मानना है कि इस एक योजना के माध्यम से पानी के संचय के साथ ही किसानों को भी फायदा होगा वहीं पशुओं का उचित देखभाल सुनिश्चित होने के साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था में मजबूती आएगी और पोषण स्तर में सुधार आएगा.

नरवा, गरवा, घुरवा अउ बारी

विरोधियों की आंख की बनी किरकिरी
भूपेश सरकार की ये महत्वाकांक्षी योजना एक तरफ तारीफें बटोर रही है तो वहीं, विरोधी खेमे की आंख की किरकिरी बनी हुई है. पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने जहां इस योजना पर सवाल खड़े किए तो वहीं नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने इस योजना की तुलना लालू यादव के चारा घोटाले से कर दी. उन्होंने कहा कि ये योजना चारा घोटाले से भी बड़ा घोटाला है.
वहीं जेसीसीजे भी भूपेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना को कठघरे में खड़ा करती रही है, अजीत जोगी ने तंज कसते हुए कहा कि मोदी जी चांद पर उतर रहे हैं, हिंदुस्तान डिजिटल हो गया है तो दूसरी ओर सरकार अभी भी नरुवा गरुवा घुरवा बारी में लगी हुई है. वहीं अमित जोगी भी गौठान के निर्माण में भ्रष्ट्राचार के आरोप लगा चुके हैं.

अन्य राज्य मान रहे मॉडल
आलोचनाओं और सियासी बयानबाजियों के बावजूद भी इस योजना को एक आदर्श स्कीम के तौर पर देखा जा रहा है. राजस्थान और मध्यप्रदेश जैसे प्रदेशों से प्रतिनिधिमंडल छत्तीसगढ़ आकर इस योजना के बारे में जानना चाह रहे हैं.

पीएम ने की सराहना
पिछले दिनों दिल्ली में सीएम भूपेश बघेल से मुलाकात के दौरान पीएम मोदी भी छत्तीसगढ़ सरकार की इस योजना की सराहना कर चुके हैं. कुल मिला ये कहना गलत नहीं होगा कि कांग्रेस सरकार की ये योजना एक नई शुरुआत की ओर इशारा करती है.

जानिए क्या है ये योजना
नरवा- इसके तहत आवश्यकतानुसार नालों और नहरों में चेक डेम का निर्माण किया जा रहा है. ताकि बारिश का पानी का संरक्षण हो सके और वाटर रिचार्ज से गिरते भू-स्तर पर रोक लग सके. इससे खेती में आसानी होगी.
गरवा- इसके तहत गांवों में जो भी पशु धन है उन्हें एक ऐसा डे-केयर सेंटर उपलब्ध करवाना है जिसमें वे आसानी रह सके और उन्हें चारा, पानी उपलब्ध हो. उनके लिए गोठान निर्माण से लेकर आवश्यक संसाधन, जमीन आदि प्रदान किए जा रहे हैं.
घुरवा- यह एक गढ्डा होता है, जिसमें मवेशियों को गोबर एवं मलमूत्र का संग्रहण किया जाता है. जिससे कि गोबर गैस एवं खाद बनाई जा सके.
बाड़ी- यह घर से लगा एक बगीचा है, जिसमें पोषण के लिए फल-फूल उगाई जा सके.

Intro:Body:

narva


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.