रायपुर : NIT रायपुर के जियोलॉजी विभाग की ओर से 'एप्लीकेशन ऑफ रिमोट सेंसिंग, जी.आई.एस एंड इलेक्ट्रिकल रेसिस्टिविटी टेक्निक्स इन ग्राउंड वाटर इन्वेस्टीगेशन' विषय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम को कराने का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में आए बदलाव यानी आधुनिक तकनीकों से छात्रों को परिचित करना था. साथ ही कार्यक्रम के जरिए छात्रों को रिसर्च के लिए प्रेरित करना था. यह कार्यक्रम 31 जनवरी तक चलेगा.
डॉ डीसी झरिया ने सभी छात्रों को बताया कि, 'पानी इस धरती के लिए बहुमूल्य है. जल के बिना जिंदगी संभव नहीं है. कृषि क्षेत्र में सिंचाई के लिए भू-जल ही सबसे बेहतर स्रोत है'. उन्होंने कहा कि, 'लेक्चर सेशन में सभी छात्रों को कृषि और उससे जुड़ी चीजों के बारे में जानकारी दी गई'.
पानी के महत्व पर चर्चा
इस कार्यक्रम में भूजल, रिमोट सेंसिंग, पानी के महत्व पर चर्चा हुई. जिसमें विशेषज्ञों ने अपनी राय रखी. 31 जनवरी तक इन सभी विषयों पर चर्चा की जाएगी जिससे छात्र आधुनित तकनीक से रू-ब-रू हो सकें.
कार्यक्रम में शामिल प्रोफेसर
इस कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय भूजल बोर्ड के क्षेत्रीय प्रबंधक डॉ एस के समानता, राष्ट्रीय भूजल प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्थान के क्षेत्रीय प्रबंधक डॉ. पीके नायक और एप्लाइड जियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. प्रभात दीवान उपस्थित थे.