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NIT रायपुर में कृषि पर खास कार्यक्रम का आयोजन, छात्रों को आधुनिक तकनीक की दी जानकारी

रायपुर के NIT में जियोलॉजी विभाग की ओर से कृषि पर खास कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम के माध्यम से छात्रों को कृषि क्षेत्र में आधुनिक तननीक से रूबरू कराना था.

NIT में कृषि पर खास कार्यक्रम
NIT में कृषि पर खास कार्यक्रम
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Published : Jan 28, 2020, 4:34 PM IST

Updated : Jan 28, 2020, 7:53 PM IST

रायपुर : NIT रायपुर के जियोलॉजी विभाग की ओर से 'एप्लीकेशन ऑफ रिमोट सेंसिंग, जी.आई.एस एंड इलेक्ट्रिकल रेसिस्टिविटी टेक्निक्स इन ग्राउंड वाटर इन्वेस्टीगेशन' विषय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम को कराने का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में आए बदलाव यानी आधुनिक तकनीकों से छात्रों को परिचित करना था. साथ ही कार्यक्रम के जरिए छात्रों को रिसर्च के लिए प्रेरित करना था. यह कार्यक्रम 31 जनवरी तक चलेगा.

NIT रायपुर में कृषि पर खास कार्यक्रम का आयोजन

डॉ डीसी झरिया ने सभी छात्रों को बताया कि, 'पानी इस धरती के लिए बहुमूल्य है. जल के बिना जिंदगी संभव नहीं है. कृषि क्षेत्र में सिंचाई के लिए भू-जल ही सबसे बेहतर स्रोत है'. उन्होंने कहा कि, 'लेक्चर सेशन में सभी छात्रों को कृषि और उससे जुड़ी चीजों के बारे में जानकारी दी गई'.

पानी के महत्व पर चर्चा
इस कार्यक्रम में भूजल, रिमोट सेंसिंग, पानी के महत्व पर चर्चा हुई. जिसमें विशेषज्ञों ने अपनी राय रखी. 31 जनवरी तक इन सभी विषयों पर चर्चा की जाएगी जिससे छात्र आधुनित तकनीक से रू-ब-रू हो सकें.

कार्यक्रम में शामिल प्रोफेसर
इस कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय भूजल बोर्ड के क्षेत्रीय प्रबंधक डॉ एस के समानता, राष्ट्रीय भूजल प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्थान के क्षेत्रीय प्रबंधक डॉ. पीके नायक और एप्लाइड जियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. प्रभात दीवान उपस्थित थे.

रायपुर : NIT रायपुर के जियोलॉजी विभाग की ओर से 'एप्लीकेशन ऑफ रिमोट सेंसिंग, जी.आई.एस एंड इलेक्ट्रिकल रेसिस्टिविटी टेक्निक्स इन ग्राउंड वाटर इन्वेस्टीगेशन' विषय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम को कराने का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में आए बदलाव यानी आधुनिक तकनीकों से छात्रों को परिचित करना था. साथ ही कार्यक्रम के जरिए छात्रों को रिसर्च के लिए प्रेरित करना था. यह कार्यक्रम 31 जनवरी तक चलेगा.

NIT रायपुर में कृषि पर खास कार्यक्रम का आयोजन

डॉ डीसी झरिया ने सभी छात्रों को बताया कि, 'पानी इस धरती के लिए बहुमूल्य है. जल के बिना जिंदगी संभव नहीं है. कृषि क्षेत्र में सिंचाई के लिए भू-जल ही सबसे बेहतर स्रोत है'. उन्होंने कहा कि, 'लेक्चर सेशन में सभी छात्रों को कृषि और उससे जुड़ी चीजों के बारे में जानकारी दी गई'.

पानी के महत्व पर चर्चा
इस कार्यक्रम में भूजल, रिमोट सेंसिंग, पानी के महत्व पर चर्चा हुई. जिसमें विशेषज्ञों ने अपनी राय रखी. 31 जनवरी तक इन सभी विषयों पर चर्चा की जाएगी जिससे छात्र आधुनित तकनीक से रू-ब-रू हो सकें.

कार्यक्रम में शामिल प्रोफेसर
इस कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय भूजल बोर्ड के क्षेत्रीय प्रबंधक डॉ एस के समानता, राष्ट्रीय भूजल प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्थान के क्षेत्रीय प्रबंधक डॉ. पीके नायक और एप्लाइड जियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. प्रभात दीवान उपस्थित थे.

Intro:
एन आई टी रायपुर के जियोलॉजी विभाग द्वारा 'एप्लीकेशन ऑफ़ रिमोट सेंसिंग, जी.आई.एस एंड इलेक्ट्रिकल रेसिस्टिविटी टेक्निक्स इन ग्राउंड वाटर इन्वेस्टीगेशन' विषय के ऊपर कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।

Body:इस कार्यक्रम की शुरवात आज हुई और यह कार्यक्रम 31 जनवरी तक चलेगा। इस कार्यक्रम का आयोजन जियोलॉजी विभाग के द्वारा करवाया जा रहा है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य लोगों को कृषि क्षेत्र में आयी आधुनिक तकनीकों से परिचय करवाना एवं इस विषय पर आगे रिसर्च करने के लिए प्रेरित करना है ।

डॉ डी सी झरिया सभी प्रतिभागियों को बताया कि पानी इस धरती की सबसे बहुमूल्य वस्तु है। जल के बिना जिंदगी संभव नहीं है। कृषि क्षेत्र में सिंचाई के लिए भूजल ही सबसे अच्छा स्रोत है। फिर व्याख्यायन सत्र में सभी वक्ताओं ने इस विषय के बारे में छात्रों को बताया। डॉ पी के नायक ने भारत के पथरीले इलाकों में भूजल की परिस्थिति के बारे में बताया एवं छत्तीसगढ़ में भूजल विकास के ऊपर प्रकाश डाला। प्रशांत कवीश्वर जी ने प्रतिभागियों को रिमोट सेंसिंग के बारे में बताया। के सी मंडल जी ने कार्यशाला एवं सेमिनार में भाग लेने के फायदों के बारे में बताया। अंत में डॉ एन बोधनकर ने सभी को पानी के महत्त्व के बारे में बताया।
अगले चार दिनों में इस विषय पर और चर्चा की जायेगी और प्रतिभागियों को आधुनिक तकनीकों के बारे में सीखने मिलेगा।

Conclusion:कार्यक्रम की शुरुआत पारम्परिक दीप प्रज्ज्वलन समारोह से हुई। इस समारोह के दौरान केंद्रीय भूजल बोर्ड के क्षेत्रीय प्रबंधक डॉ एस के समानता , राष्ट्रीय भूजल प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्थान के क्षेत्रीय प्रबंधक डॉ पी के नायक एवं एप्लाइड जियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ प्रभात दीवान उपस्थित थे।

बाइट :- डॉक्टर डी सी झरिया ऑर्गनाइजर
Last Updated : Jan 28, 2020, 7:53 PM IST
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