रायपुर: कोरोना वायरस ने लोगों को तमाम एहतियात बरतने के लिए मजबूर कर दिया है. भारत की बात की जाए, तो यहां 2 लाख से ज्यादा लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं. वहीं 5500 से ज्यादा लोगों की अब तक भारत में मौत हो चुकी है. इसके संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए दुनियाभर में लॉकडाउन लगाया गया है. जिसके कारण दुनिया भर में आर्थिक मंदी के हालात हैं. भारत में भी लॉकडाउन ने लगभग सभी सेक्टर को प्रभावित किया है. इसमें एक डेंटल ट्रीटमेंट भी है. इस समय दांत के डॉक्टर्स की भूमिका भी काफी बढ़ जाती है. कोरोना वायरस का संक्रमण मुंह और नाक से ही फैलता है, ऐसे में दांत के डॉक्टर्स को खास सावधानियां बरतनी पड़ रही हैं.
सवाल: कोरोना काल दांत के डॉक्टर्स के लिए क्या अनुभव लेकर आया ?
जवाब: आज के दौर में डेंटिस्ट की भूमिका काफी बढ़ जाती है, क्योंकि हमारा पूरा काम ओरल कैविटी से रिलेटेड रहता है. ऐसे में कोई मरीज अगर कोरोना पॉजिटिव है, तो उससे संक्रमण फैलने के काफी चांसेस होते हैं. हमें इसका पता जब तक चलेगा, तब तक यह पूरी कम्युनिटी में स्प्रेड हो जाएगा.
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सवाल: कोरोना काल में लोगों को घर से बाहर निकलने के लिए मना किया जा रहा है, ऐसे में पेशेंट क्या क्लीनिक तक पहुंच रहे हैं ?
जवाब: दिक्कत हो रही हैं आने के लिए क्योंकि बीच में स्ट्रिक्ट लॉकडाउन था तो लोग घर से निकलने में ही डरते थे. पुलिस का खौफ लोगों में था. अभी तक पेशेंट का कॉल आता है. ऐसा कोई दिन नहीं रहा कि पेशेंट कॉल न करें, क्योंकि दातों में दर्द तो कॉमन है. पेशेंट कॉल करते हैं लेकिन हम उनको समझाते हैं और दवाईयां सजेस्ट करते हैं. लॉकडाउन खुला है लेकिन लोग क्लीनिक आने से डर रहे हैं.
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सवाल: आज के समय में मेडिकल सेवा सबसे जरूरी सेवा है, किस तरह की गाइडलाइन के साथ आप लोग काम करते हैं ?
जवाब: हमारी पूरी डेंटल फील्ड को डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया रेग्युलेट करता है. 16 अप्रैल को उनकी गाइडलाइन जारी हुई थी, जिसमें हमारा प्रोटोकॉल लिखा हुआ है कि एक डेंटल क्लिनिक में क्या-क्या होना चाहिए, क्या सेफ्टी मेजर्स होनी चाहिए. पेशेंट की एंट्री से लेकर उसके रिसेप्शन में बैठने से लेकर बाहर जाने तक हर एक स्टेप में सारे प्रोटोकॉल, सारे मेजर्स को बताए गए हैं.
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सवाल: डेंटिस्ट को इलाज करते समय किस तरह का खतरा रहता है ?
जवाब: खतरा तो रहता है, क्योंकि हमारा पूरा प्रोसीजर मुंह के अंदर है, जिसमें एरोसोल उठते हैं, जिसमें एयर और वाटर का मिक्सर रहता है. हम जिस मशीन से काम करते हैं, उससे ये जनरेट होता है. एरोसोल हमको इन्फेक्ट न करे, इसके लिए हम सेक्शन का उपयोग करते हैं. हम मास्क पहनते हैं, पीपीई किट पहनते हैं, लेकिन फिर भी रिस्क तो रहता ही है.
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सवाल: कोरोना के बाद डेंटिस्ट इलाज करते समय प्रोटेक्शन के लिए क्या-क्या करते हैं ?
जवाब- पीपीई किट, मास्क, ग्लब्स, फेस मास्क, हर बार हैंडवॉश करना. खुद का भी और साथ ही स्टाफ के साथ आने वाले मरीजों से भी साफ-सफाई का पालन करा रहे हैं. जो व्यक्ति आ रहे हैं उनका हैंडवॉश कराना. जहां लोग बैठते हैं, वहां क्लीन कराना. डेंटल चेयर को सैनिटाइज कराना, क्लीनिंग के लिए अलग-अलग केमिकल का इस्तेमाल करते हैं.
सवाल: बूढ़ा, जवान और बच्चा दांत दर्द हर किसी को होता है, क्या सबके लिए एक ही तरह के इलाज किए जाते हैं ?
जवाब: हम पूरी तरह कोशिश करते हैं कि जब तक इमरजेंसी न हो आप क्लीनिक न आएं और ऐसे प्रोसीजर्स को जिसे हम पोस्टपोन कर सकते हैं, उनको हम मना कर देते हैं. इमरजेंसी जैसे फ्रैक्चर हो गया या लगातार ब्लीडिंग हो रही है. दांत में सीरियस पेन है, इस तरह की इमरजेंसी को हम देखते हैं, बाकी सारे पेशेंट को हम कुछ दिन बाद आने की बात कहते हैं.
सवाल: क्या अभी के समय डेंटल चेकअप चुनौतीपूर्ण है ?
जवाब: प्रैक्टिकल बात यह है कि कम्युनिटी स्प्रेड इतना हो चुका है. अभी लगभग 10, 000 केस इंडिया में रोजाना बढ़ रहे हैं, तो जब वैक्सीन आ जाए या बहुत अच्छी मेडिसिन मिल जाए. तब की बात तब देखी जाएगी, लेकिन अब हमें इसके साथ जीना सीखना पड़ेगा.