रायपुरः शास्त्रों के अनुसार, अश्विन माह (Ashwin month) को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. इसी माह शारदीय नवरात्रि (Sharadiya Navratri) की शुरुआत होती है, जिसे हिंदू धर्म में बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है. मां दुर्गा के भक्तों (Devotees of Maa Durga) को इस दिन का बेसब्री से इंतजार रहता है. दरअसल, इन नौ दिनों में मां के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा-अराधना की जाती है. मान्यता है कि इन नौ दिनों तक मां आदिशक्ति भवानी (Mother Adishakti Bhavani) देवलोक से पृथ्वी पर विचरण करती हैं और अपने भक्तों के सभी कष्टों को हर लेती हैं.
साल में 4 बार आती है नवरात्र
शास्त्रों की माने तो वर्ष में चार बार नवरात्र आता है. जिसमें दो गुप्त माना जाते है, इन गुप्त नवरात्रों में लोग सिद्धि के लिए व्रत व गुप्त पूजन करते हैं.कहा जाता है कि ये नवरात्र केवल सिद्ध पुरुष ही कर सकते हैं. हालांकि दो नवरात्र ऐसा होता है जिसे हर कोई कर सकता है. एक चैत्र माह में आने वाला नवरात्र और दूसरा आश्विन माह की नवरात्र.
अधिक प्रचलित आश्विन माह की नवरात्र
हालांकि लोगों में सबसे अधिक प्रचलित आश्विन माह की नवरात्र है. इस नवरात्र में हर जगह मां की मूर्तियों के साथ घटस्थापना व होम पूजा सहित सप्तशती पाठ का अलग ही विधान है. ये नवरात्र हर किसी के घर में होता है. वहीं, हिंदी पंचांग के अनुसार कई बार नवरात्रि नौ दिनों तो कभी आठ दिनों की होती हैं. इसी कारण भक्तों में अष्टमी और नवमी तिथि को लेकर असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो जाती है.
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शारदीय नवरात्रि 7 अक्टूबर गुरुवार से शुरू
इस बार शारदीय नवरात्र 7 अक्टूबर गुरुवार से शुरू हो रही है, जो कि 15 अक्टूबर, शुक्रवार को संपन्न होगी. नवरात्र के नौ दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की उपासना की जाती है. मान्यता है कि नवरात्रि के दौरान विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने पर माता रानी अपने भक्तों पर कृपा बरसाती हैं. मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए भक्त नौ दिनों का उपवास भी रखते हैं. नवरात्रि के दौरान कई बार तिथियों के घटने-बढ़ने के कारण अष्टमी, नवमी और दशमी तिथि में असमंजस की स्थिति बन जाती है.
महाअष्टमी
इस साल महाअष्टमी 13 अक्टूबर (बुधवार) को है. बताया जा रहा है कि इस साल चतुर्थी तिथि का क्षय होने से शारदीय नवरात्रि आठ दिन के पड़ रहे हैं. ऐसे में 13 अक्टूबर को अष्टमी व्रत रखना उत्तम है. नवरात्रि के आठवें दिन महागौरी की पूजा की जाती है.
महानवमी
महानवमी का आध्यात्मिक महत्व-पौराणिक कथाओं के अनुसार, राक्षसों के राजा महिषासुर के खिलाफ मां दुर्गा ने नौ दिनों तक युद्ध किया था. इसी कारण यह त्योहार नौ दिनों तक चलता है. देवी की शक्ति और बुराई पर जीत हासिल करने का यह अंतिम दिन होता है. जिसे महानवमी कहते हैं.
विजया दशमी
भगवान श्री राम ने अधर्म, अत्याचार और अन्याय के प्रतीक रावण का वध करके पृथ्वीवासियों को भयमुक्त किया था और देवी दुर्गा ने महिषासुर नामक असुर का वध करके धर्म और सत्य की रक्षा की थी. इस दिन भगवान श्री राम, दुर्गाजी, लक्ष्मी, सरस्वती, गणेश और हनुमान जी की आराधना करके सभी के लिए मंगल की कामना की जाती है.
ये हैं खास तिथियां और समय
आरंभ तिथि और प्रतिपदा समय
अश्विन मास शुक्ल पक्ष प्रतिपदा आरंभ- 06 अक्टूबर 2021 को शाम 04 बजकर 34 मिनट से.
अश्विन मास शुक्ल पक्ष प्रतिपदा समाप्त- 07 अक्टूबर 2021 को दोपहर 01 बजकर 46 मिनट पर.
घटस्थापना मुहूर्त समय-सुबह 06 बजकर 17 मिनट से 10 बजकर 11 मिनट तक.
नवरात्रि अष्टमी तिथि
शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि का पूजन इस बार 13 अक्टूबर 2021, दिन बुधवार को किया जाएगा.
अष्टमी तिथि आरंभ-12 अक्टूबर 2021 दिन मंगलवार को रात 09 बजकर 47 मिनट से.
अष्टमी तिथि समाप्त-13 अक्टूबर 2021 दिन बुधवार को रात 08 बजकर 07 मिनट पर.
नवरात्रि समापन तिथि
नवमी तिथि आरंभ-13 अक्टूबर 2021 दिन बुधवार को रात 08 बजकर 07 मिनट से.
नवमी तिथि समाप्त-14 अक्टूबर 2021 दिन बृहस्पतिवार को शाम 06 बजकर 52 मिनट
विजयादशमी तिथि
दशमी तिथि आरंभ- 14 अक्टूबर 2021 दिन गुरुवार को शाम 06 बजकर 52 मिनट से.
दशमी तिथि समाप्त- 15 अक्टूबर 2021 दिन शुक्रवार को शाम 06 बजकर 02 मिनट पर.