रायपुर: शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है. शनि देव को नवग्रहों में सबसे क्रूर माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि एक बार यदि शनि बिगड़ जाए, तो इंसान का पूरा जीवन दुखों से भर जाता है. ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है कि शनि देव कुछ बुरी आदतों वाले इंसानों को बिल्कुल पसंद नहीं करते हैं. उन पर हमेशा शनिदेव की टेढ़ी नजर टिकी रहती है.
शनि अस्त का समय: शनि देव 31 जनवरी की सुबह 04 बजकर 31 मिनट पर पश्चिम में अस्त हो रहे हैं. जिसके बाद शनिदेव 5 मार्च की शाम 6 बजकर 29 मिनट पर पूर्व में उदित होंगे.
शनि अस्त होने का 12 राशियों पर असर: ज्योतिष में कहा गया है कि हर ग्रह निश्चित समय में राशि परिवर्तन करता है. जब कोई ग्रह सूर्य के बेहद करीब आ जाता है, तो वह अस्त हो जाता है. शनि अब 31 जनवरी को अस्त होने जा रहे हैं. जिसका सभी 12 राशियों के जातकों पर बड़ा असर देखने को मिलेगा.
मेष राशि: शनि देव के अस्त होने का प्रभाव मेष राशि के जातकों के सामाजिक संबंधों और आर्थिक स्थिति पर भी पड़ सकता है. शनि के अस्त होने से आपको बेहतर करियर के मौके मिलने में परेशानी आ सकती है. अपने कार्यस्थल पर सहकर्मियों के साथ संबंधों को लेकर सावधान रहने की आवश्यता है.
वृषभ राशि: शनि कुंभ राशि में अस्त होकर वृषभ राशि के जातकों के व्यावसायिक जीवन पर नकारात्मक असर डाल सकते हैं. नौकरी पेशा लोगों को ज्यादा सावधान रहने की आवश्यकता है. बॉस या उच्चाधिकारियों के साथ अनबन होने की आशंका है.
मिथुन राशि: शनि देव की अस्त अवस्था के दौरान मिथुन राशि के जातक यात्रा में सावधानी बरतें. पिता के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें. उच्च शिक्षा की पढ़ाई के लिए आगे की योजना बना रहे हैं, उसमें थोड़ी देरी संभव है.
कर्क राशि: कर्क राशि के जातकों को वैवाहिक जीवन को लेकर सावधान रहने की जरूरत है. ससुराल पक्ष के लोगों के साथ संबंधों में तनाव आ सकता है. अचानक से लाभ या हानि होने के भी योग बन रहे हैं.
सिंह राशि: सिंह राशि के सातवें भाव के स्वामी सातवें भाव में अस्त हो रहे हैं. प्रेम संबंध में या बिजनेस पार्टनर के साथ विवाद हो सकता है. प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
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कन्या राशि: शनि छठे भाव के स्वामी के रूप में आपके छठे भाव में अस्त होंगे, जो स्वास्थ्य पर असर डालेगा. कोर्ट के केस या कानूनी कार्रवाई में फंसे हुए हैं, तो सावधान रहें.
तुला राशि: शनि पांचवें भाव के स्वामी के रूप में अस्त होंगे. बच्चों के साथ संबंधों में उतार-चढ़ाव आ सकते हैं. दोस्ती और सामाजिक संबंधों में भी परेशानियां आ सकती हैं.
वृश्चिक राशि: वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शनि देव चौथे भाव में अस्त हो रहे हैं. स्वास्थ्य में गिरावट आ सकती है. कोई प्रॉपर्टी खरीदने की योजना बनाएं हों, तो सतर्क रहें.
धनु राशि: शनि देव धनु राशि के तीसरे भाव में अस्त होंगे. जिससे इस राशि के जातकों को काम से संबंधित यात्रा करने के दौरान परेशानी हो सकती है. मानसिक शांति के लिए कोई आध्यात्मिक यात्रा कर सकते हैं.
मकर राशि: मकर राशि के जातकों के लिए शनि देव दूसरे भाव में अस्त होंगे. जो कि धन, परिवार और वाणी का भाव होता है. फैमिली बिजनेस में घाटा हो सकता है. पारिवारिक विवाद बढ़ सकता है.
कुंभ राशि: शनि देव कुंभ राशि के लग्न भाव में अस्त होंगे. साढ़ेसाती का दूसरा चरण भी चल रहा है. ऐसे में भाई-बहनों के साथ संबंध प्रभावित होंगे. विवाह में परेशानी हो सकती है.
मीन राशि: मीन राशि के लिए शनि देव की साढ़ेसाती का पहला चरण चल रहा है. ऐसे में आर्थिक नुकसान हो सकता है. कर्ज में बढ़ोतरी हो सकती है.