रायपुर: राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (SCERT, State Council of Educational Research and Training) ने आकलन के लिए कक्षा एक से आठवीं तक के बच्चों के लिए सेतु पाठयक्रम अभियान चलाया है. यह अभियान 30 दिन का होगा. जिसमें बच्चों की दक्षता देखी जाएगी.
बता दें कि, बच्चों के शैक्षणिक स्तर को जानने के लिए सेतु पाठ्यक्रम बनाया गया है. उदाहरण के लिए कोई छात्र इस साल कक्षा आठवीं में गया है, लेकिन छात्र के आकलन के लिए सेतु पाठ्यक्रम में उसे पूर्व की कक्षाओं के बारे में भी पढ़ाया जाएगा. फिर उसके दक्षता के आधार पर आकंलन होगा. आकंलन के लिए एक महीने चलने वाले सेतु पाठ्यक्रम में परीक्षा ली जाएगी. छात्र परीक्षा में पास हो जाते हैं तो उन्हें आठवीं क्लास में एडमिशन देकर पढ़ाई शुरू कराई जाएगी. अगर छात्र के कम नंबर आते हैं तो इसकी जानकारी उसके शिक्षकों को दी जाएगी.
SCERT के संयुक्त संचालक डॉ. योगेश शिवहरे ने बताया कि कोरोना संक्रमण के चलते लंबे समय तक स्कूल बंद थे. इस दौरान मोहल्ला क्लास, पढ़ई तुंहर दुआर, लाउडस्पीकर क्लास से बच्चों की पढ़ाई करवाई गई. लेकिन इन प्रयासों के बाद भी हमें लगता है कि बच्चों के सीखने की दर कम रही है. 2 साल बाद बच्चों को पढ़ने में दिक्कत आ रही है. इस अवधारणा को लेकर सेतु पाठ्यक्रम तैयार किया गया है, इसमें उन तमाम बुनियादी दक्षताओं को शामिल किया गया है. जो बच्चे उन चीजों को जानते है तो वे आसानी से अपने विषय की पढ़ाई कर सकते हैं.
उन्होंने बताया कि बच्चे वर्तमान में जिस कक्षा में हैं, उनकी दक्षता उस कक्षा के अनुरूप हो इसलिए राज्य में सेतु पाठ्यक्रम अभियान शुरू किया गया है. पहली से आठवीं तक के बच्चों के लिए इस अभियान में शिक्षक उनकी पिछली कक्षा के कुछ महत्वपूर्ण विषय सामग्री को पढ़ाएंगे. नए सत्र के पहले 30 दिनों तक हर विषय के पुराने पाठ दोहराए जाएंगे, ताकि वे उसके आगे की पढ़ाई के लिए तैयार हो सकें. SCERT में सब्जेक्ट एक्सपर्ट को सेतु पाठ्यक्रम के संचालन की जिम्मेदारी दी गई है.