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स्कूली बच्चों को बताया जाएगा संविधान की प्रस्तावना और मौलिक अधिकार

मुख्यमंत्री ने कहा कि, लोकतंत्र के मूलभूत सिद्धांतों को जन-जन तक पहुंचाने का एक अच्छा जरिया हमारे स्कूल हो सकते हैं. स्कूलों में प्रार्थना के बाद हर महीने के पहले सोमवार को संविधान की प्रस्तावना, दूसरे सोमवार को नागरिकों को दिए गए मौलिक अधिकार, तीसरे सोमवार को मूल कर्तव्य और चौथे सोमवार को नीति निर्देशक की जानकारी दी जाएगी. जिससे विद्यार्थियों को उनके बारे में पता चले.

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स्कूली बच्चों को बताया जाएगा संविधान की प्रस्तावना और मौलिक अधिकार
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Published : Nov 26, 2019, 11:44 PM IST

Updated : Nov 26, 2019, 11:56 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ के स्कूलों में बच्चों को अब संविधान की प्रस्तावना, मूल अधिकार, मूल कर्त्तव्य और राज्य की नीति निर्देशक की जानकारी दी जाएगी. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संविधान दिवस के मौके पर छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान सदन में यह घोषणा की है.

स्कूली बच्चों को बताया जाएगा संविधान की प्रस्तावना और मौलिक अधिकार

प्रत्येक सोमवार को दी जाएगी जानकारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि, लोकतंत्र के मूलभूत सिद्धांतों को जन-जन तक पहुंचाने का एक अच्छा जरिया हमारे स्कूल हो सकते हैं. स्कूलों में प्रार्थना के बाद हर महीने के पहले सोमवार को संविधान की प्रस्तावना, दूसरे सोमवार को नागरिकों को दिए गए मौलिक अधिकार, तीसरे सोमवार को मूल कर्तव्य और चौथे सोमवार को नीति निर्देशक की जानकारी दी जाएगी. जिससे विद्यार्थियों को उनके बारे में पता चले.

जन-जन तक पहुंचे संविधान की भावना
मुख्यमंत्री न कहा, यह जरूरी है कि संविधान की भावना जन-जन तक पहुंचे. संविधान ने देशवासियों को समता का अधिकार, इंसानी गरिमा दी और भारत को दुनिया में एक अलग पहचान दी है. उन्होंने कहा कि, हमारा संविधान देशवासियों के लिए महज कागज का टुकड़ा नहीं बल्कि हमारी लोकतांत्रिक आस्थाओं का प्रतीक है.

जल्द लाया जाएगा पत्रकारों की सुरक्षा कानून
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने सदन में बताया कि, राज्य सरकार कुपोषण के खिलाफ जंग छेड़ रखी है. उन्होंने बताया कि, राज्य सरकार ने बस्तर के आदिवासियों की जमीन लौटाकर उनके कानूनी अधिकारों की रक्षा की है और बहुत जल्द पत्रकारों की सुरक्षा का कानून लाया जा रहा है, जिससे पत्रकारों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हक मिल सके. मुख्यमंत्री ने सदन में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के कथन का उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि, 'संविधान चाहे कितना भी अच्छा हो अगर उसे अमल में लाने वाले खराब हुए तो संविधान भी खराब सिद्ध होगा. हमें अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक रहना होगा और हर हाल में संवैधानिक मूल्यों की रक्षा का संकल्प लेना होगा.'

रायपुर: छत्तीसगढ़ के स्कूलों में बच्चों को अब संविधान की प्रस्तावना, मूल अधिकार, मूल कर्त्तव्य और राज्य की नीति निर्देशक की जानकारी दी जाएगी. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संविधान दिवस के मौके पर छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान सदन में यह घोषणा की है.

स्कूली बच्चों को बताया जाएगा संविधान की प्रस्तावना और मौलिक अधिकार

प्रत्येक सोमवार को दी जाएगी जानकारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि, लोकतंत्र के मूलभूत सिद्धांतों को जन-जन तक पहुंचाने का एक अच्छा जरिया हमारे स्कूल हो सकते हैं. स्कूलों में प्रार्थना के बाद हर महीने के पहले सोमवार को संविधान की प्रस्तावना, दूसरे सोमवार को नागरिकों को दिए गए मौलिक अधिकार, तीसरे सोमवार को मूल कर्तव्य और चौथे सोमवार को नीति निर्देशक की जानकारी दी जाएगी. जिससे विद्यार्थियों को उनके बारे में पता चले.

जन-जन तक पहुंचे संविधान की भावना
मुख्यमंत्री न कहा, यह जरूरी है कि संविधान की भावना जन-जन तक पहुंचे. संविधान ने देशवासियों को समता का अधिकार, इंसानी गरिमा दी और भारत को दुनिया में एक अलग पहचान दी है. उन्होंने कहा कि, हमारा संविधान देशवासियों के लिए महज कागज का टुकड़ा नहीं बल्कि हमारी लोकतांत्रिक आस्थाओं का प्रतीक है.

जल्द लाया जाएगा पत्रकारों की सुरक्षा कानून
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने सदन में बताया कि, राज्य सरकार कुपोषण के खिलाफ जंग छेड़ रखी है. उन्होंने बताया कि, राज्य सरकार ने बस्तर के आदिवासियों की जमीन लौटाकर उनके कानूनी अधिकारों की रक्षा की है और बहुत जल्द पत्रकारों की सुरक्षा का कानून लाया जा रहा है, जिससे पत्रकारों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हक मिल सके. मुख्यमंत्री ने सदन में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के कथन का उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि, 'संविधान चाहे कितना भी अच्छा हो अगर उसे अमल में लाने वाले खराब हुए तो संविधान भी खराब सिद्ध होगा. हमें अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक रहना होगा और हर हाल में संवैधानिक मूल्यों की रक्षा का संकल्प लेना होगा.'

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रायपुर, छत्तीसगढ़ के स्कूलों में बच्चों को अब संविधान की प्रस्तावना, मूल अधिकारों, मूल कर्त्तव्यों और राज्य की नीति निर्देशक तत्वों की भी जानकारी दी जाएगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज संविधान दिवस की 70वीं वर्षगांठ के अवसर पर पहली बार आयोजित छत्तीसगढ़ विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान सदन में यह घोषणा की।

Body:मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र के मूलभूत सिद्धांतों को जन जन तक पहुंचाने का एक अच्छा जरिया हमारे स्कूल हो सकते हैं। स्कूलों में प्रार्थना के बाद माह के प्रथम सोमवार को संविधान की प्रस्तावना, द्वितीय सोमवार को नागरिकों को दिए गए मौलिक अधिकारों, तृतीय सोमवार को को मूल कर्तव्यों और चतुर्थ सोमवार को नीति निर्देशक तत्वों का पठन किया जाना चाहिए, जिससे विद्यार्थियों को उनके बारे में जानकारी हो सके, उनमें जागरूकता बढ़े और भविष्य में वे देश के जिम्मेदार नागरिक बनें।          
          उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि संविधान की भावना जन-जन तक पहुंचे। संविधान ने देशवासियों को समता का अधिकार, इंसानी गरिमा दी और भारत को दुनिया में एक अलग पहचान दी। हमारा संविधान देशवासियों के लिए महज कागज का टुकड़ा नहीं बल्कि हमारी लोकतांत्रिक आस्थाओं का प्रतीक है।
         राज्य सरकार ने कुपोषण के खिलाफ जंग छेड़ी है। राज्य सरकार ने बस्तर के आदिवासियों की जमीन लौटा कर उनके कानूनी अधिकारों की रक्षा की। बहुत जल्द पत्रकारों की सुरक्षा का कानून लाया जा रहा है, ताकि पत्रकारों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हक मिल सके। राज्य सरकार ने चिकित्सा सुविधा दूरस्थ अंचलों में लोगों के घर की डेहरी तक पहुंचाने का प्रयास किया है। मुख्यमंत्री ने सदन में बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के कथन का उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि - संविधान चाहे कितना भी अच्छा हो अगर उसे अमल में लाने वाले खराब हुए तो संविधान भी खराब सिद्ध होगा। हमें अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक रहना होगा और हर हाल में संवैधानिक मूल्यों की रक्षा का संकल्प लेना होगा।
         Conclusion:
Last Updated : Nov 26, 2019, 11:56 PM IST
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