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नाग पंचमी का धार्मिक और ज्योतिष महत्व क्या है...आइए जानते हैं

नागपंचमी श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाने वाला त्योहार है. उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र शिवयोग सानिध्य और बवकरण के प्रभाव में मंगलवार के दिन सुंदर सुयोग में मंगला गौरी व्रत के साथ मनाया जाएगा.

Significance of Nagpanchami
नागपंचमी का महत्व
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Published : Jul 31, 2022, 6:21 PM IST

रायपुर: नागपंचमी श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाने वाला त्योहार है. यह उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र शिवयोग सानिध्य और बवकरण के प्रभाव में मंगलवार के दिन सुंदर सुयोग में मंगला गौरी व्रत के साथ मनाया जाएगा. इस दिन रवि योग का भी सुयोग बन रहा है. आज के शुभ दिन पुंसवन श्रुति स्नान प्रवाल धारण अत्यंत शुभ माना जाता है. नागपंचमी के दिन राहु, केतु और सर्प की विशेष शांति पूजा किया जाता है. आज शुभ दिन प्राता बेला में शिव जी के साथ उन के गले में रहने वाले नाग देवता की भी पूजा करने का विधान है. आज के दिन सजीव सर्प को देखना, दान करना और पूजन करना बहुत ही शुभ माना जाता है. सावन का महीना शिव पुराण, वेद पुराण और विभिन्न धार्मिक ग्रंथों के श्रवण का महीना माना जाता है.

नाग पंचमी का धार्मिक और ज्योतिष महत्व क्या है

यह भी पढ़ें: हिदायतुल्लाह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की टॉपर बनीं दृष्टिहीन छात्रा यवनिका

विभिन्न मंत्रों से नागों को प्रसन्न किया जाता है: ज्योतिष एवं वास्तु शास्त्री पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "सावन महीने में समस्त अध्यात्मिक ग्रंथों को सुंदर मनोभावों से सुना जाता है. सावन का संपूर्ण महीना श्रावणी रूप में जाना जाता है. ऋग्वेद यजुर्वेद को सुनना बहुत ही शुभ मानते हैं. यह अपने आप में पवित्र और शुभ महीना माना गया है. आज के दिन नाग देवता को शुद्ध कच्चा और पवित्र गाय का दूध चढ़ाया जाता है और नाग स्रोत नाग चालीसा और विभिन्न मंत्रों के द्वारा नागों को प्रसन्न किया जाता है."


तांबे या चांदी की नाग नागिन के जोड़े की पूजा: आज के दिन शिवजी की विशेष पूजा की जाती है. शिवजी ही नाग शिरोमणि और नागों के प्रमुख देवता माने गए हैं. आज के दिन शिवजी का श्रृंगार पूरे सौंदर्य के साथ किया जाता है. शिवजी को भस्म पंचामृत चंदन बंधन गोपीचंद अबीर आदि का विलेप किया जाता है. इसके साथ ही चांदी की नाग नागिन के जोड़े अथवा तांबे की जोड़े में भी नाग देवता की पूजा की जाती है. अनेक स्थानों पर गोबर से भी नाग बनाकर के पूजन किया जाता है. वेदी में चावल के माध्यम से भी सर्प बनाकर पूजा करने का विधान है. यह नाग कम से कम दो बनाया जाना चाहिए. इसे नाग नागिन के जोड़े के रूप में देखा जाता है. नाग पंचमी के दिन नाग नागिन के जोड़ों को एक साथ देखना भी शुभ माना गया है. नाग सेवकों को आज के दिन दान करने का विधान है.


नाग की पूजा करने से नाग हत्या के दोष से मुक्ति: आज के दिन महामृत्युंजय मंत्र का पाठ ओम नमः शिवाय मंत्र का पाठ पंचाक्षरी मंत्र का पाठ करना बहुत ही शुभ माना गया है. द्वादश लिंग मानसरोवर कैलाश अमरनाथ जी की यात्रा आज के दिन विशेष मायने रखती है. द्वादश लिंग का दर्शन करना अपने आप में बहुत बड़ा सौभाग्य माना जाता है. आज के दिन द्वादश लिंग में sheshnaag की पूजा करने पर नाग लोक बहुत प्रसन्न होते हैं. समस्त नाग देवता का आशीर्वाद जातक को मिलता है. जाने अनजाने अपनी या पूर्वजों के द्वारा नाग की हत्या का दोष आज के दिन नागों की उच्च मनोभावों से पूजा करने पर समस्त दोष दूर हो जाते हैं. जाने अनजाने पैरों अथवा जानकर नागों की हत्या का दोष भी धीरे-धीरे समाप्त होते जाता है. आज के दिन सोने के सर्प बनाकर पूजा कर उन्हें दान देने से भी महान सिद्धियों की प्राप्ति होती है. आज के दिन विधि विधान पूर्वक नाग सूत्र का पाठ और जाप करना चाहिए.

रायपुर: नागपंचमी श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाने वाला त्योहार है. यह उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र शिवयोग सानिध्य और बवकरण के प्रभाव में मंगलवार के दिन सुंदर सुयोग में मंगला गौरी व्रत के साथ मनाया जाएगा. इस दिन रवि योग का भी सुयोग बन रहा है. आज के शुभ दिन पुंसवन श्रुति स्नान प्रवाल धारण अत्यंत शुभ माना जाता है. नागपंचमी के दिन राहु, केतु और सर्प की विशेष शांति पूजा किया जाता है. आज शुभ दिन प्राता बेला में शिव जी के साथ उन के गले में रहने वाले नाग देवता की भी पूजा करने का विधान है. आज के दिन सजीव सर्प को देखना, दान करना और पूजन करना बहुत ही शुभ माना जाता है. सावन का महीना शिव पुराण, वेद पुराण और विभिन्न धार्मिक ग्रंथों के श्रवण का महीना माना जाता है.

नाग पंचमी का धार्मिक और ज्योतिष महत्व क्या है

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विभिन्न मंत्रों से नागों को प्रसन्न किया जाता है: ज्योतिष एवं वास्तु शास्त्री पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "सावन महीने में समस्त अध्यात्मिक ग्रंथों को सुंदर मनोभावों से सुना जाता है. सावन का संपूर्ण महीना श्रावणी रूप में जाना जाता है. ऋग्वेद यजुर्वेद को सुनना बहुत ही शुभ मानते हैं. यह अपने आप में पवित्र और शुभ महीना माना गया है. आज के दिन नाग देवता को शुद्ध कच्चा और पवित्र गाय का दूध चढ़ाया जाता है और नाग स्रोत नाग चालीसा और विभिन्न मंत्रों के द्वारा नागों को प्रसन्न किया जाता है."


तांबे या चांदी की नाग नागिन के जोड़े की पूजा: आज के दिन शिवजी की विशेष पूजा की जाती है. शिवजी ही नाग शिरोमणि और नागों के प्रमुख देवता माने गए हैं. आज के दिन शिवजी का श्रृंगार पूरे सौंदर्य के साथ किया जाता है. शिवजी को भस्म पंचामृत चंदन बंधन गोपीचंद अबीर आदि का विलेप किया जाता है. इसके साथ ही चांदी की नाग नागिन के जोड़े अथवा तांबे की जोड़े में भी नाग देवता की पूजा की जाती है. अनेक स्थानों पर गोबर से भी नाग बनाकर के पूजन किया जाता है. वेदी में चावल के माध्यम से भी सर्प बनाकर पूजा करने का विधान है. यह नाग कम से कम दो बनाया जाना चाहिए. इसे नाग नागिन के जोड़े के रूप में देखा जाता है. नाग पंचमी के दिन नाग नागिन के जोड़ों को एक साथ देखना भी शुभ माना गया है. नाग सेवकों को आज के दिन दान करने का विधान है.


नाग की पूजा करने से नाग हत्या के दोष से मुक्ति: आज के दिन महामृत्युंजय मंत्र का पाठ ओम नमः शिवाय मंत्र का पाठ पंचाक्षरी मंत्र का पाठ करना बहुत ही शुभ माना गया है. द्वादश लिंग मानसरोवर कैलाश अमरनाथ जी की यात्रा आज के दिन विशेष मायने रखती है. द्वादश लिंग का दर्शन करना अपने आप में बहुत बड़ा सौभाग्य माना जाता है. आज के दिन द्वादश लिंग में sheshnaag की पूजा करने पर नाग लोक बहुत प्रसन्न होते हैं. समस्त नाग देवता का आशीर्वाद जातक को मिलता है. जाने अनजाने अपनी या पूर्वजों के द्वारा नाग की हत्या का दोष आज के दिन नागों की उच्च मनोभावों से पूजा करने पर समस्त दोष दूर हो जाते हैं. जाने अनजाने पैरों अथवा जानकर नागों की हत्या का दोष भी धीरे-धीरे समाप्त होते जाता है. आज के दिन सोने के सर्प बनाकर पूजा कर उन्हें दान देने से भी महान सिद्धियों की प्राप्ति होती है. आज के दिन विधि विधान पूर्वक नाग सूत्र का पाठ और जाप करना चाहिए.

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