रायपुर: अगस्त महीने में शुक्र, सूर्य और मंगल के राशि परिवर्तन के साथ ही अंतरिक्ष में भी कुछ खगोलीय घटनाएं होने वाली है. जो बेहद खास होगी. 30 अगस्त को पूर्णिमा के मौके पर चंद्रमा पृथ्वी के सबसे नजदीक रहेगा, इस वजह से सुपरमून का नजारा दिखेगा. तीन साल बाद ऐसा संयोग बन रहा है कि एक माह में दूसरी बार सुपरमून दिखाई दे. 30 अगस्त को ही 378 दिन बाद शनि रिंग भी नजर आएगा.
शुक्र, सूर्य और मंगल का राशि परिवर्तन: 7 अगस्त 2023 को शुक्र ने चंद्रमा की राशि कर्क में प्रवेश किया है. 17 अगस्त को सूर्य ने अपने ही सिंह राशि में प्रवेश किया. इसके अगले ही दिन 18 अगस्त मंगल ने कन्या राशि में गोचर किया है. इन तीनों घटनाओं का असर सभी जातकों पर अलग अलग पड़ने वाला है.
एक माह में दो बार दिखेगा सूपरमून: इस बार अगस्त माह में दो बार सूपरमून का नजारा देखने को मिलेगा. 30 अगस्त को ब्लू मून दिखेगा. दरअसल, एक महीने में दो बार पूर्णिमा आती है, तो दूसरी पूर्णिमा वाले सुपरमून को ब्लू मून भी कहा जाता है. इससे पहले 1 अगस्त को महीने की पहली पूर्णिमा पर आसमान में सुपरमून नजर आया था. धरती और चंद्रमा के बीच की औसत दूरी 3 लाख 84 हजार किलोमीटर है. इस वजह से सुपरमून के दौरान चंद्रमा अपने आकार से 7 फीसदी बड़ा और 16 फीसदी अधिक चमकीला दिखता है. सुपरमून की घटना 3 साल में एक बार होती है.
क्या है ब्लू मून? : 30 अगस्त को नजर आने वाले सुपरमून को ब्लू मून भी कहा जाता है. ब्लूमून का अर्थ यह नहीं है कि आसमान में चंद्रमा का रंग नीला हो जाएगा. दरअसल, जब 1 महीने में दो पूर्णिमा पड़ती है, तो दूसरी पूर्णिमा वाले सुपरमून को ब्लू मून कहा जाता है. ब्लू मून की घटना करीब ढाई साल में एक बार घटती है. इससे पहले ब्लूमून 22 अगस्त 2021 में देखा गया था.
क्या है शनि रिंग: 30 अगस्त को लोग अपनी आंखों से शनि ग्रह और उसके छल्ले को पृथ्वी से देख पाएंगे. इसे सैटर्न रिंग भी कहा जाता है. इस दिन शनि ग्रह सूर्य के बिल्कुल उल्टा और धरती के बिल्कुल नजदीक होगा. खगोलविदों के मुताबिक, ऐसे नजारे कई हजार सालों में सिर्फ एक बार ही देखने को मिलते हैं. इस दौरान सुपरमून के साथ सूर्य और शनि की जुगलबंदी होगी. शनि ग्रह भी अपने छल्ले के साथ नजर आएगा. नासा के मुताबिक, दुनिया भर के कई देशों के लोग इस खगोलीय घटना को देख पाएंगे.