ETV Bharat / state

Pitru Paksha 2023: शुरू होने वाला है पितृपक्ष, क्या होता है पितृ दोष और कैसे पाएं इससे छुटकारा? जानिए

author img

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Aug 24, 2023, 7:33 PM IST

Updated : Sep 26, 2023, 6:36 PM IST

Pitru Paksha 2023 हिंदू धर्म में पितृपक्ष का विशेष महत्व होता है. पितृपक्ष के दौरान लोग अपने पूर्वजों के लिए पिंडदान, तर्पण या श्राद्ध कर्म करते हैं. ऐसा माना जाता है कि पितृपक्ष में पितरों का पिंडदान या तर्पण करने से उनको मोक्ष मिल जाता है. आइये जानें इस साल पितृपक्ष कब शुरु हो रहा है और पितृदोष से छुटकारा पाने के लिए कौन से उपाय करने चाहिए. Know what is Pitra Dosh

Pitru Paksha 2023
क्या होता है पितृ दोष
क्या होता है पितृ दोष

रायपुर: पितृपक्ष पूर्वजों के लिए श्राद्ध कर्म किये जाने का पर्व माना जाता है. माना जाता है कि पितरों को पितृपक्ष में तर्पण देने, पिंडदान करने और श्राद्ध करने से उनको मोक्ष की प्राप्ति होती है. पितृपक्ष को पूर्वजों के प्रति सम्मान प्रकट करने का अवसर भी माना जाता है. पितृपक्ष में श्रद्धापूर्वक अपने पूर्वजों को जल चढ़ाना चाहिए. चलिए पितृपक्ष और पितृ दोष से संबंधित सभी पहलुओं को समझते हैं.

पितृपक्ष का महत्व: शास्त्रों में कहा गया है कि मौत के बाद आत्माएं पितृलोक में निवास करती हैं. हमारे पूर्वजों की आत्माएं भी पितृलोक में रहती हैं. पितृलोक को स्वर्ग और पृथ्वी के बीच का स्थान माना जाता है. इसमें मृत्यु के देवता यम देव का शासन होता है. यम देव मरते हुए व्यक्ति की आत्मा को पृथ्वी से पितृलोक तक ले जाते हैं. ऐसे में माना जाता है कि आप पितृपक्ष के दौरान श्राद्ध कर्म करते हैं तो पितरों को मुक्ति मिलती है और वे स्वर्ग लोग में चले जाते हैं.

कब शुरू हो रहा पितृपक्ष 2023 ? इस साल पितृपक्ष की शुरुआत 29 सितंबर 2023 से हो रही है. वहीं 14 अक्टूबर को पितृपक्ष समाप्त हो जाएगा. पंचांग के अनुसार, हर साल पितृपक्ष की शुरुआत भाद्रपद महीने की पूर्णिमा तिथि से शुरु होती है और अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर पितृ पक्ष का समापन हो जाता है.

क्या होता है पितृ दोष? : पित्र दोष बहुत ही कष्ट देने वाला दोष माना जाता है. जिस भी व्यक्ति की कुंडली में पित्र दोष होता है, उसका जीवन काफी कष्टदायक हो जाता है. उसकी जिंदगी में परेशानियों की बाढ़ सी आ जाती है. व्यक्ति चाहे जितनी भी कोशिशें कर ले, उसके सभी काम अटक जाते हैं और असफलता ही मिलती है. व्यक्ति के जीवन में चौतरफा मुसीबतें आ रही हों, किसी भी काम में हाथ लगाने से सफलता नहीं मिल रही हो, नकारात्मक ऊर्जा का वास हो, दुश्मनों की संख्या ज्यादा हो, तो समझ लेना चाहिए कि व्यक्ति के कुंडली में पितृ दोष का प्रभाव है.

कैसे होता है पितृ दोष? : पूर्वजों की मृत्यु के बाद उनकी विधि विधान से अंतिम संस्कार ना करने पर पितृदोष लगने की संभावना होती है. यदि किसी के घर में किसी व्यक्ति की मृत्यु अचानक या समय से पूर्व हो जाए, तो ऐसे घर के सदस्यों को भी पितृदोष का सामना करना पड़ता है. पितृदोष पीढ़ियों तक अपना प्रभाव दिखाता है. घर के बड़ों का सम्मान ना करना, स्त्रियों का सम्मान ना करना, जानवरों को मारना, बुजुर्ग का अपमान करना इत्यादि. यह सभी पितृदोष की वजह बनते हैं.

"किसी की अकाल मृत्यु हो जाए, पानी में डूबने से मृत्यु हो जाए, विषपान करने से मृत्यु हो, सांप के काटने से मृत्यु हो जाए, एक्सीडेंट से मृत्यु हो जाए. ऐसी स्थिति में मरने वाला व्यक्ति प्रेत योनि में चला जाता है. जिसके कारण परिवार में पितृ दोष के लक्षण दिखाई पड़ते हैं. राहु दोषियों को ही पित्र दोष कहा जाता है." - पंडित प्रिया शरण त्रिपाठी, एस्ट्रोलॉजर

पितृ दोष से होने वाली परेशानियां:

  1. संतान सुख नहीं मिलना.
  2. नौकरी से संबंधित परेशानियां.
  3. नौकरी मिलने में भी अड़चनें आना.
  4. मेहनत के बाद भी कारोबार में फायदा नहीं मिलना.
  5. घर में शांति नहीं होना.
  6. स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का बना रहना.
  7. घर के मंगल कार्यों में अड़चन आना.
Ashadha Amavasya 2023: शनिवार के दिन आषाढ़ अमावस्या पर पितृ दोष दूर करने करिए ये उपाय
Pitru Paksha : पितृ पक्ष में नहीं करने चाहिए इस तरह के कार्य, वरना पितर हो जाते हैं नाराज
ऐसे शुरू हुयी थी पितृ पक्ष में कौए को भोज देने की परंपरा, देते हैं शुभ-अशुभ के संकेत
how to get rid of paternal defect
पितृ दोष से बचने के उपाय

पितृ दोष से छुटकारा पाने के लिए करें यह उपाय:

  1. हर दिन कुल देवता की पूजा करना चाहिए.
  2. शाम के समय रोजाना पीपल के पेड़ के नीचे दिये जलाएं.
  3. पितरों के पुणयतिथि पर गरीबों को भोज कराएं और गरीबों को वस्त्र दान करें.
  4. हर दिन पितृ कवच का पाठ करना चाहिए.
  5. अपने पितरों के नाम से वृक्षारोपण करना चाहिए.

क्या होता है पितृ दोष

रायपुर: पितृपक्ष पूर्वजों के लिए श्राद्ध कर्म किये जाने का पर्व माना जाता है. माना जाता है कि पितरों को पितृपक्ष में तर्पण देने, पिंडदान करने और श्राद्ध करने से उनको मोक्ष की प्राप्ति होती है. पितृपक्ष को पूर्वजों के प्रति सम्मान प्रकट करने का अवसर भी माना जाता है. पितृपक्ष में श्रद्धापूर्वक अपने पूर्वजों को जल चढ़ाना चाहिए. चलिए पितृपक्ष और पितृ दोष से संबंधित सभी पहलुओं को समझते हैं.

पितृपक्ष का महत्व: शास्त्रों में कहा गया है कि मौत के बाद आत्माएं पितृलोक में निवास करती हैं. हमारे पूर्वजों की आत्माएं भी पितृलोक में रहती हैं. पितृलोक को स्वर्ग और पृथ्वी के बीच का स्थान माना जाता है. इसमें मृत्यु के देवता यम देव का शासन होता है. यम देव मरते हुए व्यक्ति की आत्मा को पृथ्वी से पितृलोक तक ले जाते हैं. ऐसे में माना जाता है कि आप पितृपक्ष के दौरान श्राद्ध कर्म करते हैं तो पितरों को मुक्ति मिलती है और वे स्वर्ग लोग में चले जाते हैं.

कब शुरू हो रहा पितृपक्ष 2023 ? इस साल पितृपक्ष की शुरुआत 29 सितंबर 2023 से हो रही है. वहीं 14 अक्टूबर को पितृपक्ष समाप्त हो जाएगा. पंचांग के अनुसार, हर साल पितृपक्ष की शुरुआत भाद्रपद महीने की पूर्णिमा तिथि से शुरु होती है और अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर पितृ पक्ष का समापन हो जाता है.

क्या होता है पितृ दोष? : पित्र दोष बहुत ही कष्ट देने वाला दोष माना जाता है. जिस भी व्यक्ति की कुंडली में पित्र दोष होता है, उसका जीवन काफी कष्टदायक हो जाता है. उसकी जिंदगी में परेशानियों की बाढ़ सी आ जाती है. व्यक्ति चाहे जितनी भी कोशिशें कर ले, उसके सभी काम अटक जाते हैं और असफलता ही मिलती है. व्यक्ति के जीवन में चौतरफा मुसीबतें आ रही हों, किसी भी काम में हाथ लगाने से सफलता नहीं मिल रही हो, नकारात्मक ऊर्जा का वास हो, दुश्मनों की संख्या ज्यादा हो, तो समझ लेना चाहिए कि व्यक्ति के कुंडली में पितृ दोष का प्रभाव है.

कैसे होता है पितृ दोष? : पूर्वजों की मृत्यु के बाद उनकी विधि विधान से अंतिम संस्कार ना करने पर पितृदोष लगने की संभावना होती है. यदि किसी के घर में किसी व्यक्ति की मृत्यु अचानक या समय से पूर्व हो जाए, तो ऐसे घर के सदस्यों को भी पितृदोष का सामना करना पड़ता है. पितृदोष पीढ़ियों तक अपना प्रभाव दिखाता है. घर के बड़ों का सम्मान ना करना, स्त्रियों का सम्मान ना करना, जानवरों को मारना, बुजुर्ग का अपमान करना इत्यादि. यह सभी पितृदोष की वजह बनते हैं.

"किसी की अकाल मृत्यु हो जाए, पानी में डूबने से मृत्यु हो जाए, विषपान करने से मृत्यु हो, सांप के काटने से मृत्यु हो जाए, एक्सीडेंट से मृत्यु हो जाए. ऐसी स्थिति में मरने वाला व्यक्ति प्रेत योनि में चला जाता है. जिसके कारण परिवार में पितृ दोष के लक्षण दिखाई पड़ते हैं. राहु दोषियों को ही पित्र दोष कहा जाता है." - पंडित प्रिया शरण त्रिपाठी, एस्ट्रोलॉजर

पितृ दोष से होने वाली परेशानियां:

  1. संतान सुख नहीं मिलना.
  2. नौकरी से संबंधित परेशानियां.
  3. नौकरी मिलने में भी अड़चनें आना.
  4. मेहनत के बाद भी कारोबार में फायदा नहीं मिलना.
  5. घर में शांति नहीं होना.
  6. स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का बना रहना.
  7. घर के मंगल कार्यों में अड़चन आना.
Ashadha Amavasya 2023: शनिवार के दिन आषाढ़ अमावस्या पर पितृ दोष दूर करने करिए ये उपाय
Pitru Paksha : पितृ पक्ष में नहीं करने चाहिए इस तरह के कार्य, वरना पितर हो जाते हैं नाराज
ऐसे शुरू हुयी थी पितृ पक्ष में कौए को भोज देने की परंपरा, देते हैं शुभ-अशुभ के संकेत
how to get rid of paternal defect
पितृ दोष से बचने के उपाय

पितृ दोष से छुटकारा पाने के लिए करें यह उपाय:

  1. हर दिन कुल देवता की पूजा करना चाहिए.
  2. शाम के समय रोजाना पीपल के पेड़ के नीचे दिये जलाएं.
  3. पितरों के पुणयतिथि पर गरीबों को भोज कराएं और गरीबों को वस्त्र दान करें.
  4. हर दिन पितृ कवच का पाठ करना चाहिए.
  5. अपने पितरों के नाम से वृक्षारोपण करना चाहिए.
Last Updated : Sep 26, 2023, 6:36 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.