रायपुर: डॉक्टर भीमराव अंबेडकर अस्पताल में पिछले कुछ दिनों से जूनियर डॉक्टर हाथों में काली पट्टी बांधकर मरीजों का इलाज कर रहे हैं. जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग के लिए शांतिपूर्ण विरोध करने का तरीका अपनाया है. लेकिन 1 अगस्त से जूनियर डॉक्टर का प्रदर्शन उग्र होने वाला है. सभी जूनियर डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे. जिससे प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा जाएगी.
जनवरी में प्रदर्शन के बाद मिला था आश्वासन: जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग को लेकर पिछले कई महीनों से नाराज चल रहा है. जनवरी में भी जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल की थी. हड़ताल के दौरान जूडा ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को ज्ञापन भी सौंपा था. जिसके बाद मांग पूरी होने का आश्वासन शासन की तरफ से मिला था. 6 महीने बीतने के बाद भी मानदेय में बढ़ोतरी ना होता देख एक बार फिर जूडा प्रदर्शन के मूड में हैं. पिछले पांच दिनों से जनियर डॉक्टर काली पट्टी बांधकर अस्पतालों में मरीजों का इलाज कर रहे हैं.
जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के मुताबिक "अभी हम केवल ब्लैक रिबन बांधकर अपनी मांगों को प्रशासन तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं. इसके बावजूद यदि सरकार हमारी मांगे पूरी नहीं करती है तो हम डॉक्टर 1 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को बाध्य होंगे. इस हड़ताल से मरीजों को होने वाली परेशानियों के लिए प्रशासन जिम्मेदार होगा."
जूडा की ये है मांग: जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन का कहना है कि दूसरे प्रदेशों में जूनियर डॉक्टर्स को 90000 रुपये तक स्टाइपेंड दिया जाता है. लेकिन छत्तीसगढ़ में 50 से 55000 मानदेय दिया जा रहा है. दूसरे प्रदेशों में 4 साल का बॉन्ड भी नहीं भरवाया जाता जबकि छत्तीसगढ़ में बॉंड भरवाया जा रहा है. बीते 4 साल से स्टाइपेंड बढ़ाया ही नहीं गया.
3000 जूनियर डॉक्टर पढ़ाई के साथ अस्पताल में दे रहे सेवाएं: प्रदेश में जूनियर डॉक्टर की संख्या 3000 है. जो प्रदेश के अलग-अलग जिले के सरकारी कॉलेजों में पढ़ाई के साथ अस्पतालों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं.