कोरबा: प्राचीन मंदिर और गुफा को बचाने के लिए लोगों ने आंदोलन खड़ा कर दिया है. श्रम सेवा भूविस्थापित कामगार संगठन ने सर्वमंगला मंदिर परिसर में मौजूद प्राचीन गुफा और हनुमान मंदिर को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है. ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और रेलवे प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है. आरोप है कि सर्वमंगला मंदिर के पास रेलवे ब्रिज और सडक़ निर्माण के दौरान प्राचीन रानी गुफा, हनुमान मंदिर, निमार्णाधीन शिव मंदिर को मिट्टी डम्प कर नुकसान पहुंचाया जा रहा है.
मंदिर और गुफा के लिए आंदोलन की तैयारी: स्थानीय लोगों का कहना है कि परिवर्तन मार्ग को पक्का नहीं किए जाने से धूल का गुबार उड़ता रहता है. डस्ट के चलते लोग परेशान हो रहे हैं. धूल के चलते हादसों की भी संभावना बनी रहती है. सड़क की हालत को लेकर लोगों में भारी गुस्सा है. आंदोलन कर रहे संगठन के अध्यक्ष अशोक कुमार ने बताया कि दो सालों से लगातार आवेदन निवेदन करने के बाद भी समस्याओं का अंत नहीं हो पाया है.
शासन के साथ बैठक भी हुई: प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पांच अलग अलग तहसीलदारों के साथ हमारी बैठक हो चुकी है. तमाम बैठकों के बाद भी कोई भी निर्णय लेने में अधिकारी समर्थ नहीं हुए. प्रशासन की बेरुखी के चलते हम अब आंदोलन के लिए बाध्य हुए हैं. अगर हमारी बात नहीं सुनी गई तो हम चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करेंगे. हमारी मांग की है कि प्राचीन गुफा और प्राचीन मंदिर का ध्यान रखा जाए, उसका जिर्णोद्वार किया जाए.
मंदिर और गुफा को लेकर मान्यता: हसदेव नदी के तट पर सर्वमंगला मंदिर और केएन कॉलेज दोनों हैं. दोनों ही एक दूसरे से चार से पांच किलोमीटर की दूरी पर है. मान्यता है कि केएन कॉलेज जो कि पहले रानी का महल हुआ करता था बाद में रानी धनराज कुंवर के वंशजों ने इसे कॉलेज प्रबंधन को दान दे दिया. जिसके बाद से केएन कॉलेज का संचालन यहां होने लगा. लोगों का कहना है कि यहां से रानी गुफा के जरिए मां सर्वमंगला मंदिर आना-जाना करती थी.
गुफा को लेकर कहानियां: इस गुफा को लेकर कई प्रचलित कहानियां भी हैं. गुफा के मुहाने पर मौजूद प्राचीन हनुमान मंदिर और यह गुफा लोगों लोगों के आस्था का केंद्र कई दशकों से रहा है. अब इसी स्थान पर सड़क का निर्माण हो रहा है जिससे गुफा को कुछ नुकसान पहुंचा है. नई रेलवे लाइन का भी यहां से विस्तार किया जा रहा है.