राजनांदगांव: छत्तीसगढ़ के नगरीय निकाय चुनाव में 10 नगर निगमों पर बीजेपी ने जीत का परमच लहराया . इसके साथ ही प्रदेश के अन्य नगरीय निकाय में भी बीजेपी की बंपर जीत देखने को मिली. राजनांदगांव नगर निगम में भाजपा प्रत्याशी मधुसूदन यादव ने जीत दर्ज किया है. शहर के 51 वार्डों में 39 भाजपा प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है,तो वहीं कांग्रेस के 8 और चार निर्दलीय उम्मीदवार जीते हैं. राजनांदगांव जिले में निर्णायक फैसला आया है, जनता ने अपने जनप्रतिनिधि का चुनाव किया है.
राजनांदगांव में कांग्रेस को मिली करारी मात: राजनांदगांव नगर निगम में भाजपा ने बड़ी जीत हासिल की है,भाजपा प्रत्याशी मधुसूदन यादव ने जीत दर्ज की है,उन्होंने कांग्रेस के निखिल द्विवेदी को हराया है. राजनांदगांव नगर निगम के महापौर प्रत्याशी मधुसूदन यादव को चुनाव में कुल 68,551 वोट मिले हैं,वहीं निखिल द्विवेदी को कुल 24,096 वोट मिले हैं.मधुसूदन यादव ने 44,455 मतों से कांग्रेस के निखिल द्विवेदी को हराया.
राजनांदगांव के निकाय चुनाव में कौन कहां से जीता?: एक नजर डालते हैं कि किस नगर पालिका परिषद से कौन से राजनीतिक दल के प्रत्याशी जीते हैं.
- डोंगरगढ़ नगर पालिका परिषद: अध्यक्ष पद का चुनाव, बीजेपी के रमन डोंगरे ने चुनाव जीता, नलिनी मेश्राम को हराया
- नगर पंचायत डोंगरगांव: अध्यक्ष पद का चुनाव, बीजेपी की अंजू त्रिपाठी ने कांग्रेस के रोशन यदु को हराया
- नगर पंचायत छुरिया: अध्यक्ष पद का चुनाव, बीजेपी के अजय पटेल ने कांग्रेस के रितेश जैन को हराया
- नगर पंचायत लालबहादुर नगर, अध्यक्ष पद का चुनाव, बीजेपी के देवेंद्र साहू ने कांग्रेस के राजू साहू को हराया.
बीजेपी की जीत के फैक्टर: वरिष्ठ पत्रकार दीपांकर खोबरागड़े ने बताया कि राजनांदगांव के निकाय चुनाव में बीजेपी की जीत दर्ज करने में भाजपा की गारंटी,घोषणा पत्र,डबल इंजन की सरकार, महिलाओं से किए गए वादे और मूलभूत सुविधाओं पर तरजीह ने बड़ा काम किया. यहां कांग्रेस के खिला एंटी इनकंबेंसी रही. दूसरी तरफ राजनांदगांव पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह का विधानसभा क्षेत्र भी है. यहां बीजेपी ने सड़क, बिजली, पानी का मुद्दा उठाया. ऐसे मुद्दे उठाए गए जो कांग्रेस के शासनकाल में पूरे नहीं हुए.
रमन सिंह के करीबी हैं मधुसूदन यादव: वरिष्ठ पत्रकार दीपांकर खोबरागड़े ने बताया कि राजनांदगांव नगर निगम में महापौर पद के प्रत्याशी के तौर पर मधुसूदन यादव को उतारा गया. जो पूर्व सीएम और मौजूदा विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह के करीबी हैं. इसका प्रभाव भी जनता पर पड़ा. कांग्रेस में अंदरूनी कलह भी एक वजह रही है,जिसके कारण कांग्रेस की हार हुई है.