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छत्तीसगढ़ निकाय चुनाव में खिला कमल, कांग्रेस का सूपड़ा साफ, राजधानी भी नहीं लगी हाथ, यह रही वजह - CHHATTISGARH CIVIC ELECTIONS

छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय चुनाव में बीजेपी ने कांग्रेस को धूल चटा दी है. पूरे प्रदेश के निकायों में कमल ही कमल दिख रहा है.

LOTUS BLOOMS IN CHHATTISGARH
निकाय चुनाव में बीजेपी की बड़ी जीत (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 15, 2025, 10:33 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजनीति में सियासत का बहुत बड़ा बदलाव 15 फरवरी 2025 को भारतीय जनता पार्टी के खाते में आई है. जब नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में डबल इंजन की सरकार को नगरीय निकाय चुनाव में तीसरे इंजन के साथ जोड़कर बीजेपी ने छत्तीसगढ़ के 10 नगर निगम पर कब्जा कर लिया. यह बड़ी जीत सियासत की सबसे बड़ी जीत इसलिए भी कहीं जा सकती है कि इन सीटों पर कांग्रेस का कब्जा था. सबसे बड़ी जीत कांग्रेस के खाते में रायपुर नगर निगम की कही जा सकती है, जिसमें 15 साल बाद भाजपा के खाते में मेयर का पद आया है.

कांग्रेस को किया चित: छत्तीसगढ़ में हुए नगर निकाय चुनाव की बात करें तो कांग्रेस लगातार इस पर हमलावर रही थी कि भाजपा नगर निकाय चुनाव में डरी हुई है. कांग्रेस इसके समर्थन में यह तर्क देती थी कि यही वजह है जो बीजेपी समय पर नगर निगम चुनाव को नहीं करवा रही है. यह भी लंबे समय के बाद हुआ जब मेयर और नगर परिषद में अध्यक्ष के कार्यकाल समाप्त हो गए. यहां पर प्रशासक को बैठना पड़ा. यह चीज ज्यादा दूर तक नहीं चली और त्रिस्तरीय निकाय चुनाव के ऐलान को कर दिया गया. उसमें भी कांग्रेस अपने तरीके से सियासत को करती रही , जिसमें लगातार यह कहा जाता रहा कि पहले बैलेट पेपर से चुनाव करने की बात कही गई थी, उसके बाद EVM से कराया गया.

छत्तीसगढ़ निकाय चुनाव में खिला कमल (ETV BHARAT)

"जनता ने हमारे फेवर में जनमत नहीं दिया": नगरीय निकाय चुनाव के परिणाम आने के बाद कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की. उन्होंने कहा कि हम लोगों ने चुनाव में मेहनत की और जनता के बीच गए, लेकिन जनता ने जो जनमत दिया है वह हम मान करके चल रहे हैं. हमारा वोट परसेंट है, लेकिन जनता ने जो जनमत दिया है वह हमारे फेवर में नहीं आया है ,फिर भी हम जनता की सेवा करते रहेंगे.

BJP Wins In Chhattisgarh Local Body Elections
जीत से बीजेपी में खुशी की लहर (ETV BHARAT)

कांग्रेस को रिजल्ट पर सोचने की जरूरत: सुशील आनंद शुक्ला ने कांग्रेस की हार पर चाहे जो बयान दिया हो लेकिन बीजेपी की जीत ने निश्चित तौर पर भाजपा को छत्तीसगढ़ में नई मजबूती दी है. यह भी कहा जा सकता है कि बीजेपी का जो मैनेजमेंट नगर निकाय चुनाव का लेकर रहा है वह बहुत मजबूत रहा है. इसके कारण भी भाजपा नगरीय निकाय चुनाव पर कब्जा कर पाई है.हालांकि भाजपा के लिए चुनौतियां भी काम नहीं थी , इस बात को लेकर के कांग्रेस लगातार हमलावर भी रही है की ज़मीनी स्तर पर काम हुआ नहीं है, इसलिए बीजेपी नगर निकाय चुनाव से भाग रही है. जब निकाय चुनाव का परिणाम आया, तो परिणाम में कांग्रेस दूर-दूर तक दिखाई नहीं पड़ी. इस विषय की समीक्षा निश्चित तौर पर कांग्रेस को करनी होगी ,कि आखिर 10 नगर निगम पर जिस पर कांग्रेस का कब्जा था, वहां से पूरी तरह से कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया. इस तरह सूपड़ा साफ हो जाना कांग्रेस के लिए नई राजनीतिक जमीन तैयार करने की नई राजनीतिक तैयारी भी कहीं जा सकती है. क्योंकि विधानसभा में खिसका जनाधार नगर निकाय चुनाव में समाप्त हो गया, इस पर कांग्रेस को एक विचार तो करना ही पड़ेगा.

CM Sai Expressed Gratitude To Public
सीएम साय ने किया जनता का अभिवादन (ETV BHARAT)

सीएम विष्णुदेव साय ने कांग्रेस पर कसा तंज: निकाय चुनाव में जीत के बाद छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय ने कांग्रेस पर तंज कसा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास बताने के लिए कुछ बचा नहीं है ,क्योंकि भ्रष्टाचार की राजनीति से उन्होंने मेयर के पद को रायपुर में खरीदा था और लोकतंत्र का गला घोंटकर जिस तरीके से मेयर बनाया था ,आज स्थिति यह हो गई है कि वह मेयर वार्ड पार्षद तक का चुनाव नहीं जीत पाए.

"कांग्रेस ने लोकतंत्र का गला घोंटा": सीएम साय ने कहा कि लोकतंत्र का गला घोंट करके 5 साल पहले रायपुर को एक ऐसा मेयर दिया गया था जो लोकतांत्रिक मान्यता को पूरा ही नहीं करता था. इस पर आज जनता ने उसका जवाब दे दिया, मामला साफ है की 70 वार्ड पार्षद की नगर निगम रायपुर में है. जिसमें से 60 सीट पर बीजेपी का कब्जा हुआ है, इतनी बड़ी जीत यह बताती है कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चल रही सरकार पर जनता का भरोसा रहा है. हमने जो जनता से वादा किया है उसे हर हाल में पूरा करेंगे. मुख्यमंत्री यही नहीं रुके उन्होंने कहा कि अगर नगर निकायों में भ्रष्टाचार हुआ है तो उस पर भी कार्रवाई की जाएगी उसमें किसी को छोड़ नहीं जाएगा. नगर निकाय के चुनाव निश्चित तौर पर बीजेपी और कांग्रेस के लिए एक बड़ी चुनौती थी.

काम के भरोसे कांग्रेस को चुनाव जीतना था और चल रहे काम के भरोसे भाजपा को चुनाव में वोट पाना था. दोनों काम के भरोसे ही चुनाव लड़ रहे थे. जिसमें भाजपा ने जो काम किया है उसे पर जनता ने भरोसा किया है और इसकी बड़ी वजह यह भी कहीं जा सकती है कि 70 में से 60 सीट जितना निश्चित तौर बीजेपी के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है- विष्णुदेव साय, सीएम, छत्तीसगढ़

10 नगर निगम सीटों पर बीजेपी का कब्जा: रायपुर के बाद बाकी अन्य नगर निगमों की करें तो दुर्ग, राजनांदगांव, बिलासपुर, धमतरी, कांकेर, रायगढ़, जगदलपुर सहित कुल 10 नगर निकाय सीटों पर भी बीजेपी ने अपना कब्जा जमा लिया है. सबसे बेहतरीन परिणाम रायगढ़ के लिए रहा है. जहां एक चाय बेचने वाले ने जीत दर्ज की है. मुख्यमंत्री विष्णु देव ने रायगढ़ से जीववर्धन चौहान की जीत पर खुशी जाहिर की है.

जीववर्धन भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता थे, हालांकि चाय भी जरूर बेचते थे, उसके बाद भी वह भाजपा के लिए सक्रिय तौर पर काम करते थे. हम लोगों ने उन्हें टिकट दिया था आज उन्होंने जीत करके यह बता दिया कि भारतीय जनता पार्टी में भरोसा करने वाले लोगों को टिकट मिलता है. जो लोग पार्टी के लिए काम करते हैं बीजेपी वैसे लोगों को आगे लाती है. एक चाय बेचने वाले को जनता ने अपना जनाधार दिया है यह हमारे लिए बहुत बड़ी बात है- विष्णुदेव साय, सीएम, छत्तीसगढ़

"कांग्रेस को कांग्रेस के भ्रष्टाचार ने हराया": कांग्रेस के भ्रष्टाचार ने कांग्रेस को हराया है यह भाजपा की तरफ से बयान आ गया. कांग्रेस ने अपनी हार को जनता का जनमत मानकर आगे की राजनीति को मान लिया है. अगर इस जीत हार की समीक्षा की बात करें तो इस बाबत जानकारी देते हुए वरिष्ठ पत्रकार उचित शर्मा ने कहा कि भाजपा ने जमीन से लेकर ऊपर स्तर तक की तैयारी की थी , उनका माइक्रो मैनेजमेंट रहा , पंचायत से लेकर निगम तक मेहनत की गई.

इस चुनाव में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने काम किया और उसका परिणाम आज उन्हें इस जीत के रूप में मिला है. इस दौरान भाजपा की योजनाओं का लाभ भी पार्टी को चुनाव में मिला है, चाहे फिर वह महतारी वंदन योजना हो या किसानों को धान पर दिए जाने वाले बोनस की राशि हो. इससे भाजपा जनता के मन में विश्वास जताने में कामयाब रही-उचित शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार

"कांग्रेस दिशाहीन नजर आई": वरिष्ठ पत्रकार उचित शर्मा ने कहा कि कांग्रेस इस चुनाव में दिशाहीन नजर आई. मानो ऐसा लग रहा था कि कोई नेता इस पूरे चुनावी अभियान को लीड नहीं कर रहा है. आज भी वही लोग निर्णय ले रहे थे ,जो विधानसभा और लोकसभा चुनाव हार चुके थे. ऐसे में कांग्रेस को इस हार को लेकर मंथन करना होगा और कोई बड़ा निर्णय लेना होगा. नीचे से लेकर ऊपर स्तर तक पार्टी में बदलाव की जरूरत है. तभी कांग्रेस आने वाले समय में मजबूत हो सकती है.

निकाय चुनाव का पूरा परिणाम समझिए: इस बार के निकाय चुनाव में कुल 10 नगर निगम के लिए चुनाव हुए, जिसमें से 10 पर भाजपा के कब्जा किया. कांग्रेस एक भी जगह पर अपना खाता नहीं खोल सकी है, वहीं नगर पालिका की बात की जाए तो 49 सीटों पर चुनाव हुए, जिसमें से 35 सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की है. वहीं कांग्रेस के खाते में 8 सीटें ही आई है. इसके अलावा आम आदमी पार्टी 01 और 5 निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है. नगर पंचायत के कुल 144 सीटों की बात की जाए, तो उसमें से 81 पर भाजपा ने जीत हासिल की है, कांग्रेस को 22 सीटें मिली है, बीएसपी को 01 और 10 निर्दलीय उम्मीदवार जीत कर आए हैं.

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कांग्रेस को किया चित: छत्तीसगढ़ में हुए नगर निकाय चुनाव की बात करें तो कांग्रेस लगातार इस पर हमलावर रही थी कि भाजपा नगर निकाय चुनाव में डरी हुई है. कांग्रेस इसके समर्थन में यह तर्क देती थी कि यही वजह है जो बीजेपी समय पर नगर निगम चुनाव को नहीं करवा रही है. यह भी लंबे समय के बाद हुआ जब मेयर और नगर परिषद में अध्यक्ष के कार्यकाल समाप्त हो गए. यहां पर प्रशासक को बैठना पड़ा. यह चीज ज्यादा दूर तक नहीं चली और त्रिस्तरीय निकाय चुनाव के ऐलान को कर दिया गया. उसमें भी कांग्रेस अपने तरीके से सियासत को करती रही , जिसमें लगातार यह कहा जाता रहा कि पहले बैलेट पेपर से चुनाव करने की बात कही गई थी, उसके बाद EVM से कराया गया.

छत्तीसगढ़ निकाय चुनाव में खिला कमल (ETV BHARAT)

"जनता ने हमारे फेवर में जनमत नहीं दिया": नगरीय निकाय चुनाव के परिणाम आने के बाद कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की. उन्होंने कहा कि हम लोगों ने चुनाव में मेहनत की और जनता के बीच गए, लेकिन जनता ने जो जनमत दिया है वह हम मान करके चल रहे हैं. हमारा वोट परसेंट है, लेकिन जनता ने जो जनमत दिया है वह हमारे फेवर में नहीं आया है ,फिर भी हम जनता की सेवा करते रहेंगे.

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जीत से बीजेपी में खुशी की लहर (ETV BHARAT)

कांग्रेस को रिजल्ट पर सोचने की जरूरत: सुशील आनंद शुक्ला ने कांग्रेस की हार पर चाहे जो बयान दिया हो लेकिन बीजेपी की जीत ने निश्चित तौर पर भाजपा को छत्तीसगढ़ में नई मजबूती दी है. यह भी कहा जा सकता है कि बीजेपी का जो मैनेजमेंट नगर निकाय चुनाव का लेकर रहा है वह बहुत मजबूत रहा है. इसके कारण भी भाजपा नगरीय निकाय चुनाव पर कब्जा कर पाई है.हालांकि भाजपा के लिए चुनौतियां भी काम नहीं थी , इस बात को लेकर के कांग्रेस लगातार हमलावर भी रही है की ज़मीनी स्तर पर काम हुआ नहीं है, इसलिए बीजेपी नगर निकाय चुनाव से भाग रही है. जब निकाय चुनाव का परिणाम आया, तो परिणाम में कांग्रेस दूर-दूर तक दिखाई नहीं पड़ी. इस विषय की समीक्षा निश्चित तौर पर कांग्रेस को करनी होगी ,कि आखिर 10 नगर निगम पर जिस पर कांग्रेस का कब्जा था, वहां से पूरी तरह से कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया. इस तरह सूपड़ा साफ हो जाना कांग्रेस के लिए नई राजनीतिक जमीन तैयार करने की नई राजनीतिक तैयारी भी कहीं जा सकती है. क्योंकि विधानसभा में खिसका जनाधार नगर निकाय चुनाव में समाप्त हो गया, इस पर कांग्रेस को एक विचार तो करना ही पड़ेगा.

CM Sai Expressed Gratitude To Public
सीएम साय ने किया जनता का अभिवादन (ETV BHARAT)

सीएम विष्णुदेव साय ने कांग्रेस पर कसा तंज: निकाय चुनाव में जीत के बाद छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय ने कांग्रेस पर तंज कसा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास बताने के लिए कुछ बचा नहीं है ,क्योंकि भ्रष्टाचार की राजनीति से उन्होंने मेयर के पद को रायपुर में खरीदा था और लोकतंत्र का गला घोंटकर जिस तरीके से मेयर बनाया था ,आज स्थिति यह हो गई है कि वह मेयर वार्ड पार्षद तक का चुनाव नहीं जीत पाए.

"कांग्रेस ने लोकतंत्र का गला घोंटा": सीएम साय ने कहा कि लोकतंत्र का गला घोंट करके 5 साल पहले रायपुर को एक ऐसा मेयर दिया गया था जो लोकतांत्रिक मान्यता को पूरा ही नहीं करता था. इस पर आज जनता ने उसका जवाब दे दिया, मामला साफ है की 70 वार्ड पार्षद की नगर निगम रायपुर में है. जिसमें से 60 सीट पर बीजेपी का कब्जा हुआ है, इतनी बड़ी जीत यह बताती है कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चल रही सरकार पर जनता का भरोसा रहा है. हमने जो जनता से वादा किया है उसे हर हाल में पूरा करेंगे. मुख्यमंत्री यही नहीं रुके उन्होंने कहा कि अगर नगर निकायों में भ्रष्टाचार हुआ है तो उस पर भी कार्रवाई की जाएगी उसमें किसी को छोड़ नहीं जाएगा. नगर निकाय के चुनाव निश्चित तौर पर बीजेपी और कांग्रेस के लिए एक बड़ी चुनौती थी.

काम के भरोसे कांग्रेस को चुनाव जीतना था और चल रहे काम के भरोसे भाजपा को चुनाव में वोट पाना था. दोनों काम के भरोसे ही चुनाव लड़ रहे थे. जिसमें भाजपा ने जो काम किया है उसे पर जनता ने भरोसा किया है और इसकी बड़ी वजह यह भी कहीं जा सकती है कि 70 में से 60 सीट जितना निश्चित तौर बीजेपी के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है- विष्णुदेव साय, सीएम, छत्तीसगढ़

10 नगर निगम सीटों पर बीजेपी का कब्जा: रायपुर के बाद बाकी अन्य नगर निगमों की करें तो दुर्ग, राजनांदगांव, बिलासपुर, धमतरी, कांकेर, रायगढ़, जगदलपुर सहित कुल 10 नगर निकाय सीटों पर भी बीजेपी ने अपना कब्जा जमा लिया है. सबसे बेहतरीन परिणाम रायगढ़ के लिए रहा है. जहां एक चाय बेचने वाले ने जीत दर्ज की है. मुख्यमंत्री विष्णु देव ने रायगढ़ से जीववर्धन चौहान की जीत पर खुशी जाहिर की है.

जीववर्धन भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता थे, हालांकि चाय भी जरूर बेचते थे, उसके बाद भी वह भाजपा के लिए सक्रिय तौर पर काम करते थे. हम लोगों ने उन्हें टिकट दिया था आज उन्होंने जीत करके यह बता दिया कि भारतीय जनता पार्टी में भरोसा करने वाले लोगों को टिकट मिलता है. जो लोग पार्टी के लिए काम करते हैं बीजेपी वैसे लोगों को आगे लाती है. एक चाय बेचने वाले को जनता ने अपना जनाधार दिया है यह हमारे लिए बहुत बड़ी बात है- विष्णुदेव साय, सीएम, छत्तीसगढ़

"कांग्रेस को कांग्रेस के भ्रष्टाचार ने हराया": कांग्रेस के भ्रष्टाचार ने कांग्रेस को हराया है यह भाजपा की तरफ से बयान आ गया. कांग्रेस ने अपनी हार को जनता का जनमत मानकर आगे की राजनीति को मान लिया है. अगर इस जीत हार की समीक्षा की बात करें तो इस बाबत जानकारी देते हुए वरिष्ठ पत्रकार उचित शर्मा ने कहा कि भाजपा ने जमीन से लेकर ऊपर स्तर तक की तैयारी की थी , उनका माइक्रो मैनेजमेंट रहा , पंचायत से लेकर निगम तक मेहनत की गई.

इस चुनाव में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने काम किया और उसका परिणाम आज उन्हें इस जीत के रूप में मिला है. इस दौरान भाजपा की योजनाओं का लाभ भी पार्टी को चुनाव में मिला है, चाहे फिर वह महतारी वंदन योजना हो या किसानों को धान पर दिए जाने वाले बोनस की राशि हो. इससे भाजपा जनता के मन में विश्वास जताने में कामयाब रही-उचित शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार

"कांग्रेस दिशाहीन नजर आई": वरिष्ठ पत्रकार उचित शर्मा ने कहा कि कांग्रेस इस चुनाव में दिशाहीन नजर आई. मानो ऐसा लग रहा था कि कोई नेता इस पूरे चुनावी अभियान को लीड नहीं कर रहा है. आज भी वही लोग निर्णय ले रहे थे ,जो विधानसभा और लोकसभा चुनाव हार चुके थे. ऐसे में कांग्रेस को इस हार को लेकर मंथन करना होगा और कोई बड़ा निर्णय लेना होगा. नीचे से लेकर ऊपर स्तर तक पार्टी में बदलाव की जरूरत है. तभी कांग्रेस आने वाले समय में मजबूत हो सकती है.

निकाय चुनाव का पूरा परिणाम समझिए: इस बार के निकाय चुनाव में कुल 10 नगर निगम के लिए चुनाव हुए, जिसमें से 10 पर भाजपा के कब्जा किया. कांग्रेस एक भी जगह पर अपना खाता नहीं खोल सकी है, वहीं नगर पालिका की बात की जाए तो 49 सीटों पर चुनाव हुए, जिसमें से 35 सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की है. वहीं कांग्रेस के खाते में 8 सीटें ही आई है. इसके अलावा आम आदमी पार्टी 01 और 5 निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है. नगर पंचायत के कुल 144 सीटों की बात की जाए, तो उसमें से 81 पर भाजपा ने जीत हासिल की है, कांग्रेस को 22 सीटें मिली है, बीएसपी को 01 और 10 निर्दलीय उम्मीदवार जीत कर आए हैं.

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