रायपुर : मध्यप्रदेश की राजधानी (Bhopal the capital of Madhya Pradesh) भोपाल के अस्पताल में हुई अगलगी की घटना के बाद छत्तीसगढ़ की राजधानी (
Raipur the capital of Chhattisgarh) रायपुर में भी कलेक्टर ने अस्पताल से लेकर होटलों और अन्य सार्वजनिक स्थलों में फायर सेफ्टी की जांच कर उचित कार्रवाई के निर्देश दिये थे. लेकिन कलेक्टर के इस आदेश को अफसरों ने नजरअंदाज कर दिया है. रायपुर में फायर सेफ्टी के लचर इंतजाम और इसकी जांच के लिए कलेक्टर के फरमान के बाद भी अधिकारी अब तक खामोश हैं. रायपुर कलेक्टर सौरभ (Raipur Collector Saurabh Kumar) कुमार ने फायर सेफ्टी (Fire Safety) को लेकर अधिकारियों को तीन के भीतर जांच रिपोर्ट (Investigation Report) सौंपने के आदेश दिये थे, लेकिन आदेश के 6 दिन बाद आज कुछ अधिकारी जांच के लिए निकले.
अब तक जांच दल के सदस्य ही बना पाए अफसर
3 दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश के बीच अफसर अब तक मात्र जांच दल के सदस्यों को ही एकजुट कर पाए हैं. साथ ही शहर में कहीं भी जांच-पड़ताल नहीं की गई थी. लेकिन लगातार उठ रहे सवाल के बाद आज खानापूर्ति के लिए कुछ अधिकारी ही जांच के लिए निकले. बता दें कि कलेक्टर सौरभ कुमार के सख्त निर्देश के बाद से ही लापरवाह प्रबंधन कई जगहों पर अलर्ट हुआ है. सूत्रों का दावा है कि फायर सेफ्टी (Fire Safety) को लेकर आनन-फानन में ही इंतजाम कर लिया गया है. अफसरों की जांच-पड़ताल के पहले ही खामियों पर पर्दा डालने की पूरी तैयारी हो चुकी है. ऐसे में पूरी संभावना है कि इस बार भी खानापूर्ति ही की जाएगी.
अधिकारी जांच होने का कर रहे दावा
इस मामले को लेकर एडीएम एनआर साहू ने बताया कि कलेक्टर के आदेश के बाद जांच टीम बनाकर जांच शुरू कर दी गई, जबकि वास्तविकता यह है कि बीते 6 दिनों से कहीं भी जांच हुई ही नहीं है. मीडिया के सवाल के बाद तत्काल एक टीम को जांच के लिए भेजा गया. ईटीवी भारत ने सभी जोन के प्रभारियों से बात की, तब इसका खुलासा हुआ. ज्यादातर अधिकारियों ने शाम को या कल जांच के लिए निकलने की बात कही.
इन बिंदुओं पर करनी है जांच
- आग बुझाने के लिए कितने अग्निशमन यंत्र हैं.
- अग्निशमन यंत्र की वैधता समाप्ति की तारीख.
- हाइड्रेंट एवं स्मोक डिटेक्टर काम करने की स्थिति में हैं या नहीं.
- अंतिम सुरक्षा ऑडिट रिपोर्ट कब तैयार की गई.
- अस्पताल प्रबंधन द्वारा अग्नि बचाव संबंधी ड्रिल की गई है या नहीं.
- अग्नि निकास इमरजेंसी डोर उपलब्ध है या नहीं.
- धुआं और गैस भर जाने की स्थिति में वेंटिलेशन की व्यवस्था है या नहीं.
- शॉर्ट सर्किट को रोकने के लिए बचाव के साधन हैं या नहीं.
- दुर्घटना होने की स्थिति में मरीजों को बाहर निकालने के इंतजाम हैं या नहीं.
- फ्लोर में अलार्म सिस्टम है या नहीं.
- अग्नि सुरक्षा के लिए प्रबंधन के पास प्रशिक्षित व्यक्ति हैं या नहीं.