रायपुर : योग शिक्षकों ने अपनी 2 सूत्रीय मांग को लेकर एक दिवसीय प्रदर्शन किया. प्रदर्शन स्थल पर योग शिक्षकों ने योग के अलग-अलग आसन भी करके दिखाएं. छत्तीसगढ़ योग शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल चंद्राकर और प्रदेश महासचिव खोमेश साहू के मुताबिक पूरे प्रदेश में योग शिक्षक की संख्या लगभग 20 हजार के आसपास है. छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा विभाग राज्य शैक्षिक अनुसंधान परिषद स्कूलों में बच्चों को योग और नैतिक शिक्षा की पुस्तक का वितरण हर साल करता है. जिसका उद्देश्य रहता है कि विद्यार्थियों के मन में बुद्धि और व्यवहार का समुचित विकास हो सके. लेकिन नियमित योग शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होने के कारण योग शिक्षा औपचारिकता मात्र रह गई है.
क्यों योग शिक्षक कर रहे हैं आंदोलन : दूसरे राज्यों में जैसे मध्य प्रदेश सरकार ने 26 हज़ार हायर सेकेंडरी स्कूल हैं. जिसमें कक्षा 9वीं से लेकर 12वीं तक योग विषय को अनिवार्य किया गया है. 100 अंकों का प्रश्न पत्र बनाकर स्कूली शिक्षा से जोड़ दिया गया है. इसके समुचित क्रियान्वयन के लिए योग शिक्षकों की भर्ती भी करने जा रही है. बिहार सरकार ने भी योग शिक्षकों के पद निकालकर विज्ञापन जारी कर दिए हैं. राजस्थान, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड जैसे राज्यों में भी योग शिक्षकों की भर्ती की घोषणा की जा चुकी है. लेकिन छत्तीसगढ़ में फिलहाल ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है, जिसके कारण योग शिक्षक बेरोजगार घूम रहे हैं."
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क्या है योग शिक्षकों की मांगें : रायपुर में रविवार को तूता धरना स्थल पर छत्तीसगढ़ योग शिक्षक संघ अपनी 2 सूत्रीय मांग को लेकर प्रदर्शन किया. योग शिक्षक संघ 2 सूत्रीय मांगों में पहला राज्य के सभी आत्मानंद स्कूल, केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय की तर्ज पर योग शिक्षक और प्रशिक्षक जल्दी नियुक्ति की जाए. दूसरी मांग मध्य प्रदेश और बिहार सरकार की तर्ज पर राज्य के हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों में योग शिक्षकों की भर्ती की जाए.