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1 जुलाई से शुरू होगा पुलिस पब्लिक स्कूल, पुलिस विभाग ही करेगा संचालित

देश का पहला पुलिस पब्लिक स्कूल 1 जुलाई से शुरू होने जा रहा है. स्कूल के उद्घाटन की सारी तैयारी पूरी कर ली गई है.इस स्कूल को डीएवी नहीं बल्कि पुलिस विभाग संचालित कर रहा है.

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Published : Jun 29, 2019, 10:11 AM IST

Updated : Jun 29, 2019, 10:20 AM IST

पुलिस पब्लिक स्कूल

रायपुर : लगातार विवादों के बाद अखिरकार देश का पहला पुलिस पब्लिक स्कूल 1 जुलाई से शुरू होने जा रहा है. इस स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के लिए 16 शिक्षकों की नियुक्ति की गई है. वहीं प्रिंसिपल की नियुक्ति को लेकर अब भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है.

इस स्कूल के उद्घाटन की सारी तैयारी पूरी कर ली गई है. यहां 16 शिक्षकों की नियुक्ति की गई है, जिसमें 6 एस आई, 1 एएसआई, और नौ आरक्षकों को उनकी योग्यता के अनुसार उन्हे पदभार दिया जाएगा. इस स्कूल में कुछ सीटें आरक्षित की गई है. इसमें 25 फीसदी सीटें शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत गरीब परिवार के बच्चों के लिए आरक्षित रहेंगी. वहीं 5 फीसदी सीटें पुलिसकर्मियों के बच्चों के लिए और बची 37.5 फीसदी सीटों पर आम बच्चे प्रवेश ले सकेंगे. सेना, पुलिस और मॉडर्न स्कूल की तर्ज पर शुरू किया जा रहा है.

विवादों में रहा स्कूल
बता दें कि इस स्कूल के शुरू करने का उद्देश्य गरीब और पुलिस के बच्चों को अच्छी शिक्षा देना है. इसके लिए DAV से MOU भी साइन किया जाना था, लेकिन किसी कारण से यह MOU साइन नहीं किया जा सका है. अब इस स्कूल को डीएवी नहीं बल्कि पुलिस विभाग संचालित कर रहा है. इस कारण एडमिशन लिए गए कई नए छात्रों और बच्चों ने अपने एडमिशन भी वापस ले लिए है.

रायपुर : लगातार विवादों के बाद अखिरकार देश का पहला पुलिस पब्लिक स्कूल 1 जुलाई से शुरू होने जा रहा है. इस स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के लिए 16 शिक्षकों की नियुक्ति की गई है. वहीं प्रिंसिपल की नियुक्ति को लेकर अब भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है.

इस स्कूल के उद्घाटन की सारी तैयारी पूरी कर ली गई है. यहां 16 शिक्षकों की नियुक्ति की गई है, जिसमें 6 एस आई, 1 एएसआई, और नौ आरक्षकों को उनकी योग्यता के अनुसार उन्हे पदभार दिया जाएगा. इस स्कूल में कुछ सीटें आरक्षित की गई है. इसमें 25 फीसदी सीटें शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत गरीब परिवार के बच्चों के लिए आरक्षित रहेंगी. वहीं 5 फीसदी सीटें पुलिसकर्मियों के बच्चों के लिए और बची 37.5 फीसदी सीटों पर आम बच्चे प्रवेश ले सकेंगे. सेना, पुलिस और मॉडर्न स्कूल की तर्ज पर शुरू किया जा रहा है.

विवादों में रहा स्कूल
बता दें कि इस स्कूल के शुरू करने का उद्देश्य गरीब और पुलिस के बच्चों को अच्छी शिक्षा देना है. इसके लिए DAV से MOU भी साइन किया जाना था, लेकिन किसी कारण से यह MOU साइन नहीं किया जा सका है. अब इस स्कूल को डीएवी नहीं बल्कि पुलिस विभाग संचालित कर रहा है. इस कारण एडमिशन लिए गए कई नए छात्रों और बच्चों ने अपने एडमिशन भी वापस ले लिए है.

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Last Updated : Jun 29, 2019, 10:20 AM IST
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