ETV Bharat / state

SPECIAL: 'हर हेड हेलमेट' अभियान की सफलता पर सवाल !

रायपुर में लोग हेलमेट का इस्तेमाल नहीं के बराबर कर रहे हैं. अब रायपुर पुलिस और ट्रैफिक विभाग के अभियान 'हर हेड हेलमेट' की सफलता पर सवाल खड़े हो गए हैं.

people-are-not-using-helmet-in-raipur
'हर हेड हेलमेट' अभियान की सफलता पर सवाल
author img

By

Published : Oct 22, 2020, 11:12 PM IST

रायपुर: रायपुर पुलिस और ट्रैफिक विभाग ने मिलकर पिछले साल जनवरी 2019 में 'हर हेड हेलमेट' अभियान की शुरुआत की थी. कुछ महीनों तक हेलमेट का इस्तेमाल बढ़ गया था. लेकिन धीरे-धीरे लोगों ने फिर से हेलमेट पहनना बंद कर दिया. ट्रैफिक पुलिस भी मानती है कि राजधानी के लोग हेलमेट लगाना बंद कर दिए है. यहां की 80% जनसंख्या हेलमेट का उपयोग नहीं कर रही है.

हेलमेट का इस्तेमाल नहीं के बराबर

रायपुर पुलिस और ट्रैफिक विभाग द्वारा चलाए गए हर हेड हेलमेट अभियान के बावजूद शहर में धड़ल्ले से बिना हेलमेट के ही दुपहिया वाहन चालक घूम रहे हैं. पिछले साल पुलिस और ट्रैफिक विभाग द्वारा रायपुर की लगभग 25 हजार से ज्यादा लोगों को हेलमेट का वितरण किया गया था. बावजूद इसके यहां के लोग हेलमेट का इस्तेमाल नहीं कर रहे. अब रायपुर पुलिस और ट्रैफिक विभाग के अभियान 'हर हेड हेलमेट' की सफलता पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं.

पढ़ें-SPECIAL: सड़क पर पहला रक्षक है आपका हेलमेट, 90 फीसदी तक कम हो जाती है दुर्घटना में डेथ रेट

वर्तमान में ट्रैफिक विभाग लोगों पर कार्रवाई नहीं कर रहा है. जिसके कारण भी लोगों ने अपने हेलमेट घरों में रख दिए हैं. शहर में लगभग 6 लाख दुपहिया वाहन आरटीओ कार्यालय में रजिस्टर्ड है.

25 हजार से ज्यादा हेलमेट बांटे गए थे

पुलिस और ट्रैफिक विभाग ने पिछले सास लगभग 147 संस्थाओं और कंपनियों के माध्यम से 25 हजार से ज्यादा दो पहिया वाहन चालकों को हेलमेट का वितरण किया था. इस अभियान के दौरान पुलिस ने किसी तरह की कोई कार्रवाई भी नहीं की थी. लेकिन अभियान के कुछ महीने के बाद ही यह अभियान ठंडे बस्ते में चला गया.

पढ़ें-हेलमेट नहीं लगाने पर होगी कार्रवाई, महापौर फैसले के खिलाफ SP से मिलीं

स्थानीय लोगों का कहना है कि हेलमेट पहनने के लिए लोगों को जागरूक होना पड़ेगा. हेलमेट पहनने से सड़क दुर्घटनाओं में सिर में चोट कम आती हैं और सिर में गंभीर चोट लगने से बचा जा सकता है. स्थानीय लोग भी मानते हैं कि पुलिस के यातायात और हेलमेट को लेकर जागरूकता अभियान को एक बार फिर शुरू करने की जरूरत है.

जागरूकता कार्यक्रमों की आवश्यकता

हेलमेट पहनकर दो पहिया वाहन चलाने वालों की संख्या में कमी आई है. इस बात को हेलमेट विक्रेता भी स्वीकार कर रहे हैं. उनका कहना है पिछले साल की तुलना में इस साल हेलमेट की बिक्री नहीं के बराबर हुई है. जिसके पीछे उन्होंने कोरोना और पुलिस की अनदेखी को बताया है. हेलमेट विक्रेता ने यह भी बताया कि आज एक दिन में महज दो से तीन हेलमेट की बिक्री हो रही है. समाज सेवी संस्थाओं का मानना है कि एक बार फिर से जागरूकता कार्यक्रमों की आवश्यकता है.

सितंबर 2020 तक 15944 प्रकरण बने

'हर हेड हेलमेट' अभियान को लेकर ट्रैफिक डीएसपी सतीश ठाकुर का कहना है कि शुरू में हेलमेट पहनकर दुपहिया वाहन चलाने वालों की संख्या काफी ज्यादा थी. लेकिन इस साल कोरोना काल की वजह से हेलमेट पहनने वालों की संख्या में कमी आई है. हेलमेट को लेकर कार्रवाई के बारे में उनका कहना है कि आईटीएमएस कैमरों के माध्यम से ऐसे लोगों की पहचान कर उनके घरों में ई-चालान भेजा जा रहा है. साल 2019 में ट्रैफिक पुलिस ने 1322 प्रकरण बनाए थे. जिसमें 6 लाख 61 हजार रुपए का चालान काटा गया था. वहीं सितंबर 2020 तक 15944 प्रकरण बने हैं. जिसमें 7 लाख 97 हजार रुपये का चालान किया गया है.

रायपुर: रायपुर पुलिस और ट्रैफिक विभाग ने मिलकर पिछले साल जनवरी 2019 में 'हर हेड हेलमेट' अभियान की शुरुआत की थी. कुछ महीनों तक हेलमेट का इस्तेमाल बढ़ गया था. लेकिन धीरे-धीरे लोगों ने फिर से हेलमेट पहनना बंद कर दिया. ट्रैफिक पुलिस भी मानती है कि राजधानी के लोग हेलमेट लगाना बंद कर दिए है. यहां की 80% जनसंख्या हेलमेट का उपयोग नहीं कर रही है.

हेलमेट का इस्तेमाल नहीं के बराबर

रायपुर पुलिस और ट्रैफिक विभाग द्वारा चलाए गए हर हेड हेलमेट अभियान के बावजूद शहर में धड़ल्ले से बिना हेलमेट के ही दुपहिया वाहन चालक घूम रहे हैं. पिछले साल पुलिस और ट्रैफिक विभाग द्वारा रायपुर की लगभग 25 हजार से ज्यादा लोगों को हेलमेट का वितरण किया गया था. बावजूद इसके यहां के लोग हेलमेट का इस्तेमाल नहीं कर रहे. अब रायपुर पुलिस और ट्रैफिक विभाग के अभियान 'हर हेड हेलमेट' की सफलता पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं.

पढ़ें-SPECIAL: सड़क पर पहला रक्षक है आपका हेलमेट, 90 फीसदी तक कम हो जाती है दुर्घटना में डेथ रेट

वर्तमान में ट्रैफिक विभाग लोगों पर कार्रवाई नहीं कर रहा है. जिसके कारण भी लोगों ने अपने हेलमेट घरों में रख दिए हैं. शहर में लगभग 6 लाख दुपहिया वाहन आरटीओ कार्यालय में रजिस्टर्ड है.

25 हजार से ज्यादा हेलमेट बांटे गए थे

पुलिस और ट्रैफिक विभाग ने पिछले सास लगभग 147 संस्थाओं और कंपनियों के माध्यम से 25 हजार से ज्यादा दो पहिया वाहन चालकों को हेलमेट का वितरण किया था. इस अभियान के दौरान पुलिस ने किसी तरह की कोई कार्रवाई भी नहीं की थी. लेकिन अभियान के कुछ महीने के बाद ही यह अभियान ठंडे बस्ते में चला गया.

पढ़ें-हेलमेट नहीं लगाने पर होगी कार्रवाई, महापौर फैसले के खिलाफ SP से मिलीं

स्थानीय लोगों का कहना है कि हेलमेट पहनने के लिए लोगों को जागरूक होना पड़ेगा. हेलमेट पहनने से सड़क दुर्घटनाओं में सिर में चोट कम आती हैं और सिर में गंभीर चोट लगने से बचा जा सकता है. स्थानीय लोग भी मानते हैं कि पुलिस के यातायात और हेलमेट को लेकर जागरूकता अभियान को एक बार फिर शुरू करने की जरूरत है.

जागरूकता कार्यक्रमों की आवश्यकता

हेलमेट पहनकर दो पहिया वाहन चलाने वालों की संख्या में कमी आई है. इस बात को हेलमेट विक्रेता भी स्वीकार कर रहे हैं. उनका कहना है पिछले साल की तुलना में इस साल हेलमेट की बिक्री नहीं के बराबर हुई है. जिसके पीछे उन्होंने कोरोना और पुलिस की अनदेखी को बताया है. हेलमेट विक्रेता ने यह भी बताया कि आज एक दिन में महज दो से तीन हेलमेट की बिक्री हो रही है. समाज सेवी संस्थाओं का मानना है कि एक बार फिर से जागरूकता कार्यक्रमों की आवश्यकता है.

सितंबर 2020 तक 15944 प्रकरण बने

'हर हेड हेलमेट' अभियान को लेकर ट्रैफिक डीएसपी सतीश ठाकुर का कहना है कि शुरू में हेलमेट पहनकर दुपहिया वाहन चलाने वालों की संख्या काफी ज्यादा थी. लेकिन इस साल कोरोना काल की वजह से हेलमेट पहनने वालों की संख्या में कमी आई है. हेलमेट को लेकर कार्रवाई के बारे में उनका कहना है कि आईटीएमएस कैमरों के माध्यम से ऐसे लोगों की पहचान कर उनके घरों में ई-चालान भेजा जा रहा है. साल 2019 में ट्रैफिक पुलिस ने 1322 प्रकरण बनाए थे. जिसमें 6 लाख 61 हजार रुपए का चालान काटा गया था. वहीं सितंबर 2020 तक 15944 प्रकरण बने हैं. जिसमें 7 लाख 97 हजार रुपये का चालान किया गया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.