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रायपुर में कोरोना का कहर जारी, तिल्दा के नायब तहसीलदार भी हुए संक्रमित

रायपुर में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. रोजाना बढ़ते मामले के कारण राजधानी रायपुर कोरोना का हॉट-स्पॉट बन गया है. इसी बीच मंगलवार को तिल्दा-नेवरा के नायब तहसीलदार भी कोरोना की चपेट में आ गए हैं. फिलहाल उनका इलाज जारी है.

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Published : Sep 9, 2020, 9:50 PM IST

Naib Tehsildar of Tilda Nevara found Corona Positive
तिल्दा-नेवरा के नायब तहसीलदार कोरोना पॉजिटिव

रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर कोरोना का हॉट स्पॉट बन गया है. यहां लगातार मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. रायपुर में तमाम वीआईपी गलियारों में कोरोना ने अपनी दस्तक दे दी है. प्रदेश के तमाम सरकारी विभागों का संचालन करने वाले मंत्रालय-विभागाध्यक्ष कार्यालय में भी 80 से ज्यादा कोरोना मरीज मिल चुके हैं. वहीं कोरोना से 3 कर्मचारियों ने दम तोड़ दिया है. इसी बीच तिल्दा-नेवरा के नायब तहसीलदार कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. जानकारी के मुताबिक मंगलवार को तिल्दा में 28 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले थे. इसकी पुष्टि BMO आशीष सिन्हा ने की है. वहीं तिल्दा में इतनी ज्यादा संख्या में एक साथ कोरोना मरीज मिलने से नगर में हड़कंप मचा हुआ है. ऐसे में तमाम नागरिक सेवाएं भी कोरोना के चलते प्रभावित हो रही है और कर्मचारियों के बीच दहशत का माहौल है.

वहीं नायब तहसीलदार के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद परिसर में संचालित नायब तहसीलदार ऑफिस SDM और तहसीलदार कार्यालय को सील कर दिया गया है. इसके साथ ही ऑफिस में कार्यरत अधिकारी-कर्मचारी की कोरोना जांच के लिए सैंपल लिए गए हैं. छत्तीसगढ़ में अब रोजाना करीब 2 हजार से ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीज मिल रहे हैं. इससे पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा हुआ है. इसके बावजूद लोग लापरवाही बरतने से बाज नहीं आ रहे हैं. इधर, कोरोना हर दिन कहर बरपा रहा है. इससे अब प्रदेश में मौतों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है.

पढ़ें: SPECIAL: रायपुर बना 'कोरोना हब', डॉक्टर और महापौर ने बताई बढ़ते संक्रमण की वजह

31 अगस्त तक प्रदेश में टोटल संक्रमित संख्या 31503 थी, उनमें से एक्टिव मरीज 14 हजार 237 थे और 277 मौत कोरोना से हुई थी. वहीं 31 अगस्त तक राजधानी रायपुर में एक्टिव केसों की संख्या 5938 थी. कुल संक्रमित के रूप में 11 हजार 334 लोगों की पहचान की गई थी, वहीं जो मौतें हुई थी, उनमें से 147 रायपुर में ही हुई थी. 5 सितंबर तक प्रदेश में टोटल संक्रमितों की संख्या 43 हजार 163 तक पहुंच गई थी, जिनमें एक्टिव केस 22 हजार 320 थी. वहीं मरने वालों की संख्या 350 से ज्यादा हो चुकी है. इसमें से राजधानी रायपुर से कुल 15 हजार 501 संक्रमितों की पहचान की गई थी, एक्टिव केस 9 हजार 207 हैं. इसमें 188 मरीजों की मौत हो चुकी है.

पढ़ें: COVID 19 UPDATE: छत्तीसगढ़ में कोरोना के आंकड़े 50 हजार के पार, 407 लोगों की मौत

इन आंकड़ों को देखकर यह साफ है कि प्रदेश में सबसे ज्यादा मरीज राजधानी से मिल रहे हैं. ज्यादातर मौतें भी राजधानी में हो रही हैं. राजधानी में सर्वसुविधा युक्त कोविड-19 केयर सेंटर है. इसके बावजूद सबसे ज्यादा मरीज राजधानी में मिल रहे हैं. इस बढ़ते मरीजों की संख्या और मौत के आंकड़ों को लेकर ETV भारत ने डॉ स्मिथ श्रीवास्तव से बातचीत की. उनका कहना है कि राजधानी की जनसंख्या सबसे अधिक है. इसलिए भी यहां मरीज ज्यादा आ रहे हैं. साथ ही अनलॉक शुरू हो गया है, ऐसे में भी लोग एक दूसरे से अधिक मिल रहे हैं. इसलिए भी कोरोना के मामले सबसे ज्यादा राजधानी में देखने को मिल रहे हैं.

लापरवाही से बढ़ा रहा कोरोना

एक तरफ दावा किया जा रहा है कि राजधानी में आबादी ज्यादा होने के कारण कोविड-19 के मामले बढ़े हैं या टेस्ट अधिक होना भी एक वजह बताई जा रही है. लेकिन आप अगर अप्रैल से लेकर मध्य जून तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो रायपुर काफी सुरक्षित नजर आ रहा था, लेकिन लॉकडाउन खुलने के बाद यहां आकड़े बढ़ने लगे. अब कई गुना ज्यादा रफ्तार से कोविड-19 मरीज सामने आ रहे हैं. ऐसे में साफ है कि अनलॉक करने से पहले प्रशासनिक और सामाजिक स्तर पर कहीं न कहीं चूक की गई है, जिसका खामियाजा अब भुगतना पड़ रहा है.

रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर कोरोना का हॉट स्पॉट बन गया है. यहां लगातार मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. रायपुर में तमाम वीआईपी गलियारों में कोरोना ने अपनी दस्तक दे दी है. प्रदेश के तमाम सरकारी विभागों का संचालन करने वाले मंत्रालय-विभागाध्यक्ष कार्यालय में भी 80 से ज्यादा कोरोना मरीज मिल चुके हैं. वहीं कोरोना से 3 कर्मचारियों ने दम तोड़ दिया है. इसी बीच तिल्दा-नेवरा के नायब तहसीलदार कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. जानकारी के मुताबिक मंगलवार को तिल्दा में 28 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले थे. इसकी पुष्टि BMO आशीष सिन्हा ने की है. वहीं तिल्दा में इतनी ज्यादा संख्या में एक साथ कोरोना मरीज मिलने से नगर में हड़कंप मचा हुआ है. ऐसे में तमाम नागरिक सेवाएं भी कोरोना के चलते प्रभावित हो रही है और कर्मचारियों के बीच दहशत का माहौल है.

वहीं नायब तहसीलदार के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद परिसर में संचालित नायब तहसीलदार ऑफिस SDM और तहसीलदार कार्यालय को सील कर दिया गया है. इसके साथ ही ऑफिस में कार्यरत अधिकारी-कर्मचारी की कोरोना जांच के लिए सैंपल लिए गए हैं. छत्तीसगढ़ में अब रोजाना करीब 2 हजार से ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीज मिल रहे हैं. इससे पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा हुआ है. इसके बावजूद लोग लापरवाही बरतने से बाज नहीं आ रहे हैं. इधर, कोरोना हर दिन कहर बरपा रहा है. इससे अब प्रदेश में मौतों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है.

पढ़ें: SPECIAL: रायपुर बना 'कोरोना हब', डॉक्टर और महापौर ने बताई बढ़ते संक्रमण की वजह

31 अगस्त तक प्रदेश में टोटल संक्रमित संख्या 31503 थी, उनमें से एक्टिव मरीज 14 हजार 237 थे और 277 मौत कोरोना से हुई थी. वहीं 31 अगस्त तक राजधानी रायपुर में एक्टिव केसों की संख्या 5938 थी. कुल संक्रमित के रूप में 11 हजार 334 लोगों की पहचान की गई थी, वहीं जो मौतें हुई थी, उनमें से 147 रायपुर में ही हुई थी. 5 सितंबर तक प्रदेश में टोटल संक्रमितों की संख्या 43 हजार 163 तक पहुंच गई थी, जिनमें एक्टिव केस 22 हजार 320 थी. वहीं मरने वालों की संख्या 350 से ज्यादा हो चुकी है. इसमें से राजधानी रायपुर से कुल 15 हजार 501 संक्रमितों की पहचान की गई थी, एक्टिव केस 9 हजार 207 हैं. इसमें 188 मरीजों की मौत हो चुकी है.

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इन आंकड़ों को देखकर यह साफ है कि प्रदेश में सबसे ज्यादा मरीज राजधानी से मिल रहे हैं. ज्यादातर मौतें भी राजधानी में हो रही हैं. राजधानी में सर्वसुविधा युक्त कोविड-19 केयर सेंटर है. इसके बावजूद सबसे ज्यादा मरीज राजधानी में मिल रहे हैं. इस बढ़ते मरीजों की संख्या और मौत के आंकड़ों को लेकर ETV भारत ने डॉ स्मिथ श्रीवास्तव से बातचीत की. उनका कहना है कि राजधानी की जनसंख्या सबसे अधिक है. इसलिए भी यहां मरीज ज्यादा आ रहे हैं. साथ ही अनलॉक शुरू हो गया है, ऐसे में भी लोग एक दूसरे से अधिक मिल रहे हैं. इसलिए भी कोरोना के मामले सबसे ज्यादा राजधानी में देखने को मिल रहे हैं.

लापरवाही से बढ़ा रहा कोरोना

एक तरफ दावा किया जा रहा है कि राजधानी में आबादी ज्यादा होने के कारण कोविड-19 के मामले बढ़े हैं या टेस्ट अधिक होना भी एक वजह बताई जा रही है. लेकिन आप अगर अप्रैल से लेकर मध्य जून तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो रायपुर काफी सुरक्षित नजर आ रहा था, लेकिन लॉकडाउन खुलने के बाद यहां आकड़े बढ़ने लगे. अब कई गुना ज्यादा रफ्तार से कोविड-19 मरीज सामने आ रहे हैं. ऐसे में साफ है कि अनलॉक करने से पहले प्रशासनिक और सामाजिक स्तर पर कहीं न कहीं चूक की गई है, जिसका खामियाजा अब भुगतना पड़ रहा है.

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