रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंद कुमार बघेल लगातार अपने बयानों के लिए चर्चा में बने रहते हैं. एक बार फिर उन्होंने ऐसे बयान दिए हैं जो विवाद की वजह बनेंगे. नंद कुमार बघेल ने दशहरे पर रावण दहन के बजाए रावण की पूजा करने की वकालत की. साथ ही अपने बेटे भूपेश बघेल को लेकर भी कई बयान दिए हैं.
दरअसल, राजनांदगांव जिले के मानपुर में दशहरे पर आदिवासी समाज की ओर महिषासुर और मेघनाद के शहादत दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जहां नंद कुमार बघेल बतौर अतिथि पहुंचे हुए थे. इस दौरान नंद कुमार ने अपने भाषण में कई ऐसे बयान दिए, जो भूपेश बघेल के लिए मुसीबत बन सकते हैं. उन्होंने कहा कि, '124 गांवों के रावण दहन कार्यक्रम में कोई भी आदिवासी शामिल नहीं होगा न ही कोई सहयोग देगा. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि, 'आदिवासी रावण को अपना पुरखा मानते हैं'.
'नक्सलियों से करेंगे समझौता'
नंद कुमार बघेल यहीं नहीं रुके उन्होंने यह भी कहा कि, 'सरकार नक्सलियों को नक्सली कहना बंद करे'. नंदकुमार ने कहा कि, 'नक्सलियों से समझौता किया जाना चाहिए और जल, जंगल और जमीन पर आदिवासियों को हक दिलाने के लिए उनसे बात की जानी चाहिए'. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि, 'प्रदेश में आए तमाम उच्च वर्ग के लोगों को गिन-गिन के दफ्तरों से निकाला जाए और हमारे बच्चों को नौकरी दी जाए'.
'भूपेश की चाबी हमेशा मेरे हाथ में'
नंदकुमार बघेल ने अपने भाषण में ये तक कह दिया कि, ' आप (आदिवासियों) के सहयोग से भूपेश बघेल आजीवन मुख्यमंत्री रहेंगे और उनकी चाबी हमेशा मेरे हाथ में रहेगी'.
राम दहन की दी चेतावनी
हद तो तब हो गई जब एक आदिवासी की बात का समर्थन करते हुए नंदकुमार बघेल ने मंच से चेतावनीभरे अंदाज में कहा कि, 'अगर अगली साल फिर से दशहरे पर रावण का दहन किया गया, तो आदिवासी समाज राम का दहन करेंगे'.