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छत्तीसगढ़ में हत्या-डकैती में कमी, दुष्कर्म के मामले में हुई वृद्धि

आमतौर पर बेहद शांत माने जाने वाले प्रदेश छत्तीसगढ़ के पिछले 6 साल के आपराधिक रिकॉर्ड चौंकाने वाले हैं. महिलाओं से दुष्कर्म के मामलों में साल दर साल बढ़ोतरी हुई है.

criminal record in chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में क्राइम के बढ़ते आंकड़े
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Published : Feb 9, 2022, 7:07 PM IST

Updated : Feb 9, 2022, 11:38 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में साल 2016, 2017 और 2018 की अपेक्षा 2019, 2020 और 2021 में अपराध के करीब 29 फीसदी मामले बढ़े हैं. यही नहीं लूट के मामले में करीब 10 फीसदी, यौन उत्पीड़न, छेड़छाड़ के मामले में 110 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. यह पुलिस विभाग के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. इन आंकड़ों को लेकर अब राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है. विपक्ष प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर सरकार पर निशाना साध रही है. वहीं सत्तापक्ष के नेताओं का मानना है कि सरकार पर भरोसा जताते हुए पीड़ित परिवार के लोग अब थानों में शिकायत करने लगे हैं. जबकि इससे पहले भय की वजह से लोग थाने तक शिकायत करने भी नहीं जाते थे. यही वजह है कि कुछ मामलों में आंकड़ों में वृद्धि दिखाई दे रही है.

दुष्कर्म के 6 साल के आंकड़े

वर्ष दुष्कर्म के मामले
2016 977
20171033
20181185
कुल योग 3195
वर्ष दुष्कर्म मामले
20191271
20201289
20211575
कुल योग 4135

लूट के आंकड़े

साल लूट के मामले
2016233
2017209
2018244
कुल योग 686
साल लूट के मामले
2019242
2020230
2021285
कुल योग 757

रेप के मामले

साल यौन उत्पीड़न और छेड़छाड़ के मामले
201653
201785
2018100
कुल 238
साल यौन उत्पीड़न और छेड़छाड़ के मामले
2019144
2020159
2021197
कुल 500

हत्या के केस

साल मर्डर केस
2016585
2017516
2018541
कुल 1642
साल मर्डर केस
2019488
2020548
2021569
कुल 1605

दुष्कर्म के बढ़ते मामलों पर क्या कहते हैं मनोवैज्ञानिक

छत्तीसगढ़ में जिस तेज गति से साल दर साल दुष्कर्म के मामले बढ़ रहे हैं और जिस तरह से आंकड़े निकल कर सामने आ रहे हैं, वह निश्चित ही चिंता का विषय है. बढ़ते दुष्कर्म के मामले की आखिर क्या वजह हो सकती है. इसे लेकर हमने मनोवैज्ञानिक डॉ. वर्णिका शर्मा ने बताया कि ''विचारों में विकृति का आना या फिर गंदगी का आ जाना. यही मनुष्य के अंदर दुरवृत्ति को जन्म देता है. यही चीज किसी इंसान को दुष्कर्म की ओर प्रेरित करती है. ज्यादातर युवा वर्ग वैचारिक संतुलन नहीं बना पाते या तो बहुत अधिक पावर की कल्पना करते हैं या फिर अपने आप में अत्यधिक हीनता महसूस करते हैं. यही बात उनके अंदर दुरवृत्ति को जन्म देती है. इन मामलों में आई बढ़ोतरी के लिए हम सिर्फ और सिर्फ पुलिस को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते बल्कि समाज के अंदर भी जागरूकता की जरूरत है. युवाओं को नशे से दूर रखने और महिलाओं को मानसिक तौर पर मजबूत करने की भी आवश्यकता है.''

बालोद पुलिस ने जेवरात चोरी करने वाले गिरोह का किया पर्दाफाश, तीन आरोपी गिरफ्तार

भाजपा ने दुष्कर्म के बढ़ते मामले पर सरकार पर किया प्रहार

ईटीवी भारत को मिले अपराधों के इन आंकड़ों को लेकर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय का कहना है कि पिछले 3 साल से कांग्रेस की सरकार है. कांग्रेस राज में सिर्फ महिलाओं के साथ ही नहीं, हर क्षेत्र में अत्याचार बढ़ा है. अनाचार के मामले बढ़े हैं. माफियाराज बढ़ा है और भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है. आदिवासी क्षेत्रों में दुष्कर्म के मामले सामने आ रहे हैं. मेरे ही क्षेत्र जशपुर में कोरवा जनजाति की महिला को दुष्कर्म के बाद पेड़ में बांधकर पीटा गया है. इस तरह कांग्रेस राज में गुंडागर्दी हो रही है. सरकार का पुलिस-प्रशासन पर अंकुश नहीं है. राजधानी रायपुर में ही कई बार दिनदहाड़े चाकूबाजी की घटनाएं हुई हैं, जो दुर्भाग्य की बात है.

दुर्ग की नाबालिग को गेमिंग ऐप के जरिए प्रेमजाल में फंसाया, फिर लिए अश्लील फोटो, आरोपी राजस्थान से गिरफ्तार

कांग्रेस के प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा का मानना है कि प्रदेश में भयमुक्त वातावरण तैयार करने में उनकी सरकार सफल रही है. यही वजह है कि कभी थानों में शिकायत करने के लिए जाने वाले लोगों के मन में डर रहता था, वह अब नहीं है. यही वजह है कि अब लोग अपने ऊपर हुए अपराधों को लेकर शिकायत करने थाने तक पहुंच रहे हैं. उनकी शिकायतों पर जुर्म दर्ज कर कार्रवाई भी की जा रही है. इसी वजह से कुछ अपराधों के आंकड़ों में बढ़ोतरी दिखाई दे रही है.

जाली नोट के मामले हुए कम

छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के बाद से पुलिस विभाग के नाक में दम करने वाले जाली नोट बनाने वाले गिरोह आंकड़ों के हिसाब से प्रदेश में कम हुए हैं. साल 2016 में जाली नोट के 22 मामले, 2017 में 29 मामले और 2018 में 24 मामले दर्ज किए गए थे, जिसमें भारी गिरावट हुई और 2019 में महज 6 मामले 2020 में भी 6 मामले और 2021 में सिर्फ 11 मामले ही दर्ज किए गए हैं. यह 2016 से 2018 के बीच की तुलना में करीब 69 फीसदी कम हैं.

हत्या के मामले में 2 फीसदी की आई गिरावट

प्रदेश में कानून व्यवस्था के लिहाज से पुलिस के लिए अच्छा संकेत यह भी है कि डकैती के मामले में करीब 12 फीसदी, डकैती की तैयारी के मामले में करीब 16 फीसदी, हत्या के मामले में करीब 2 फीसदी और हत्या के प्रयास के मामले में करीब 4 फीसदी की कमी आई है. अन्य आपराधिक गतिविधियों में भी थोड़ी बहुत गिरावट आई है.

रायपुर: छत्तीसगढ़ में साल 2016, 2017 और 2018 की अपेक्षा 2019, 2020 और 2021 में अपराध के करीब 29 फीसदी मामले बढ़े हैं. यही नहीं लूट के मामले में करीब 10 फीसदी, यौन उत्पीड़न, छेड़छाड़ के मामले में 110 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. यह पुलिस विभाग के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. इन आंकड़ों को लेकर अब राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है. विपक्ष प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर सरकार पर निशाना साध रही है. वहीं सत्तापक्ष के नेताओं का मानना है कि सरकार पर भरोसा जताते हुए पीड़ित परिवार के लोग अब थानों में शिकायत करने लगे हैं. जबकि इससे पहले भय की वजह से लोग थाने तक शिकायत करने भी नहीं जाते थे. यही वजह है कि कुछ मामलों में आंकड़ों में वृद्धि दिखाई दे रही है.

दुष्कर्म के 6 साल के आंकड़े

वर्ष दुष्कर्म के मामले
2016 977
20171033
20181185
कुल योग 3195
वर्ष दुष्कर्म मामले
20191271
20201289
20211575
कुल योग 4135

लूट के आंकड़े

साल लूट के मामले
2016233
2017209
2018244
कुल योग 686
साल लूट के मामले
2019242
2020230
2021285
कुल योग 757

रेप के मामले

साल यौन उत्पीड़न और छेड़छाड़ के मामले
201653
201785
2018100
कुल 238
साल यौन उत्पीड़न और छेड़छाड़ के मामले
2019144
2020159
2021197
कुल 500

हत्या के केस

साल मर्डर केस
2016585
2017516
2018541
कुल 1642
साल मर्डर केस
2019488
2020548
2021569
कुल 1605

दुष्कर्म के बढ़ते मामलों पर क्या कहते हैं मनोवैज्ञानिक

छत्तीसगढ़ में जिस तेज गति से साल दर साल दुष्कर्म के मामले बढ़ रहे हैं और जिस तरह से आंकड़े निकल कर सामने आ रहे हैं, वह निश्चित ही चिंता का विषय है. बढ़ते दुष्कर्म के मामले की आखिर क्या वजह हो सकती है. इसे लेकर हमने मनोवैज्ञानिक डॉ. वर्णिका शर्मा ने बताया कि ''विचारों में विकृति का आना या फिर गंदगी का आ जाना. यही मनुष्य के अंदर दुरवृत्ति को जन्म देता है. यही चीज किसी इंसान को दुष्कर्म की ओर प्रेरित करती है. ज्यादातर युवा वर्ग वैचारिक संतुलन नहीं बना पाते या तो बहुत अधिक पावर की कल्पना करते हैं या फिर अपने आप में अत्यधिक हीनता महसूस करते हैं. यही बात उनके अंदर दुरवृत्ति को जन्म देती है. इन मामलों में आई बढ़ोतरी के लिए हम सिर्फ और सिर्फ पुलिस को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते बल्कि समाज के अंदर भी जागरूकता की जरूरत है. युवाओं को नशे से दूर रखने और महिलाओं को मानसिक तौर पर मजबूत करने की भी आवश्यकता है.''

बालोद पुलिस ने जेवरात चोरी करने वाले गिरोह का किया पर्दाफाश, तीन आरोपी गिरफ्तार

भाजपा ने दुष्कर्म के बढ़ते मामले पर सरकार पर किया प्रहार

ईटीवी भारत को मिले अपराधों के इन आंकड़ों को लेकर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय का कहना है कि पिछले 3 साल से कांग्रेस की सरकार है. कांग्रेस राज में सिर्फ महिलाओं के साथ ही नहीं, हर क्षेत्र में अत्याचार बढ़ा है. अनाचार के मामले बढ़े हैं. माफियाराज बढ़ा है और भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है. आदिवासी क्षेत्रों में दुष्कर्म के मामले सामने आ रहे हैं. मेरे ही क्षेत्र जशपुर में कोरवा जनजाति की महिला को दुष्कर्म के बाद पेड़ में बांधकर पीटा गया है. इस तरह कांग्रेस राज में गुंडागर्दी हो रही है. सरकार का पुलिस-प्रशासन पर अंकुश नहीं है. राजधानी रायपुर में ही कई बार दिनदहाड़े चाकूबाजी की घटनाएं हुई हैं, जो दुर्भाग्य की बात है.

दुर्ग की नाबालिग को गेमिंग ऐप के जरिए प्रेमजाल में फंसाया, फिर लिए अश्लील फोटो, आरोपी राजस्थान से गिरफ्तार

कांग्रेस के प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा का मानना है कि प्रदेश में भयमुक्त वातावरण तैयार करने में उनकी सरकार सफल रही है. यही वजह है कि कभी थानों में शिकायत करने के लिए जाने वाले लोगों के मन में डर रहता था, वह अब नहीं है. यही वजह है कि अब लोग अपने ऊपर हुए अपराधों को लेकर शिकायत करने थाने तक पहुंच रहे हैं. उनकी शिकायतों पर जुर्म दर्ज कर कार्रवाई भी की जा रही है. इसी वजह से कुछ अपराधों के आंकड़ों में बढ़ोतरी दिखाई दे रही है.

जाली नोट के मामले हुए कम

छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के बाद से पुलिस विभाग के नाक में दम करने वाले जाली नोट बनाने वाले गिरोह आंकड़ों के हिसाब से प्रदेश में कम हुए हैं. साल 2016 में जाली नोट के 22 मामले, 2017 में 29 मामले और 2018 में 24 मामले दर्ज किए गए थे, जिसमें भारी गिरावट हुई और 2019 में महज 6 मामले 2020 में भी 6 मामले और 2021 में सिर्फ 11 मामले ही दर्ज किए गए हैं. यह 2016 से 2018 के बीच की तुलना में करीब 69 फीसदी कम हैं.

हत्या के मामले में 2 फीसदी की आई गिरावट

प्रदेश में कानून व्यवस्था के लिहाज से पुलिस के लिए अच्छा संकेत यह भी है कि डकैती के मामले में करीब 12 फीसदी, डकैती की तैयारी के मामले में करीब 16 फीसदी, हत्या के मामले में करीब 2 फीसदी और हत्या के प्रयास के मामले में करीब 4 फीसदी की कमी आई है. अन्य आपराधिक गतिविधियों में भी थोड़ी बहुत गिरावट आई है.

Last Updated : Feb 9, 2022, 11:38 PM IST
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