बलरामपुर: सनावल क्षेत्र के लोग रोजमर्रा की खरीदारी और इलाज के लिए झारखंड के गढ़वा, नगर उटारी और धुरकी शहरों पर निर्भर हैं. फिलहाल इन शहरों तक पहुंचने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है. कन्हर नदी पर पुल बनने के बाद यह दूरी आधी हो जाएगी. धौली से गढ़वा की दूरी 100 किलोमीटर से घटकर 55 किलोमीटर रह जाएगी. धौली से नगर उटारी की वर्तमान 70 किलोमीटर की दूरी घटकर 35 किलोमीटर हो जाएगी. पुल निर्माण से वाड्रफनगर और रामचंद्रपुर तहसील के गांव सीधे झारखंड से जुड़ जाएंगे. इससे न केवल व्यापारिक और व्यावसायिक गतिविधियां बढ़ेंगी, बल्कि झारखंड और छत्तीसगढ़ के बीच आवागमन भी आसान होगा.
पुल बनने से 20 गांव के लोगों को फायदा: पुल बनने पर सनावल क्षेत्र के धौली, कामेश्वरनगर, झारा, कुशफर, सेमरवा, इंद्रावतीपुर, बरवाही, दोलंगी, ओरंगा, रेवतीपुर, सुंदरपुर, सुरंगपान, कुण्डपान, पिपरपान, डुगरु, पचावल, त्रिशूली, सिलाजू, उचरवा, आनंदपुर जैसे 20 गांवों को सीधा लाभ मिलेगा. इसके अलावा झारखंड के गढ़वा, नगर उटारी और धुरकी आने जाने वाले यात्रियों को भी सुविधा होगी.
पुल निर्माण से जुड़ी खास बातें: इस पुल की लागत 15.20 करोड़ रुपए है. खास बात यह है कि इस पुल के शुरू हो जाने से 20 गांवों की 40 हजार से ज्यादा आबादी को फायदा होगा और साल भर आवागमन हो सकेगा.
⦁ लोक निर्माण विभाग इस पुल को बना रहा है.
⦁ रामचंद्रपुर ब्लॉक के धौली और झारखंड के बालचौरा के बीच यह पुल बन रहा है.
⦁ 312 मीटर लंबाई और 8.4 मीटर चौड़ाई है.
⦁ इस पुल का 50 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है.
⦁ कुल 12 पियर और दो अबटमेंट बनेंगे.
⦁ पांच पियर और एक अबटमेंट का काम पूरा.
⦁ जून 2025 तक काम पूरा करने का लक्ष्य.
छत्तीसगढ़ झारखंड के रिश्ते होंगे मजबूत: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उप मुख्यमंत्री एवं लोक निर्माण मंत्री अरुण साव ने अधिकारियों को पुल निर्माण कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और समयसीमा के भीतर इसे पूरा करने के निर्देश दिए हैं. यह पुल न सिर्फ क्षेत्र के लोगों के लिए आवागमन की सुविधा को बेहतर बनाएगा, बल्कि यह झारखंड और छत्तीसगढ़ के बीच व्यापारिक और सामाजिक रिश्तों को भी मजबूत करेगा.