रायपुर: कोरोना वायरस के कारण देश में लॉकडाउन जारी है. जिसके कारण यातायात की सुविधाएं बंद हैं, केवल लॉकडाउन फेज 3 में दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों और अन्य लोगों की घर वापसी के लिए कुछ श्रमिक ट्रेनें और बसें चलाई गई हैं. फिर भी ये ट्रेनें और बस नाकाफी साबित हो रहे हैं. इधर मजदूर किसी भी तरह अपने घर वापस आना चाहते हैं. इन्हीं मजदूरों की मजबूरी को देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार उन्हें वापस लाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है. अलग-अलग राज्यों में फंसे मजदूरों को स्पेशल ट्रेनों और बसों की मदद से वापस घर बुलाया जा रहा है.
इन वापस आए मजदूरों को 14 दिनों के लिए स्कूलों में क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है, ताकि बाकी लोगों तक कोरोना संक्रमण का खतरा न फैले. गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा है कि बारिश के मौसम से पहले मजदूरों को वापस बुला लिया जाएगा, क्योंकि बरसात में इन्हें क्वॉरेंटाइन करने में समस्या आएगी.
बरसात तक मजदूरों को लाना है वापस
गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि अभी बाहर से आने वाले लोगों को उनके गृह ग्राम या आसपास के स्कूलों में रखकर खाने-पीने सहित क्वॉरेंटाइन की व्यवस्था की गई है. जहां वे 14 दिन रहेंगे. यदि इन्हें बरसात में बुलाया जाता है, तो रखने में समस्या हो जाएगी. इसी बात को ध्यान में रखते हुए अब लगातार अन्य राज्यों में कमाने-खाने गए लोगों को वापस बुलाने की पहल सरकार कर रही है.
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वहीं सरकार के इतने प्रयास के बाद भी कई मजदूर सैकड़ों किलोमीटर का सफर पैदल तय करके राज्य वापस आ रहे हैं. उनका कहना है कि दूसरे राज्यों में न तो उन्हें काम मिल रहा है और न ही दो वक्त की रोटी नसीब हो रही है. ऐसे में घर से दूर ये मजबूर लोग नंगे पैर ही कई मीलों का सफर तय कर वापस लौटे हैं. हालांकि सरकार प्रयास कर रही है, लेकिन ये नाकाफी साबित हो रहे हैं.