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Makar Sankranti: मकर संक्रांति कब है 14 या 15 जनवरी

मकर संक्रांति का पर्व देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है. यह साल का पहला बड़ा पर्व है. मकर संक्रांति के दिन सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं. मकर संक्रांति के दिन खरमास भी समाप्त हो जाता है. इसके बाद मांगलिक और शुभ कार्य शुरू हो जाते हैं. इस बार मकर संक्रांति पर खास योग बन रहा है. आइये जानते हैं मकर संक्रांति 14 जनवरी या 15 जनवरी को है.

Festival of Makar Sankranti
मकर संक्रांति का पर्व
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Published : Jan 13, 2023, 3:17 PM IST

Updated : Jan 13, 2023, 3:26 PM IST

रायपुर/ हैदराबाद: मकर संक्रांति पर स्नान, दान से पुण्य की प्राप्ति होती है और पापों से मुक्ति मिलती है. सूर्य देव 14 जनवरी 2023 की रात 8 बजकर 21 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे. उदया तिथि के कारण 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाएगी.

यह भी पढ़ें: Makar Sankranti 2023: मकर संक्रांति पर महंगाई की मार, तिल के दाम में कई गुना इजाफा

मकर संक्रांति को कई नामों से जाना जाता है: द्रिक पंचांग के अनुसार, मकर संक्रांति को तमिलनाडु में पोंगल, पूर्वी उत्तर प्रदेश में खिचड़ी, गुजरात और राजस्थान में उत्तरायण. हरियाणा और पंजाब में माघी के रुप में मनाया जाता है.

क्यों मनाते हैं मकर संक्रांति?: हिंदू समुदाय के लोग मकर संक्रांति मनाते हैं क्योंकि वे इस अवधि को शुभ मानते हैं. अधिकांश क्षेत्रों में संक्रांति उत्सव दो से चार दिनों तक चलता है. त्योहार के दौरान लोग सूर्य देव की पूजा करते हैं. एक पवित्र डुबकी लगाना शुभ माना जाता है. इस दिन जरुरतमंदों को दान करते हैं, पतंग उड़ाते हैं, तिल और गुड़ से बनी मिठाई तैयार करते हैं.

मकर संक्रांति का विशेष महत्व: सूर्योदय से पहले गंगाजल मिलाकर स्नान शुभ माना जाता है. इसके बाद भगवान सूर्य को अर्घ्य दें. गुड़, तिल, खिचड़ी का भोग लगाएं. सूर्य देवता की आरती भी करें. मकर संक्रांति पर सूर्यदेव की पूजा करने के साथ मंत्रों का जाप करना चाहिए.

ॐ घृ‍णिं सूर्य्य: आदित्य:
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणाय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा
ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर
ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः

रायपुर/ हैदराबाद: मकर संक्रांति पर स्नान, दान से पुण्य की प्राप्ति होती है और पापों से मुक्ति मिलती है. सूर्य देव 14 जनवरी 2023 की रात 8 बजकर 21 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे. उदया तिथि के कारण 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाएगी.

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मकर संक्रांति को कई नामों से जाना जाता है: द्रिक पंचांग के अनुसार, मकर संक्रांति को तमिलनाडु में पोंगल, पूर्वी उत्तर प्रदेश में खिचड़ी, गुजरात और राजस्थान में उत्तरायण. हरियाणा और पंजाब में माघी के रुप में मनाया जाता है.

क्यों मनाते हैं मकर संक्रांति?: हिंदू समुदाय के लोग मकर संक्रांति मनाते हैं क्योंकि वे इस अवधि को शुभ मानते हैं. अधिकांश क्षेत्रों में संक्रांति उत्सव दो से चार दिनों तक चलता है. त्योहार के दौरान लोग सूर्य देव की पूजा करते हैं. एक पवित्र डुबकी लगाना शुभ माना जाता है. इस दिन जरुरतमंदों को दान करते हैं, पतंग उड़ाते हैं, तिल और गुड़ से बनी मिठाई तैयार करते हैं.

मकर संक्रांति का विशेष महत्व: सूर्योदय से पहले गंगाजल मिलाकर स्नान शुभ माना जाता है. इसके बाद भगवान सूर्य को अर्घ्य दें. गुड़, तिल, खिचड़ी का भोग लगाएं. सूर्य देवता की आरती भी करें. मकर संक्रांति पर सूर्यदेव की पूजा करने के साथ मंत्रों का जाप करना चाहिए.

ॐ घृ‍णिं सूर्य्य: आदित्य:
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणाय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा
ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर
ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः

Last Updated : Jan 13, 2023, 3:26 PM IST
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