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Krishna Janmashtami 2023: 6 सितंबर को रोहिणी नक्षत्र में कृष्ण जन्माष्टमी, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Krishna Janmashtami 2023: 6 सितंबर को रोहिणी नक्षत्र में कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी. इस दिन शुभ मुहूर्त में कृष्णलला की पूजा करने से काफी लाभ मिलता है. जन्माष्टमी की रात भक्त जाग कर कृष्ण भगवान की खास विधि से पूजा करते हैं.

Krishna Janmashtami 2023
कृष्ण जन्माष्टमी 2023
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Aug 28, 2023, 7:03 PM IST

Updated : Sep 6, 2023, 8:26 AM IST

पंडित विनीत शर्मा

रायपुर: चंद्रमा का प्रिय नक्षत्र रोहिणी नक्षत्र है. 6 सितंबर को रोहिणी नक्षत्र, हर्षण और सिद्धि योग में कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी. इस साल भगवान श्री कृष्ण का 5251वां जन्मदिन है. इस दिन कृष्ण भक्त व्रत, उपवास और साधना करते हैं. जन्माष्टमी पर गीता का पाठ करना और गीता का दान करना बेहद शुभ माना गया है.

Krishna Janmashtami 2023 auspicious-time
कृष्ण जन्माष्टमी शुभ मुहूर्त

जानिए शुभ मुहूर्त: कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 6 सितंबर 2023 को दोपहर 3:37 से होगी. इसका समापन 7 सितंबर 2023 को शाम 4:14 पर होगा. 6 सितंबर 2023 बुधवार की रात 11:57 से रात 12:42 तक पूजा का शुभ मुहूर्त है. इस व्रत का पारण 7 सितंबर की सुबह 6:02 या फिर शाम को 4:14 के बाद कर सकते हैं.

ऐसे करें भगवान श्रीकृष्ण की पूजा अर्चना: कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण को स्नान कराएं. पूजा स्थल को सजाएं. पूजा के स्थान पर कृष्णमय वातावरण बनाएं. रात के समय भगवान कृष्ण को गंगाजल से स्नान कराएं. फिर चंदन, तिलक, परिमल, पीला चंदन, शुद्ध चंदन, अबीर, गुलाल, सिंदूर अर्पित करें. इसके बाद भगवान श्री कृष्ण को दूध, दही, घी, मधु, चीनी का पंचामृत बनाकर स्नान कराएं. इस पंचामृत को पूजा के बाद प्रसाद के तौर पर भक्त ग्रहण करते हैं. फिर दूध से बनी मिठाइयों का भोग लगाएं. भगवान श्री कृष्ण को फल चढ़ाएं. पूजा के अंत में आरती और कृष्ण गीत गाकर कृष्णलला का जन्मदिन मनाएं.

6 सितंबर को रोहिणी नक्षत्र की शुभ बेला में भगवान श्री कृष्ण का जन्म दिवस मनाया जाएगा. कृष्ण भक्त इस रात जाग कर भगवान कृष्ण का विधि विधान से पूजा-अर्चना कर जन्माष्टमी मनाते हैं. - पंडित विनीत शर्मा

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धमतरी में कृष्ण जन्माष्टमी पर मुंबई वाला दही हांडी महोत्सव
जांजगीर चांपा में 6 फीट कान्हा का रंगोली बना आकर्षण का केंद्र

कृष्ण जन्माष्टमी पर रात्रि जागरण करते हैं भक्त : जन्माष्टमी के दिन कई लोग फलाहार पर रहते हैं. कुछ लोग निर्जला व्रत रखते हैं. भगवान श्री कृष्ण के जन्म के बाद रात के वक्त कृष्ण मंदिर में भक्त गीत गाते हैं. मंदिरों को सजाकर कृष्ण भक्त रात भर जगते हैं और भगवान की आराधना करते हैं. यह पर्व चंद्रमा की उच्च राशि वृषभ में मनाया जाता है. सूर्य देवता भी इस समय स्वग्रही होकर विराजमान रहते हैं. कई जगहों पर कृष्ण जन्माष्टमी पर भंडारा भी होता है.

पंडित विनीत शर्मा

रायपुर: चंद्रमा का प्रिय नक्षत्र रोहिणी नक्षत्र है. 6 सितंबर को रोहिणी नक्षत्र, हर्षण और सिद्धि योग में कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी. इस साल भगवान श्री कृष्ण का 5251वां जन्मदिन है. इस दिन कृष्ण भक्त व्रत, उपवास और साधना करते हैं. जन्माष्टमी पर गीता का पाठ करना और गीता का दान करना बेहद शुभ माना गया है.

Krishna Janmashtami 2023 auspicious-time
कृष्ण जन्माष्टमी शुभ मुहूर्त

जानिए शुभ मुहूर्त: कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 6 सितंबर 2023 को दोपहर 3:37 से होगी. इसका समापन 7 सितंबर 2023 को शाम 4:14 पर होगा. 6 सितंबर 2023 बुधवार की रात 11:57 से रात 12:42 तक पूजा का शुभ मुहूर्त है. इस व्रत का पारण 7 सितंबर की सुबह 6:02 या फिर शाम को 4:14 के बाद कर सकते हैं.

ऐसे करें भगवान श्रीकृष्ण की पूजा अर्चना: कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण को स्नान कराएं. पूजा स्थल को सजाएं. पूजा के स्थान पर कृष्णमय वातावरण बनाएं. रात के समय भगवान कृष्ण को गंगाजल से स्नान कराएं. फिर चंदन, तिलक, परिमल, पीला चंदन, शुद्ध चंदन, अबीर, गुलाल, सिंदूर अर्पित करें. इसके बाद भगवान श्री कृष्ण को दूध, दही, घी, मधु, चीनी का पंचामृत बनाकर स्नान कराएं. इस पंचामृत को पूजा के बाद प्रसाद के तौर पर भक्त ग्रहण करते हैं. फिर दूध से बनी मिठाइयों का भोग लगाएं. भगवान श्री कृष्ण को फल चढ़ाएं. पूजा के अंत में आरती और कृष्ण गीत गाकर कृष्णलला का जन्मदिन मनाएं.

6 सितंबर को रोहिणी नक्षत्र की शुभ बेला में भगवान श्री कृष्ण का जन्म दिवस मनाया जाएगा. कृष्ण भक्त इस रात जाग कर भगवान कृष्ण का विधि विधान से पूजा-अर्चना कर जन्माष्टमी मनाते हैं. - पंडित विनीत शर्मा

Janmashtami 2022 दंतेवाड़ा में कृष्ण जन्माष्टमी पर निकाली गई कलश यात्रा
धमतरी में कृष्ण जन्माष्टमी पर मुंबई वाला दही हांडी महोत्सव
जांजगीर चांपा में 6 फीट कान्हा का रंगोली बना आकर्षण का केंद्र

कृष्ण जन्माष्टमी पर रात्रि जागरण करते हैं भक्त : जन्माष्टमी के दिन कई लोग फलाहार पर रहते हैं. कुछ लोग निर्जला व्रत रखते हैं. भगवान श्री कृष्ण के जन्म के बाद रात के वक्त कृष्ण मंदिर में भक्त गीत गाते हैं. मंदिरों को सजाकर कृष्ण भक्त रात भर जगते हैं और भगवान की आराधना करते हैं. यह पर्व चंद्रमा की उच्च राशि वृषभ में मनाया जाता है. सूर्य देवता भी इस समय स्वग्रही होकर विराजमान रहते हैं. कई जगहों पर कृष्ण जन्माष्टमी पर भंडारा भी होता है.

Last Updated : Sep 6, 2023, 8:26 AM IST
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