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Naxalite Attack: छत्तीसगढ़ में अब तक राजनेताओं पर हुए नक्सली हमले

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Published : Apr 18, 2023, 6:30 PM IST

Updated : Apr 26, 2023, 6:05 PM IST

छत्तीसगढ़ में राजनेता भी नक्सलियों के निशाने पर रहे हैं. साल 2023 में अब तक कितने राजनेताओं पर हमले हुए हैं. जानिए इस खबर में

major Naxalite attacks on leaders
अब तक राजनेताओं पर हुए नक्सली हमले

रायपुर/बस्तर: बीजापुर के पड़ेदा के पास कांग्रेस विधायक विक्रम मंडावी के काफिले पर 18 अप्रैल की शाम नक्सलियों ने हमला बोल दिया. नक्सलियों ने काफिले में चल रही गाड़ियों पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं. पार्वती कश्यप की गाड़ी पर भी गोलियां लगीं. इस हमले में विधायक विक्रम मंडावी सहित काफिले में शामिल सभी लोग बाल बाल बचे हैं. मौके पर पहुंची पुलिस नक्सली हमले को लेकर जानकारी जुटा रही है. आइए जानते हैं नक्सलियों ने कब कब नेताओं को निशाना बनाया.

नीलकंठ ककेम: भाजपा नेता नीलकंठ ककेम बीते 5 फरवरी की रात एक रिश्तेदार की शादी में शामिल होने सपरिवार गए थे. वहां अचानक पहुंचे माओवादियों ने कुल्हाड़ी और चाकू से बीजेपी नेता पर हमला कर दिया. इस वारदात के बाद नक्सलियों ने पर्चा फेंककर इस हत्या की जिम्मेदारी ली है. काकेम 15 साल से अवापल्ली मंडल के बीजेपी के अध्यक्ष थे.

यह भी पढ़ें- Bijapur Naxalite attack: बीजापुर में विधायक विक्रम शाह मंडावी के काफिले पर नक्सली हमला

सागर साहू: भाजपा जिलाध्यक्ष सागर साहू के छोटे डोंगर स्थित घर में 10 फरवरी रात करीब 4 से 5 नक्सली घुसे. सोफे पर बैठ टीवी देख रहे सागर साहू की नक्सलियों ने गोली मारकर हत्या कर दी. वारदात को अंजाम देने के बाद नक्सली जंगल में भाग गए.

भीमा मंडावी : दंतेवाड़ा से भाजपा विधायक भीमा मंडावी की, लोकसभा चुनाव प्रचार से जिला मुख्यालय लौटने के दौरान 9 अप्रैल 2019 को हत्या हुई थी. श्यामगिरी गांव के पास आईईडी (इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) लगाकर नक्सलियों ने उनके काफिले को विस्फोट में उड़ा दिया था. हमले में विधायक भीमा मंडावी, उनके ड्राइवर, सुरक्षा गार्ड सहित कुल चार लोगों की मौत हुई थी.

झीरम नक्सली हमले में कई कांग्रेस नेताओं की गई थी जान : छत्तीसगढ़ कांग्रेस नेता महेंद्र कर्मा 2004 से 2008 तक छत्तीसगढ़ विधानसभा में विपक्ष के नेता थे. 2005 में उन्होंने छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ सलवा जुडूम आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. 25 मई 2013 को सुकमा में कांग्रेस की ओर से आयोजित एक रैली से लौटते समय नक्सली ने उन पर हमला कर दिया. इसमें उनके साथ कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल सहित 27 लोगों की जान चली गई थी. विद्या चरण शुक्ल के साथ 31 अन्य लोग जख्मी हो गए थे. बाल में इलाज के दौरान गंभीर रूप से घायल विद्या चरण का भी निधन हो गया. 27 मई को नक्सलियों ने एक बयान जारी कर हमले की जिम्मेदारी लेने हुए कहा था कि "सलवा जुडूम और अर्धसैनिक बालों को तैनात किए जाने के विरोध में उन्होंने इस घटना को अंजाम दिया है."

रायपुर/बस्तर: बीजापुर के पड़ेदा के पास कांग्रेस विधायक विक्रम मंडावी के काफिले पर 18 अप्रैल की शाम नक्सलियों ने हमला बोल दिया. नक्सलियों ने काफिले में चल रही गाड़ियों पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं. पार्वती कश्यप की गाड़ी पर भी गोलियां लगीं. इस हमले में विधायक विक्रम मंडावी सहित काफिले में शामिल सभी लोग बाल बाल बचे हैं. मौके पर पहुंची पुलिस नक्सली हमले को लेकर जानकारी जुटा रही है. आइए जानते हैं नक्सलियों ने कब कब नेताओं को निशाना बनाया.

नीलकंठ ककेम: भाजपा नेता नीलकंठ ककेम बीते 5 फरवरी की रात एक रिश्तेदार की शादी में शामिल होने सपरिवार गए थे. वहां अचानक पहुंचे माओवादियों ने कुल्हाड़ी और चाकू से बीजेपी नेता पर हमला कर दिया. इस वारदात के बाद नक्सलियों ने पर्चा फेंककर इस हत्या की जिम्मेदारी ली है. काकेम 15 साल से अवापल्ली मंडल के बीजेपी के अध्यक्ष थे.

यह भी पढ़ें- Bijapur Naxalite attack: बीजापुर में विधायक विक्रम शाह मंडावी के काफिले पर नक्सली हमला

सागर साहू: भाजपा जिलाध्यक्ष सागर साहू के छोटे डोंगर स्थित घर में 10 फरवरी रात करीब 4 से 5 नक्सली घुसे. सोफे पर बैठ टीवी देख रहे सागर साहू की नक्सलियों ने गोली मारकर हत्या कर दी. वारदात को अंजाम देने के बाद नक्सली जंगल में भाग गए.

भीमा मंडावी : दंतेवाड़ा से भाजपा विधायक भीमा मंडावी की, लोकसभा चुनाव प्रचार से जिला मुख्यालय लौटने के दौरान 9 अप्रैल 2019 को हत्या हुई थी. श्यामगिरी गांव के पास आईईडी (इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) लगाकर नक्सलियों ने उनके काफिले को विस्फोट में उड़ा दिया था. हमले में विधायक भीमा मंडावी, उनके ड्राइवर, सुरक्षा गार्ड सहित कुल चार लोगों की मौत हुई थी.

झीरम नक्सली हमले में कई कांग्रेस नेताओं की गई थी जान : छत्तीसगढ़ कांग्रेस नेता महेंद्र कर्मा 2004 से 2008 तक छत्तीसगढ़ विधानसभा में विपक्ष के नेता थे. 2005 में उन्होंने छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ सलवा जुडूम आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. 25 मई 2013 को सुकमा में कांग्रेस की ओर से आयोजित एक रैली से लौटते समय नक्सली ने उन पर हमला कर दिया. इसमें उनके साथ कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल सहित 27 लोगों की जान चली गई थी. विद्या चरण शुक्ल के साथ 31 अन्य लोग जख्मी हो गए थे. बाल में इलाज के दौरान गंभीर रूप से घायल विद्या चरण का भी निधन हो गया. 27 मई को नक्सलियों ने एक बयान जारी कर हमले की जिम्मेदारी लेने हुए कहा था कि "सलवा जुडूम और अर्धसैनिक बालों को तैनात किए जाने के विरोध में उन्होंने इस घटना को अंजाम दिया है."

Last Updated : Apr 26, 2023, 6:05 PM IST
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