रायपुर: गणतंत्र दिवस पर इस बार नई दिल्ली के राजपथ पर छत्तीसगढ़ के लोक संगीत का वाद्य वैभव दिखेगा. गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह के लिए छत्तीसगढ़ राज्य की झांकी को रक्षा मंत्रालय की विशेषज्ञ समिति ने लगातार दूसरे साल भी मंजूरी दे दी है. कई बड़े राज्यों की झांकी अपना स्थान बनाने से चूक गयी. झांकी के चयन पर प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी बधाई दी है.
![Instrumental splendor of folk music of Chhattisgarh will be seen in Republic Day parade](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/cg-rpr-05-rajpathjhanki-av-7204353_31122020193453_3112f_1609423493_223.jpg)
सांस्कृतिक परिवेश के साथ प्रदर्शित होंगे लोक वाद्य
रक्षा विभाग की कठिन चयन प्रक्रिया से गुजरने के बाद इस बार की झांकी में छत्तीसगढ़ के जनजातीय क्षेत्रों में प्रयुक्त होने वाले लोक वाद्यों को उनके सांस्कृतिक परिवेश के साथ प्रदर्शित किया जाएगा. देश के कई बड़े राज्यों को पीछे छोड़ते हुये छत्तीसगढ़ की झांकी ने अपना स्थान सुनिश्चित किया है.
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पांच राउंड के बाद मिली स्वीकृति
उल्लेखनीय है कि झांकी में छत्तीसगढ़ के दक्षिण में स्थित बस्तर से लेकर उत्तर स्थित सरगुजा तक विभिन्न अवसरों पर प्रयुक्त होने वाले लोक वाद्य शामिल किए गए हैं. इनके माध्यम से छत्तीसगढ़ के स्थानीय तीज त्योहारों और रीति रिवाजों में निहित सांस्कृतिक मूल्यों को भी रेखांकित किया गया है. इस विषयवस्तु पर आधारित झांकी को पांच राउंड की कठिन प्रक्रिया के बाद अंतिम स्वीकृति मिली है.
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कई राज्यों का नहीं हुआ चयन
इस बार कई पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश, ओडिशा, झारखंड, तेलंगाना, ओडिशा, बिहार, राजस्थान जैसे कई बड़े राज्यों की झांकी का चयन नहीं हो पाया है.
देश के विभिन्न राज्यों के बीच कड़ी स्पर्धा और कई चरणों से गुजरने के बाद अंतिम रूप से छत्तीसगढ़ की झांकी का चयन हुआ है.तीन महीने तक कलाकारों की वेषभूषा और संगीत पर शोध कर त्रि आयामी मॉडल तैयार किया गया, जिसे रक्षा मंत्रालय की विशेषज्ञ कमेटी ने सलेक्ट किया हैं.