रायपुर: नाइट पार्टी से निकलने के बाद नशे में धुत इन युवतियों के हुड़दंग के बहुत से मामले भी सामने आए हैं. Increased craze of drugs in Chhattisgarh समाज के लिए भी नशा एक बड़ी चुनौती है. शायद यही वजह है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नशे को लेकर चिंता जाहिर की है. drug consumption in chhattisgarh उन्होंने लोकसभा में कहा कि हमने सर्वे और कई रिपोर्ट के आधार पर जिलों में मैपिंग की है. देश के 472 जिलों में नशे का जाल फैला हुआ है. कितनों भी बड़ा नशे का तस्कर क्यों न हो जल्द ही जेल की सलाखों में होगा. Narcotics Control Bureau ऐसे में आइये जानते हैं आखिर छत्तीसगढ़ में कैसे पहुंच रहा नशा और किस तरह से परोसी जाती है नशे की सामग्री. raipur crime news
पार्टियों के लिए बना रखे हैं ग्रुप: जानकारी के मुताबिक शहर के युवक-युवतियों का व्हाट्सएप ग्रुप बना हुआ है. इस ग्रुप में नाइट पार्टियों में शामिल होने वाले युवक-युवतियां जुड़े हुए हैं. जिन्हें व्हाट्सएप के माध्यम से पार्टियों की जानकारी दी जाती है. कुछ पार्टियां शहर से दूर अंदरूनी इलाके में स्थित फार्म हाउस में होती है, ताकि पुलिस को इन पार्टियों की भनक न लगे. पुलिस सूत्रों की मानें तो इस तरह की पार्टियों में रायपुर, दुर्ग-भिलाई, बिलासुपर जैसे इलाकों के ज्यादात यूथ शामिल होते हैं.
इस तरह के नशे के सामाग्री की होती है बिक्री: छत्तीसगढ़ में गांजा, नाइट्रोजन, अल्फाजोन, सिरप, अफीम, ब्राउन शुगर, हेरोइन, चरस, कोकिन और अन्य नशे के सामानों की बिक्री होती है. बाहरी राज्यों के तस्कर अलग अलग माध्यों में इनकी तस्करी कर रहे है. वे यहां के युवाओं को नशे की खेप पहुंचाते हैं. नारकोटिक्स सेल ने ओड़िशा, मध्यप्रदेश, दिल्ली समेत अनेक राज्यों से तस्करों को पकड़ा है. इन आरोपियों के साथ नशीली सामग्री बेचने वालों के अलावा मेडिकल स्टोर संचालक और कई बड़े रसूखदार लोग भी शामिल हैं.
प्राइवेट पार्टी करते हैं आर्गनाइज: राजधानी रायपुर में नशे के तस्करों को पकड़ने वाले नारकोटिक्स विंग के पुलिकर्मी नाम न छापने की शर्त पर बताते हैं कि नशे के सौदागर हाईटेक हो गए हैं. तस्कर बकायदा कोड वर्ड के सहारे नशे के कारोबार को संचालित करते हैं. ये आरोपी युवाओं को रिझाने के लिए नाइट पार्टियों का सहारा लेते हैं, ताकि उनका कारोबार फल फूल सके. इसके लिए वे प्राइवेट पार्टियां भी आर्गनाइज करते हैं. इन पार्टियों का इनविटेशन सोशल मीडिया के माध्यम से दिया जाता है और पार्टी में एंट्री के लिए फीस की राशि बहुत अधिक ली जाती है.
छत्तीसगढ़ में एनसीबी का नहीं है दफ्तर: छत्तीसगढ़ में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) का दफ्तर नहीं है. मध्यप्रदेश के इंदौर में इसका दफ्तर है. कुछ माह पहले नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के इंदौर के जोनल डायरेक्टर बृजेंद्र चौधरी रायपुर आए थे. यहां पुलिस मुख्यायक के अफसरों के साथ गांजा तस्करी रोकने पर मंथन किया. इसके अलावा एक साल पहले एनसीबी के डायरेक्टर जनरल सत्यनारायण प्रधान के साथ प्रदेश के डीजीपी अशोक जुनेजा की बातचीत हुई थी. जिसमें एसीबी का सब जोनल दफ्तर रायपुर में खोलने की बात हुई थी. इसका प्रस्ताव भी एसीबी मुख्यालय भेजा जा चुका है, लेकिन अब तक दफ्तर नहीं खुल पाया है. ऐसे में पुलिस विभाग ने नारकोटिक्स सेल का गठन कर नशे के खिलाफ कार्रवाई कर रही है.
बनाया गया नारकोटिक्स विंग: राजधानी रायपुर में तेजी से अवैध रुप से नशे का व्यापार फल फूल रहा है. ऐसे में रायपुर एसएसपी प्रशांत अग्रवाल ने एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट (एससीसीयू) का गठन किया. इस यूनिट में कई थानेदार समेत साइबर के जानकार अफसरों को शामिल किया गया. एक जनवरी 2022 में गठित एसीसीयू के अंतर्गत नारकोटिक्स सेल भी है. इस सेल ने लगातार नशे के खिलाफ अभियान चलाकर कई तस्करों को गिरफ्तार किया है. दूसरे राज्यों में भी नारकोटिक्स की टीम ने दबिश देकर आरोपियों को पकड़ा है. एससीसीयू की पूरी कमान रायपुर सिटी एएसपी अभिषेक माहेश्वरी के कांधों पर है.
क्या कहते हैं अफसर: रायपुर एएसपी अभिषेक माहेश्वरी ने बताया कि "रायपुर पुलिस की ओर से नारकोटिक्स विंग की गठन की गई है. जिसमें नार्कोटिक्स से संबंधित जो भी सूचनाएं मिलती है. सेल की ओर कार्रवाई की जाती है. इस साल हम लोगों के द्वारा लगभग 195 कार्रवाईयां एनडीपएस एक्ट के तहत की गई है. जिसमें 5 लाख से अधिक टेबलेट और एक हजार से अधिक सीरप की बोतल जब्द की गई है. लगभग साढ़े 12 सौ किलो गांजा जब्त किया है. इस तरह लगातार जहां-जहां सूचना मिलती है. उस पर कार्रवाई की जाती है. अलग-अलग समय पर ड्रग्स, कोकिन की सूचना मिलने पर कार्रवाई करते हैं और उसके चैन को भी पता करने की कोशिश करते हैं. आखिर ड्रग्स कहां से लाया गया और कहां सप्लाई किया जा रहा है. तीन-चार मामलों में हमने पूरे नेटवर्क को पकड़ा है. टेबलेट के संबंध में हमने ओड़िशा में दबिश देकर कुछ लोगों को पकड़ा है. आगे भी इस पर कार्रवाई जारी रहेगी."
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पार्टियों पर पुलिस की नजर: रायपुर एसएसपी प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि "पार्टियों को लेकर हम लोग लगातार ध्यान रखे हुए हैं कि जरा सा भी इनपुट मिले तो पुलिस तुरंत कार्रवाई करती है. ऐसी बहुत सारी कार्रवाईयां पिछले कुछ समय में हमने किया भी है. आने वाले समय में भी ध्यान रखेंगे की ऐसा कुछ न हो पाए. इसको लेकर मीटिंग में भी वार्न किया गया है कि किसी प्रकार के ड्रग्स या गलत चीजों का उपयोग न हो. इसके अलावा एडीपीएस एक्ट में जो भी आरोपियों को जेल हुआ है. यदि वे रिहा हो रहे हैं तो उन पर पुलिस की नजर है."
पदार्थ | जब्त | राशि |
गांजा | 248 किलो 600 ग्राम | 24 लाख 86 हजार |
चरस | 240 ग्राम | 7 लाख 20 हजार |
ब्राउन सुग | 6.90 ग्राम | 34 हजार 500 |
इंजेक्शन | 3100 नग | 3 लाख 10 हजार |
चिट्टा | 22 ग्राम | 3 लाख 60 हजार |
टेबलेट | 3 लाख 64 हजार 64 | 1 करोड़ 53 लाख 23 हजार |
(आंकड़े एसीसीयू के हैं, जनवरी से लेकर नवंबर 2022 तक)