रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजनीति में इस समय आरोप-प्रत्यारोप का खेल चल रहा है. प्रदेश सरकार और विपक्ष में किसान सम्मान निधि योजना और गोधन न्याय योजना को लेकर बयानबाजी का दौर जारी है.
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'गोधन न्याय योजना से बेरोजगारी होगी दूर'
दरअसल, कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने गोधन न्याय योजना की तुलना किसान सम्मान निधि से करते हुए कहा था कि गोधन योजना के जरिए छत्तीसगढ़ के बेरोजगारों को किसान सम्मान निधि से 4 गुना राशि ज्यादा मिलेगी. चौबे ने कहा कि जिस किसान के पास 3 एकड़ से ज्यादा जमीन है वो अपने गोबर खाद का उपयोग अपने ही खेतों में करते हैं. गोधन न्याय योजना गरीबों के लिए सबसे बड़ी योजना है और ऐसा किसान जिसके पास 1 डिसीमिल जमीन भी नहीं है और उनके घर में 2 या 3 छोटी गाय भी है तो उनके घर के गोबर का कलेक्शन कर उन्हें जो रुपया दिया जाएगा वो देश के पीएम की किसान सम्मान निधि से भी 4 गुना ज्यादा होगा.
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चौबे के बयान पर बीजेपी का तंज
चौबे के इस बयान पर बीजेपी ने तंज कसते हुए कहा है की 'डॉक्टरी इंजीनियरिंग और वकालत पढ़ने के बाद भी अगर युवा गोबर बीनने लगे तो ये योजना सफल मानी जाएगी'. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने ने कहा है कि किसान सम्मान निधि योजना धरातल पर आ चुकी है और इस योजना से गोधन न्याय योजना की तुलना नहीं की जा सकती है. किसान सम्मान निधि योजना राष्ट्रीय योजना है और गोधन न्याय योजना प्रांतीय योजना है जो चालू भी नहीं हुई है. पीएम मोदी ने अपने घोषणा पत्र में जो वादा किया था उस वादे को पूरा किया है. उपासने ने कहा कि ये योजना तब सफल मानी जाएगी जब बेरोजगारों के खाते में सरकार हर महीने ढाई हजार रुपये जमा करेगी.
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