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impact of climate change : जलवायु परिवर्तन से बढ़ेगा मानव और वन्यजीव संघर्ष : नितिन संघवी - world weather attribution group

वन्यजीव प्रेमी नितिन सिंघवी ने वन विभाग को पत्र लिखकर जलवायु परिवर्तन से मानव वन्यजीव संघर्ष बढ़ने की बात कही है. सिंघवी ने कहा कि " मौसम विज्ञान विभाग ने फरवरी के बाद तीन महीनों में हीटवेव की चेतावनी की बात का जिक्र किया."

impact of climate change in chhattisgarh
हीटवेव को लेकर वन्यप्रेमी की चिंता
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Published : Mar 10, 2023, 6:56 PM IST

रायपुर : वर्ल्ड वेदर एट्रिब्यूशन ग्रुप ने चेतावनी दी है कि जलवायु संकट ने भारत में हीटवेव की संभावना 30 गुना अधिक कर दी है. आगे भी इसके गंभीर प्रभाव जारी रहेंगे. नितिन सिंघवी ने इस रिपोर्ट के बाद कहा है कि ''जलवायु परिवर्तन पर किए गए अध्ययनों के अनुसार जलवायु संबंधित घटनाओं का विपरीत प्रभाव वन्यजीवों पर भी पड़ेगा. जिसकी वजह से मानव के साथ वन्यजीवों का संघर्ष बढ़ेगा.''

सिंघवी ने पत्र में क्या लिखा : सिंघवी ने अपने पत्र में वन विभाग को उदाहरण देते हुए बताया है कि '' हीटवेव और अकाल के कारण हाथी-मानव द्वंद बढ़ेगा. इसके साथ ही सांपों का घर में घुसना बढ़ेगा क्योंकि गर्मी और सूखे की वजह से सांप ठंडी जगह की तलाश में ग्रामीणों के घरों, बाड़ियों में आएंगे. नितिन सिंघवी ने बताया कि भालू, भारतीय वनों का वन्य प्राणी माना जाता है.दूसरे वन्य प्राणियों के समान सामान्यतः यह पानी में अपने को ठंडा नहीं करता. इसलिए भालू भी आबादी में आएगा और खतरा पैदा करेगा.

हीटवेव से जानवरों की परेशानी ज्यादा बढ़ेगी : सिंघवी के मुताबिक : ''हीटवेव के कारण जानवरों को चारा की कमी का सामना करना पड़ेगा और पानी की कमी के कारण वन्य जीवों को भटकना पड़ेगा. वे गांव की ओर भी आ जाएंगे और लोगों पर हमला भी कर सकते हैं"

ये भी पढ़ें- केंद्रीय मंत्री ने वंदे भारत एक्सप्रेस का वीडियो किया शेयर

क्या है वन विभाग से मांग : वन्य जीव प्रेमी नितिन सिंघवी ने छत्तीसगढ़ वन विभाग को सुझाव देते हुए पत्र लिखा है कि ''गर्मी और सूखे में वर्तमान में उपलब्ध कराये जा रहे पानी की तुलना में ज्यादा मात्रा में ज्यादा जगहों पर और पानी उपलब्ध करवाया जाए. वन क्षेत्रों से लगी हुई वॉटर बॉडीज जहां पर गर्मी में वन्यप्राणी पानी पीने आते हैं. वहां लोगों को जाने से रोका जाए. शिकार की घटनाओं पर रोक लगाने की कोशिश की जाए. जहां बर जलीय जीव जंतु निवास करते हैं वहां भी लोगों को जाने से रोका जाए.

रायपुर : वर्ल्ड वेदर एट्रिब्यूशन ग्रुप ने चेतावनी दी है कि जलवायु संकट ने भारत में हीटवेव की संभावना 30 गुना अधिक कर दी है. आगे भी इसके गंभीर प्रभाव जारी रहेंगे. नितिन सिंघवी ने इस रिपोर्ट के बाद कहा है कि ''जलवायु परिवर्तन पर किए गए अध्ययनों के अनुसार जलवायु संबंधित घटनाओं का विपरीत प्रभाव वन्यजीवों पर भी पड़ेगा. जिसकी वजह से मानव के साथ वन्यजीवों का संघर्ष बढ़ेगा.''

सिंघवी ने पत्र में क्या लिखा : सिंघवी ने अपने पत्र में वन विभाग को उदाहरण देते हुए बताया है कि '' हीटवेव और अकाल के कारण हाथी-मानव द्वंद बढ़ेगा. इसके साथ ही सांपों का घर में घुसना बढ़ेगा क्योंकि गर्मी और सूखे की वजह से सांप ठंडी जगह की तलाश में ग्रामीणों के घरों, बाड़ियों में आएंगे. नितिन सिंघवी ने बताया कि भालू, भारतीय वनों का वन्य प्राणी माना जाता है.दूसरे वन्य प्राणियों के समान सामान्यतः यह पानी में अपने को ठंडा नहीं करता. इसलिए भालू भी आबादी में आएगा और खतरा पैदा करेगा.

हीटवेव से जानवरों की परेशानी ज्यादा बढ़ेगी : सिंघवी के मुताबिक : ''हीटवेव के कारण जानवरों को चारा की कमी का सामना करना पड़ेगा और पानी की कमी के कारण वन्य जीवों को भटकना पड़ेगा. वे गांव की ओर भी आ जाएंगे और लोगों पर हमला भी कर सकते हैं"

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क्या है वन विभाग से मांग : वन्य जीव प्रेमी नितिन सिंघवी ने छत्तीसगढ़ वन विभाग को सुझाव देते हुए पत्र लिखा है कि ''गर्मी और सूखे में वर्तमान में उपलब्ध कराये जा रहे पानी की तुलना में ज्यादा मात्रा में ज्यादा जगहों पर और पानी उपलब्ध करवाया जाए. वन क्षेत्रों से लगी हुई वॉटर बॉडीज जहां पर गर्मी में वन्यप्राणी पानी पीने आते हैं. वहां लोगों को जाने से रोका जाए. शिकार की घटनाओं पर रोक लगाने की कोशिश की जाए. जहां बर जलीय जीव जंतु निवास करते हैं वहां भी लोगों को जाने से रोका जाए.

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