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notice to KTU management कुलसचिव और कुलपति को हाईकोर्ट का नोटिस

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Published : Feb 16, 2023, 5:15 PM IST

कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय में दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को निकालने के मामले में हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया है.जिसमें यूनिवर्सिटी के कुलपति और कुलसचिव से ये पूछा गया है कि उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई क्यों ना की जाए.कोर्ट ने इस मामले में कर्मचारियों को सुनवाई तक काम से नहीं हटाने के निर्देश दिए थे.लेकिन यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने ऐसा नहीं किया.

High court notice to KTU registrar and vice chancellor
KTU के कुलसचिव और कुलपति को हाईकोर्ट का नोटिस

बिलासपुर : हाईकोर्ट ने कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार यूनिवर्सिटी के कुलपति और कुलसचिव को अनियमित कर्मचारियों के मामले नोटिस जारी किया है. कोर्ट के आदेश की अवमानना के मामले में लगी याचिका पर नोटिस जारी किया गया है. अनियमित कर्मचारियों को सेवा से हटाने और यूनिवर्सिटी में प्रवेश नही करने के आदेश के खिलाफ याचिका दायर की गई थी.

क्या है मामला : यूनिवर्सिटी में वर्षों से कार्यरत 23 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर उन्हें प्राइवेट प्लेसमेंट एजेंसी को देने के मामले में हाई कोर्ट ने कर्मचारियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए कर्मचारियों के पक्ष में 27 सितंबर 2022 को अंतरिम राहत प्रदान की थी. आदेश में कहा गया था कि उन्हें अगली सुनवाई तक ना हटाया जाए.लेकिन यूनिवर्सिटी ने सभी को हटा दिया. जिसके बाद कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार यूनिवर्सिटी के कुलपति और कुलसचिव को हाई कोर्ट ने अवमानना मामले में नोटिस जारी किया है.

यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने कोर्ट की अवमानना की : पूरा मामला यूनिवर्सिटी के 23 अनियमित कर्मचारियों से जुड़ा हुआ है. कुलपति बलदेव भाई शर्मा ने उनकी सेवा समाप्त कर दी थी. इस मामले में कर्मचारियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. कोर्ट ने मामले में पिछली सुनवाई में कहा था कि कर्मचारियों को सुनवाई तक सेवा से पृथक न किया जाए. ये कर्मचारी विश्वविद्यालय में स्थापना काल से जुड़े हुए हैं. कोर्ट के आदेश के बाद भी 23 कर्मचारी को सेवा से पृथक कर दिया गया . सेवा से पृथक करने के बाद कर्मचारी नेता आनंद पटेल ने अपने वकील नीरज चौबे के माध्यम से कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की.

यूनिवर्सिटी में दाखिल नहीं हो सकते कर्मचारी : कुशाभाऊ ठाकरे यूनिवर्सिटी के कुलपति बलदेव भाई शर्मा और कुलसचिव आनंद शंकर ने कोर्ट की अवमानना करते हुए कर्मचारियों को सेवा से पृथक कर दिया है, और अपने तरह का एक अनोखा फरमान जारी किया है.जिसकी वजह से कर्मचारियों को यूनिवर्सिटी परिसर में भी प्रवेश नहीं दिया जा रहा है. उन्हें यूनिवर्सिटी के बाहर ही रोक दिया जाता है. उन्हें अंदर आने नहीं दिया जाता है.

ये भी पढ़ें- बलदेव भाई शर्मा बने केटीयू के नए कुलपति

कड़ी कार्रवाई को लेकर कोर्ट सख्त : अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि ''कुलपति बलदेव भाई शर्मा और कुलसचिव आनंद शंकर बहादुर के खिलाफ आदेश पारित किया है कि क्यों ना उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाए. दोनों अधिकारियों को 14 मार्च को कोर्ट के समक्ष उपस्थित होने के आदेश दिए है. आपको बता दें कि कुशाभाऊ ठाकरे यूनिवर्सिटी में कार्यरत कर्मचारी लिपिक, टायपिस्ट, कम्प्यूटर आपरेटर, कैमरा आपरेटर, टेक्नीशियन रेडियो एवं टीवी स्टूडियो, असिस्टेंट लायब्रेरियन, ड्राइवर, भृत्य, गार्डनर और स्वीपर जैसे पदों पर वर्षों से कार्य कर रहे थे. जिन्हें सेवा से हटाने का फरमान जारी किया गया था.

बिलासपुर : हाईकोर्ट ने कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार यूनिवर्सिटी के कुलपति और कुलसचिव को अनियमित कर्मचारियों के मामले नोटिस जारी किया है. कोर्ट के आदेश की अवमानना के मामले में लगी याचिका पर नोटिस जारी किया गया है. अनियमित कर्मचारियों को सेवा से हटाने और यूनिवर्सिटी में प्रवेश नही करने के आदेश के खिलाफ याचिका दायर की गई थी.

क्या है मामला : यूनिवर्सिटी में वर्षों से कार्यरत 23 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर उन्हें प्राइवेट प्लेसमेंट एजेंसी को देने के मामले में हाई कोर्ट ने कर्मचारियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए कर्मचारियों के पक्ष में 27 सितंबर 2022 को अंतरिम राहत प्रदान की थी. आदेश में कहा गया था कि उन्हें अगली सुनवाई तक ना हटाया जाए.लेकिन यूनिवर्सिटी ने सभी को हटा दिया. जिसके बाद कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार यूनिवर्सिटी के कुलपति और कुलसचिव को हाई कोर्ट ने अवमानना मामले में नोटिस जारी किया है.

यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने कोर्ट की अवमानना की : पूरा मामला यूनिवर्सिटी के 23 अनियमित कर्मचारियों से जुड़ा हुआ है. कुलपति बलदेव भाई शर्मा ने उनकी सेवा समाप्त कर दी थी. इस मामले में कर्मचारियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. कोर्ट ने मामले में पिछली सुनवाई में कहा था कि कर्मचारियों को सुनवाई तक सेवा से पृथक न किया जाए. ये कर्मचारी विश्वविद्यालय में स्थापना काल से जुड़े हुए हैं. कोर्ट के आदेश के बाद भी 23 कर्मचारी को सेवा से पृथक कर दिया गया . सेवा से पृथक करने के बाद कर्मचारी नेता आनंद पटेल ने अपने वकील नीरज चौबे के माध्यम से कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की.

यूनिवर्सिटी में दाखिल नहीं हो सकते कर्मचारी : कुशाभाऊ ठाकरे यूनिवर्सिटी के कुलपति बलदेव भाई शर्मा और कुलसचिव आनंद शंकर ने कोर्ट की अवमानना करते हुए कर्मचारियों को सेवा से पृथक कर दिया है, और अपने तरह का एक अनोखा फरमान जारी किया है.जिसकी वजह से कर्मचारियों को यूनिवर्सिटी परिसर में भी प्रवेश नहीं दिया जा रहा है. उन्हें यूनिवर्सिटी के बाहर ही रोक दिया जाता है. उन्हें अंदर आने नहीं दिया जाता है.

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कड़ी कार्रवाई को लेकर कोर्ट सख्त : अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि ''कुलपति बलदेव भाई शर्मा और कुलसचिव आनंद शंकर बहादुर के खिलाफ आदेश पारित किया है कि क्यों ना उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाए. दोनों अधिकारियों को 14 मार्च को कोर्ट के समक्ष उपस्थित होने के आदेश दिए है. आपको बता दें कि कुशाभाऊ ठाकरे यूनिवर्सिटी में कार्यरत कर्मचारी लिपिक, टायपिस्ट, कम्प्यूटर आपरेटर, कैमरा आपरेटर, टेक्नीशियन रेडियो एवं टीवी स्टूडियो, असिस्टेंट लायब्रेरियन, ड्राइवर, भृत्य, गार्डनर और स्वीपर जैसे पदों पर वर्षों से कार्य कर रहे थे. जिन्हें सेवा से हटाने का फरमान जारी किया गया था.

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