रायपुर : भूपेश सरकार ने जहां एक और हजारों शिक्षाकर्मियों को संविलियन कर एक बड़ी सौगात दी है, वहीं दूसरी ओर सैकड़ों आवास मित्रों को नौकरी से निकाल कर उन्हें बड़ा झटका दिया है. राज्य सरकार ने प्रदेश में नियुक्त आवास मित्रों को नौकरी से बाहर करने का आदेश दिया है. पंचायत विभाग ने ये आदेश सभी जिला पंचायत सीईओ को जारी कर दिया है.
दरअसल, प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 100 पीएम आवास की देखरेख के लिए एक आवास मित्र को नियुक्त किया गया था, इस तरह प्रदेश में कई आवास मित्रों को नौकरी पर रखा गया था.
ये था आवास मित्रों का काम
⦁ निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर नजर रखना.
⦁ निर्माणकर्ता को तकनीकी जानकारी देने.
⦁ प्रोग्रेस वर्क की रिपोर्ट देना.
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इन आवास मित्रों की नियुक्ति जिला पंचायत की तरफ से की जाती थी, जो शासन के इस आदेश के बाद सैकड़ों आवास मित्र अब बेरोजगार हो गए हैं.
राज्य सरकार की मानें तो पिछले तीन सालों में इस योजना का व्यापक प्रचार हो चुका है, अब खुद ही लोग इस योजना का लाभ लेने लगे हैं. यही नहीं वित्तीय वर्ष 2019-20 में केंद्र सरकार ने प्रशासकीय मद की राशि को 4 प्रतिशत की जगह पर 1.70 प्रतिशत कर दिया गया है, जिसकी वजह से आवास मित्रों का मानदेय का भुगतान में दिक्कतें आ सकती हैं. राज्य सरकार ने आदेश को तत्काल प्रभाव से लागू करते हुए सभी आवास मित्र की सेवाओं समाप्त कर दी है.