रायपुर: बुधवार को वन एवं पर्यावरण मंत्री केदार कश्यप ने सहकारिता और किसान से जुड़े कार्यशाला में शिरकत की .इस दौरान सहकारी बैंक द्वारा 8 लाख 36 हजार 597 किसानों को रूपे किसान क्रेडिट कार्ड जारी किया गया. सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने 5 किसानों को प्रतीकात्मक रूप से रूपे किसान क्रेडिट कार्ड और नीलम चौहान को अनुकम्पा नियुक्ति पत्र दिया.
कई समितियों को होगा गठन: इस दौरान मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि आगामी 6 माह में 2000 पैक्स, मछुआ समिति, लघुवनोपज समिति तथा दुग्ध समितियों का गठन किया जाना है. इसके लिए मल्टी फंक्शनल सोसाइटियों के मॉडल बायलॉज और समयबद्व कार्ययोजना बनाई जाए.
छत्तीसगढ़ के मछुआरों को मिलेगा सीधा लाभ: इस पर अधिकारियों ने बताया कि भारत सरकार द्वारा आरआईडीएफ के तहत 200 मीट्रिक टन क्षमता के 725 पैक्स गोदामों में से 587 गोदामों का निर्माण पूरा हो चुका है. शेष गोदामों का निर्माण नवंबर माह तक पूरा करा लिया जाएगा. इससे छत्तीसगढ़ में 1.45 लाख मीट्रिक टन भंडारण क्षमता में वृद्धि होगी. सहकारिता मंत्री ने मछुआ सहकारी समितियों की नीतियों में सुधार के लिए निर्देशित किया कि छत्तीसगढ़ के मछुआरों को मछली विक्रय का लाभ सीधे मिल सके.
मछुआ समितियों को एटीएम देने की मांग: छत्तीसगढ़ में सहकारी समितियों के अधीन 42 प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र अक्टूबर माह के अंत तक खोलने के निर्देश दिए गए हैं. जिससे लोगों को सस्ती जेनेरिक दवाई मिल सकेगी. इस बैठक में अम्बिकापुर और जगदलपुर के सभी पैक्स में माइक्रो एटीएम को एक्टिव रखने के लिए कहा गया, जिससे आगामी धान खरीदी में किसानों को राशि आहरण में सुविधा देने की बात कही गई है. डेयरी समितियों और मछुआ समितियों को माइक्रो एटीएम दिया जाए.
जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के गठन की प्रक्रिया शुरू: इस दौरान सहकारिता मंत्री ने कहा कि पैक्स कंप्यूटराईजेशन मॉड्यूल किसानों के लिए उपयोगी होना चाहिए. मनेन्द्रगढ़, कोरिया, कोंडागांव, सरगुजा, सारगढ़ और बलौदाबाजार जिले के पैक्स कंप्यूटराइजेशन की प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा गया. बैठक में अधिकारियों ने जानकारी दी कि रिजर्व बैंक और नाबार्ड के मापदंडों का पालन करते हुए छत्तीसगढ़ में चार नवीन जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
इन विषयों पर की गई गहन समीक्षा: सहकारिता सचिव सीआर प्रसन्ना ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 2058 पैक्स में 1738 कॉमन सर्विस सेंटर एक्टिवेट किया गया है. इन कॉमन सर्विस सेंटरों से सहकारी समितियों के 16 लाख ऋणी सदस्यों को जोड़ा जाएगा. डेयरी और मछुआ समितियों के खाता को आपरेटिव बैंकों में खोला जाएगा.