रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भारत की सबसे पुरानी सरकारी डाक प्रणाली ’’भारतीय डाक’ के सभी कर्मियों को राष्ट्रीय डाक दिवस की बधाई दी. सीएम साय ने अपने संदेश में कहा कि हर साल 10 अक्टूबर को भारत में राष्ट्रीय डाक दिवस के रूप में मनाया जाता है. यह दिन भारतीय डाक विभाग की ओर से निभाई गई भूमिका और उसकी सराहनीय सेवाओं के महत्व को बताने के लिए सेलिब्रेट किया जाता है.
डाक दिवस का महत्व: भारतीय डाक सेवा दुनिया में सबसे बड़े डाक नेटवर्क के रूप में स्थापित है. आज के डिजिटल युग में भी यह ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्रों में संचार का सुलभ साधन है. इसके साथ यह ई-कॉमर्स, बैंकिंग सुविधा और डिजिटल इंडिया जैसी अनेक सरकारी योजनाओं को नागरिकों तक पहुंचाकर देश के विकास में अपना योगदान डाक विभाग दे रहा है. इस दिन को डाक सेवा के महत्व को समझने के लिए मनाया जाता है.
ये है डाक दिवस का इतिहास: राष्ट्रीय डाक दिवस हर साल 10 अक्टूबर को मनाया जाता है. पिछले 150 से अधिक सालों से ये दिन सेलिब्रेट किया जा रहा है. इस दिन को भारतीय डाक विभाग की ओर से निभाई गई भूमिका को चिह्नित करने के लिए मनाया जाता है. बात अगर इतिहास की करें तो भारतीय डाक सेवा की स्थापना 10 अक्टूबर 1854 को हुई थी. ईस्ट इंडिया कंपनी ने पहली बार भारत में डाक सेवा शुरू की थी. यही कारण है कि इसी दिन हर साल भारतीय डाक दिवस मनाया जाता है. राष्ट्रीय डाक दिवस मनाने का मुख्य लक्ष्य डाक सेवा के महत्व को उजागर करते हुए जन-जन में इसकी भूमिका को स्वीकारना है.