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SPECIAL: कोरोना के चपेट में सरकारी दफ्तर, कर्मचारियों के साथ कामकाज भी प्रभावित

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Published : Sep 6, 2020, 11:04 PM IST

छत्तीसगढ़ में कोरोना ने कोहराम मचा रखा है. सरकारी दफ्तरों से भी बड़ी संख्या में कोरोना मरीज मिल रहे हैं.ऐसे में तमाम नागरिक सेवाएं भी कोरोना के चलते प्रभावित हो रही है और कर्मचारियों के बीच दहशत का माहौल है.

government offices in grip of Corona
कोरोना के जद में सरकारी दफ्तर

रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर कोरोना का हॉट स्पॉट बन गई है. यहां लगातार मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. रायपुर में तमाम वीआईपी गलियारों में कोरोना ने अपनी दस्तक दे दी है. प्रदेशभर के तमाम सरकारी विभागों का संचालन करने वाले मंत्रालय- विभागाध्यक्ष कार्यालय में भी 80 से ज्यादा कोरोना मरीज मिल चुके हैं. वहीं कोरोना से 3 कर्मचारियों ने दम तोड़ दिया है. ऐसे में तमाम नागरिक सेवाएं भी कोरोना के चलते प्रभावित हो रही है और कर्मचारियों के बीच दहशत का माहौल है.

कोरोना से कर्मचारियों में दहशत

लॉकडाउन के बाद सरकारी दफ्तरों में भी कामकाज रूटीन पर आ चुका था, लेकिन अब कोरोना ने फिर से पलटवार कर दिया है. प्रदेश में रोजाना हजार से भी ज्यादा मरीज मिल रहे हैं. केवल रायपुर में ही हजार से ज्यादा मरीज मिल रहे हैं. ऐसे में अब तमाम सरकारी दफ्तरों में काम करना भी अधिकारी-कर्मचारियों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. प्रदेश के सबसे बड़े मुख्यालय जहां से प्रदेश के तमाम सरकारी मशीनरी का संचालन होता है. ऐसे मंत्रालय और विभागाध्यक्ष कार्यालय में 80 से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं.

पढ़ें-SPECIAL: कोरोना से छत्तीसगढ़ में हालात डरावने, स्वास्थ्य विभाग और डॉक्टरों की बढ़ी चिंता

हैरानी की बात यह है कि इंद्रावती भवन में ही साढ़े 4 हजार से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारी काम करते हैं. जहां पर केवल 220 लोगों की ही कोरोना जांच की गई है और इन 220 में से ही 84 लोग पॉजिटिव आ गए हैं. बचे हुए 4 हजार से ज्यादा कर्मचारियों की जांच रिपोर्ट भी नहीं आ पाई है. प्रदेश भर में काम कर रहे सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के बीच भी दहशत का माहौल है.

सरकारी दफ्तरों में कोरोना की पैठ

सरकारी विभागों के संचालन के लिए सबसे बड़े मुख्यालय माने जाने वाले मंत्रालय महानदी भवन और तमाम विभागों के विभागाध्यक्ष कार्यालय इंद्रावती भवन में भी लगातार कोरोना मरीज मिल रहे हैं. कोरोना इमरजेंसी के दरमियान भी मुख्यालय दफ्तरों में अधिकारी-कर्मचारी लगातार काम करते रहे हैं. अब कोरोना ने बड़े पैमाने पर मंत्रालय ने भी पैठ बना ली है.

कर्मचारी,अधिकारी फेडरेशन ने दी काम बंद करने की चेतावनी

लेकिन इंद्रावती भवन में कर्मचारियों के पॉजिटिव निकलने के बाद भी लगातार कर्मियों से काम कराया जा रहा है. इसे लेकर कर्मचारियों में जमकर नाराजगी है. कर्मचारी फेडरेशन के अध्यक्ष कहते हैं कि सरकार ऐसे विपरीत हालात में भी कर्मचारियों से जबरन काम लेगी तो तमाम कर्मचारी संघ मिलकर काम बंद कर देंगे. दबाव बनाकर कर्मचारियों से काम लिया जा रहा है जो गलत है.

मंत्रालय में 48 विभागों के विभागाध्यक्ष कार्यालय

नई राजधानी में मंत्रालय और इंद्रावती भवन बनने के बाद प्रदेश स्तर के तमाम विभाग अध्यक्ष कार्यालय नया रायपुर में शिफ्ट हो चुके हैं. ऐसे में हजारों कर्मचारियों का रोजाना नया रायपुर आना जाना होता है. नया रायपुर में 48 विभागों के विभागाध्यक्ष कार्यालय है. यहां पर साढ़े 4 हजार से ज्यादा अधिकारी कर्मचारी बैठते हैं. इसके अलावा प्रदेशभर से अधिकारी कर्मचारियों के अलावा तमाम लोग भी अपने कामों को लेकर इन दफ्तरों में पहुंचते हैं. ऐसे में कोरोना के सोर्स का पता लगाना और उन्हें क्वॉरेंटाइन करना बेहद चुनौती भरा साबित हो रहा है.

पढ़ें-कोरोना से बचने के लिए सैनिटाइजर का उपयोग, कितना फायदेमंद, कितना नुकसानदायक!

तमाम सरकारी दफ्तरों में काम काज पर प्रभावित

अब मंत्रालय ही नहीं बल्कि प्रदेश के तमाम दफ्तरों में भी कोरोना के मरीज मिल रहे हैं. प्रदेश के वन मुख्यालय, जिला कलेक्ट्रेट, राजभवन, रजिस्ट्री दफ्तर, तहसील ऑफिस, संभाग आयुक्त कार्यालय ऐसे तमाम दफ्तरों में जहां लोगों की रोजाना आवाजाही होती है. इन जगहों पर भी मरीज मिलने से काम प्रभावित होने लगे हैं. वही यहां काम कर रहे अधिकारी कर्मचारियों में दहशत है.

कोरोना के खौफ के बीच काम कर रहे कर्मचारी

छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार झा ने कर्मचारियों के हालात को लेकर सरकार से जल्द राहत देने की मांग की है. वे कहते हैं कि सरकार की हर तमाम तरह की योजनाओं और आमजन की हर शिकायतों के लिए प्रदेश के कर्मचारी लगातार काम करते रहे हैं. लेकिन अब हालात बेहद नाजुक हो चुके हैं. ऐसे हालात में सरकार की ओर से प्रदेश के कर्मचारियों को भी लगातार दबाव बनाया जा रहा है, जो कि बेहद गलत है.

कर्मचारियों ने की राहत की मांग

कोरोना से लोग भी डरे हुए हैं, वैसे भी कोरोना के चलते तमाम काम पहले से ही रुके हुए थे. लेकिन सरकारी दफ्तरो में कोरोना ने अपनी पैठ बना ली है और दफ्तर पूरी तरह संक्रमित भी होने लगे हैं. ऐसे में रजिस्ट्री, जमीन के नामांतरण और ई स्टॉम्प की बिक्री भी नहीं हो पा रही है, इससे लोग भी परेशान हो रहे हैं. कुछ लोगों को तो पता ही नहीं है कि रजिस्ट्री दफ्तर में काम काज बंद हो गया है. वे साधारण दिनों की तरह यहां दफ्तर पहुंचते हैं और जब दफ्तर सील मिलता है तेरी डरकर वापस लौट रहे हैं. कोरोना के शुरुआती दौर से कर्मचारी-अधिकारी हिम्मत के साथ काम कर रहे है. ऐसे में इन योद्धाओं को ही सही तरीके से सुविधाएं ना मिली तो हालात और बुरे हो सकते हैं.

रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर कोरोना का हॉट स्पॉट बन गई है. यहां लगातार मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. रायपुर में तमाम वीआईपी गलियारों में कोरोना ने अपनी दस्तक दे दी है. प्रदेशभर के तमाम सरकारी विभागों का संचालन करने वाले मंत्रालय- विभागाध्यक्ष कार्यालय में भी 80 से ज्यादा कोरोना मरीज मिल चुके हैं. वहीं कोरोना से 3 कर्मचारियों ने दम तोड़ दिया है. ऐसे में तमाम नागरिक सेवाएं भी कोरोना के चलते प्रभावित हो रही है और कर्मचारियों के बीच दहशत का माहौल है.

कोरोना से कर्मचारियों में दहशत

लॉकडाउन के बाद सरकारी दफ्तरों में भी कामकाज रूटीन पर आ चुका था, लेकिन अब कोरोना ने फिर से पलटवार कर दिया है. प्रदेश में रोजाना हजार से भी ज्यादा मरीज मिल रहे हैं. केवल रायपुर में ही हजार से ज्यादा मरीज मिल रहे हैं. ऐसे में अब तमाम सरकारी दफ्तरों में काम करना भी अधिकारी-कर्मचारियों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. प्रदेश के सबसे बड़े मुख्यालय जहां से प्रदेश के तमाम सरकारी मशीनरी का संचालन होता है. ऐसे मंत्रालय और विभागाध्यक्ष कार्यालय में 80 से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं.

पढ़ें-SPECIAL: कोरोना से छत्तीसगढ़ में हालात डरावने, स्वास्थ्य विभाग और डॉक्टरों की बढ़ी चिंता

हैरानी की बात यह है कि इंद्रावती भवन में ही साढ़े 4 हजार से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारी काम करते हैं. जहां पर केवल 220 लोगों की ही कोरोना जांच की गई है और इन 220 में से ही 84 लोग पॉजिटिव आ गए हैं. बचे हुए 4 हजार से ज्यादा कर्मचारियों की जांच रिपोर्ट भी नहीं आ पाई है. प्रदेश भर में काम कर रहे सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के बीच भी दहशत का माहौल है.

सरकारी दफ्तरों में कोरोना की पैठ

सरकारी विभागों के संचालन के लिए सबसे बड़े मुख्यालय माने जाने वाले मंत्रालय महानदी भवन और तमाम विभागों के विभागाध्यक्ष कार्यालय इंद्रावती भवन में भी लगातार कोरोना मरीज मिल रहे हैं. कोरोना इमरजेंसी के दरमियान भी मुख्यालय दफ्तरों में अधिकारी-कर्मचारी लगातार काम करते रहे हैं. अब कोरोना ने बड़े पैमाने पर मंत्रालय ने भी पैठ बना ली है.

कर्मचारी,अधिकारी फेडरेशन ने दी काम बंद करने की चेतावनी

लेकिन इंद्रावती भवन में कर्मचारियों के पॉजिटिव निकलने के बाद भी लगातार कर्मियों से काम कराया जा रहा है. इसे लेकर कर्मचारियों में जमकर नाराजगी है. कर्मचारी फेडरेशन के अध्यक्ष कहते हैं कि सरकार ऐसे विपरीत हालात में भी कर्मचारियों से जबरन काम लेगी तो तमाम कर्मचारी संघ मिलकर काम बंद कर देंगे. दबाव बनाकर कर्मचारियों से काम लिया जा रहा है जो गलत है.

मंत्रालय में 48 विभागों के विभागाध्यक्ष कार्यालय

नई राजधानी में मंत्रालय और इंद्रावती भवन बनने के बाद प्रदेश स्तर के तमाम विभाग अध्यक्ष कार्यालय नया रायपुर में शिफ्ट हो चुके हैं. ऐसे में हजारों कर्मचारियों का रोजाना नया रायपुर आना जाना होता है. नया रायपुर में 48 विभागों के विभागाध्यक्ष कार्यालय है. यहां पर साढ़े 4 हजार से ज्यादा अधिकारी कर्मचारी बैठते हैं. इसके अलावा प्रदेशभर से अधिकारी कर्मचारियों के अलावा तमाम लोग भी अपने कामों को लेकर इन दफ्तरों में पहुंचते हैं. ऐसे में कोरोना के सोर्स का पता लगाना और उन्हें क्वॉरेंटाइन करना बेहद चुनौती भरा साबित हो रहा है.

पढ़ें-कोरोना से बचने के लिए सैनिटाइजर का उपयोग, कितना फायदेमंद, कितना नुकसानदायक!

तमाम सरकारी दफ्तरों में काम काज पर प्रभावित

अब मंत्रालय ही नहीं बल्कि प्रदेश के तमाम दफ्तरों में भी कोरोना के मरीज मिल रहे हैं. प्रदेश के वन मुख्यालय, जिला कलेक्ट्रेट, राजभवन, रजिस्ट्री दफ्तर, तहसील ऑफिस, संभाग आयुक्त कार्यालय ऐसे तमाम दफ्तरों में जहां लोगों की रोजाना आवाजाही होती है. इन जगहों पर भी मरीज मिलने से काम प्रभावित होने लगे हैं. वही यहां काम कर रहे अधिकारी कर्मचारियों में दहशत है.

कोरोना के खौफ के बीच काम कर रहे कर्मचारी

छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार झा ने कर्मचारियों के हालात को लेकर सरकार से जल्द राहत देने की मांग की है. वे कहते हैं कि सरकार की हर तमाम तरह की योजनाओं और आमजन की हर शिकायतों के लिए प्रदेश के कर्मचारी लगातार काम करते रहे हैं. लेकिन अब हालात बेहद नाजुक हो चुके हैं. ऐसे हालात में सरकार की ओर से प्रदेश के कर्मचारियों को भी लगातार दबाव बनाया जा रहा है, जो कि बेहद गलत है.

कर्मचारियों ने की राहत की मांग

कोरोना से लोग भी डरे हुए हैं, वैसे भी कोरोना के चलते तमाम काम पहले से ही रुके हुए थे. लेकिन सरकारी दफ्तरो में कोरोना ने अपनी पैठ बना ली है और दफ्तर पूरी तरह संक्रमित भी होने लगे हैं. ऐसे में रजिस्ट्री, जमीन के नामांतरण और ई स्टॉम्प की बिक्री भी नहीं हो पा रही है, इससे लोग भी परेशान हो रहे हैं. कुछ लोगों को तो पता ही नहीं है कि रजिस्ट्री दफ्तर में काम काज बंद हो गया है. वे साधारण दिनों की तरह यहां दफ्तर पहुंचते हैं और जब दफ्तर सील मिलता है तेरी डरकर वापस लौट रहे हैं. कोरोना के शुरुआती दौर से कर्मचारी-अधिकारी हिम्मत के साथ काम कर रहे है. ऐसे में इन योद्धाओं को ही सही तरीके से सुविधाएं ना मिली तो हालात और बुरे हो सकते हैं.

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