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रायपुर: गोल बाजार की बेशकीमती जमीन 1 रुपए टोकन मनी पर नगर निगम के नाम हुई ट्रांसफर - Land of Golbazar Raipur

राज्य सरकार के आदेश पर गोलबाजार की जमीन 1 रुपये टोकन मनी पर नगर निगम रायपुर के नाम ट्रांसफर कर दी गई है.

Raipur Municipal Corporation
रायपुर नगर निगम
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Published : Dec 5, 2020, 2:03 PM IST

रायपुर: राज्य सरकार के आदेश पर शहर के हृदय स्थल गोलबाजार की बेशकीमती जमीन 1 रुपए की टोकन मनी पर नगर निगम के नाम ट्रांसफर कर दी गई है. अब नगर निगम संपत्ति को दुकानदारों के नाम पर रजिस्ट्री कर सकेगा, हालांकि निगम ने यह फैसला लिया है कि जिन व्यक्तियों की दुकान सबसे पहले किराए पर दी गई थी, मालिकाना हक उसे ही दिया जाएगा और उसी के नाम पर रजिस्ट्री की जाएगी. गोल बाजार शहर का सबसे पुराना बाजार है और यहां करीब 960 दुकानें हैं.

नगर निगम को एक रुपए टोकन रेट पर मिली जमीन

राज्य शासन के राजस्व आपदा प्रबंधन विभाग ने नगर निगम को जमीन आवंटन करने का आदेश कलेक्टर को दे दिया है. इस तरह दुकानदारों के नाम पर जमीन की रजिस्ट्री का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया है. आदेश के अनुसार भूमि ब्लॉक 92, प्लॉट नंबर 1, रकबा 1,53,305 वर्ग फुट जमीन निगम को मिली है.

दुकानदारों की बढ़ी मुश्किल

निगम द्वारा 1950 से पहले दुकानों का आवंटन किया गया था. बाद में इनमें से कई लोगों ने दुकान बेच दी. निगम अधिकारियों के मुताबिक, आधे से ज्यादा दुकानें और पते हैं, जिन्हें एक नहीं बल्कि कई बार बेचा गया है, क्योंकि दुकान बेचने की अनुमति नहीं थी, इसलिए सारी खरीद-बिक्री कच्चे में हुई है.

पढ़ें- रायपुर: ऑनलाइन चाकू खरीदकर दोगुने दाम पर बेचने वाला युवक गिरफ्तार, जखीरा बरामद

वहीं नगर निगम ने यह तय किया है कि वह रजिस्ट्री उन्हीं की करेगा, जिनके नाम पर 1950 के पहले दुकानें आवंटित की गई थीं, ऐसे में गोल बाजार के 960 कारोबारी में से कई लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं.

इस पर नगर निगम महापौर एजाज ढेबर का कहना है निगम द्वारा आवंटित की गई दुकानों को किसी को खरीदा-बेचा नहीं जा सकता है. निगम अपने मूल किराएदार को मालिकाना हक देगी, जिन्होंने बाद में दुकानें खरीदी-बेचीं, वे आपस में समझ लें, क्योंकि वहां खरीद-बिक्री हो ही नहीं सकती. नगर निगम इसे अवैध ही मानेगा.

रायपुर: राज्य सरकार के आदेश पर शहर के हृदय स्थल गोलबाजार की बेशकीमती जमीन 1 रुपए की टोकन मनी पर नगर निगम के नाम ट्रांसफर कर दी गई है. अब नगर निगम संपत्ति को दुकानदारों के नाम पर रजिस्ट्री कर सकेगा, हालांकि निगम ने यह फैसला लिया है कि जिन व्यक्तियों की दुकान सबसे पहले किराए पर दी गई थी, मालिकाना हक उसे ही दिया जाएगा और उसी के नाम पर रजिस्ट्री की जाएगी. गोल बाजार शहर का सबसे पुराना बाजार है और यहां करीब 960 दुकानें हैं.

नगर निगम को एक रुपए टोकन रेट पर मिली जमीन

राज्य शासन के राजस्व आपदा प्रबंधन विभाग ने नगर निगम को जमीन आवंटन करने का आदेश कलेक्टर को दे दिया है. इस तरह दुकानदारों के नाम पर जमीन की रजिस्ट्री का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया है. आदेश के अनुसार भूमि ब्लॉक 92, प्लॉट नंबर 1, रकबा 1,53,305 वर्ग फुट जमीन निगम को मिली है.

दुकानदारों की बढ़ी मुश्किल

निगम द्वारा 1950 से पहले दुकानों का आवंटन किया गया था. बाद में इनमें से कई लोगों ने दुकान बेच दी. निगम अधिकारियों के मुताबिक, आधे से ज्यादा दुकानें और पते हैं, जिन्हें एक नहीं बल्कि कई बार बेचा गया है, क्योंकि दुकान बेचने की अनुमति नहीं थी, इसलिए सारी खरीद-बिक्री कच्चे में हुई है.

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वहीं नगर निगम ने यह तय किया है कि वह रजिस्ट्री उन्हीं की करेगा, जिनके नाम पर 1950 के पहले दुकानें आवंटित की गई थीं, ऐसे में गोल बाजार के 960 कारोबारी में से कई लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं.

इस पर नगर निगम महापौर एजाज ढेबर का कहना है निगम द्वारा आवंटित की गई दुकानों को किसी को खरीदा-बेचा नहीं जा सकता है. निगम अपने मूल किराएदार को मालिकाना हक देगी, जिन्होंने बाद में दुकानें खरीदी-बेचीं, वे आपस में समझ लें, क्योंकि वहां खरीद-बिक्री हो ही नहीं सकती. नगर निगम इसे अवैध ही मानेगा.

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