रायपुर : राज्य वीरता पुरस्कार के लिए 3 बच्चों का चयन किया गया है. जिसमें पहला जंबावती भूआर्य जो भानूप्रतापपुर, कांकेर जिले से है. वहीं दूसरे बच्चे का नाम सीताराम यादव है जो कि खमरिया बेमेतरा जिले से है. वहीं तीसरी बच्ची का नाम छाया विश्वकर्मा है. जो महासमुंद जिले से है. खास बात ये है कि इसमें एक बच्चा जिसका नाम सीताराम यादव है. उसे राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से भी नवाजा जाएगा.
छाया ने बताई अपनी कहानी : छाया वर्मा से जब उनकी वीरता की कहानी पूछी गई तब छाया ने बताया कि " एक पागल कुत्ता मेरी बहन को काट रहा था. तब मेरी बहन ने मुझे आवाज लगाई और मैं उसे बचाने के लिए गई. फिर मैंने उस पागल कुत्ते को झाड़ू से मारा. उसके बाद वह पागल कुत्ता मुझ पर भी हमला करने लगा. जिसके बाद मैंने उसे एक लात मारी और बहुत मशक्कत के बाद वह पागल कुत्ता वहां से भाग गया. अभी मेरी बहन ठीक है और मैं भी स्वस्थ हूं"
जंबावती ने दिखाई जांबाजी : वहीं दूसरी बच्ची जंबावती भूआर्या ने बताया कि "मेरी बहन इस चलकर पानी में गिर गई थी और मैंने उसे देखा उसके बाद मैंने जोर से अपनी मम्मी और चाचू को आवाज लगाकर बताया. इसके बाद मैं भी पानी में कूद गई और उसे पकड़कर बांस की डंडी के सहारे बाहर निकाला"
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छत्तीसगढ़ राज्य बाल कल्याण परिषद के संयुक्त सचिव राजेंद्र निगम ने इस विषय पर बताया कि " छत्तीसगढ़ शासन ने अधिकतम 5 बच्चों का चयन किया जाता है. लेकिन इस वर्ष 3 बच्चों का प्रकरण ज्यूरी के समक्ष आया था. जिसमें से एक बच्चा राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए दिल्ली गया हुआ है. दो बच्चे यहां मौजूद है जो राज्य वीरता पुरस्कार प्राप्त करेंगे. 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर राज्यपाल इन्हें सम्मानित करेंगी.''